RANCHI : सेक्रेटेरिएट में नौकरी लगाने के नाम पर बेरोजगारों से 40 लाख रुपए लेकर फरार फर्जी एडीएम शिव शंकर सिंह उर्फ हरेंद्र सिंह को दो सालों में पुलिस खोज नहीं सकी है। साल 2015 में ही उसके खिलाफ भुक्तभोगियों ने चुटिया थाने में ठगी की प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी। सिटी डीएसपी शंभु कुमार भी सुपरविजन रिपोर्ट भी दे चुके हैं.इस मामले में कोर्ट से कुर्की-जब्ती के लिए वारंट भी जारी किया जा चुका है। लेकिन वह पकड़ के बाहर है। सूत्रों के मुताबिक, नोयडा, दिल्ली और बिहार में भी उसने अपना ठिकाना बना रखा है। इधर, चुटिया थाना पुलिस आरोपी की तलाश में संभावित ठिकानों पर लगातार छापेमारी कर रही है।

फ्लैट में लगा है ताला

दो सालों से फरार चल रहा हरेंद्र सिंह बचने के लिए अपना ठिकाना और मोबाइल नंबर बदलता रहता है। कभी वह छपरा तो कभी नोएडा तो कभी दिल्ली में अपना आशियाना बनाता है। रांची में भी वह रांची में अलग-अलग जगहों पर नाम व ठिकाने बदल कर रहता है। चुटिया, डोरंडा, अशोकनगर समेत कई जगहों पर वह घर लेकर रह चुका है। ठिकाना पता चलते ही वह बदल लेता है। फिलहाल वह अशोक नगर के रामदेव विहार स्थित अपार्टमेंट में ताला लगाकर फरार है।

रुपए लौटाने की बात कह बच निकला

इधर बीते पांच जुलाई को पुलिस की गिरफ्त में आकर बच निकला। अरगोड़ा पुलिस ने छात्रों की शिकायत पर बीते पांच जुलाई को हिरासत में लिया था, लेकिन छात्रों से पैसे लौटाने की मोहलत लेकर बच निकला। चुटिया पुलिस को इसकी जानकारी मिली, तो पुलिस हाथ मलती रह गई। वह घर में ताला लगाकर फरार हो गया है।

बेरोजगारों से ठगे पांच-छह लाख

हरेंद्र सिंह ने खुद को सचिवालय में एडीएम होने की बात कहकर कई युवाओं को अपने झांसे में ले लिया था। उसने सचिवालय में नौकरी लगाने के नाम पर किसी से पांच लाख लिए तो किसी से छह लाख। इसके बाद उसने बेरोजगारों को विभिन्न विभागों का फर्जी नियुक्ति पत्र थमा फरार हो गया। ऐसे में भुक्तभोगियों की ओर से अरगोड़ा थाना में अशोकनगर के रामदेव सिंह सोसाइटी अपार्टमेंट ब्लॉक में रह रहे शिव कुमार सिंह उर्फ हरेंद्र सिंह के खिलाफ जालसाजी की प्राथमिकी दर्ज कराई थी।