-कर्मचारियों के वेतन से मार्च 2018 तक काटते रहे रकम

-मुख्य अभियंता ने मामले की जांच अधीक्षण अभियंता को सौंपी

बरेली : लोक निर्माण विभाग में जीपीएफ खाते खोलकर बड़े गोलमाल का मामला सामने आया है। विभाग में पुरानी पेंशन व्यवस्था समाप्त होने के बावजूद वर्ष 2006 से 14 कर्मचारियों के वेतन से रकम काटी गई, फिर अचानक मार्च 2018 में खाते में रकम जमा करनी बंद कर दी। इस पर कर्मचारियों ने कोर्ट की शरण ली। कोर्ट के निर्देश पर शासन सख्त हुआ और तत्कालीन इंजीनियरों व कार्मिकों के खिलाफ कार्रवाई के निर्देश अधिकारियों को दिए। मामले में मुख्य अभियंता राकेश राजवंशी ने अधीक्षण अभियंता वीके श्रीवास्तव को जांच सौंपी है

2005 में बंद हुई थी पेंशन

वर्ष 2005 से पूर्व सरकारी विभागों में नियुक्त होने वाले अधिकारियों व कर्मचारियों के सामान्य भविष्य निधि (जीपीएफ) खाते खोलकर उसमें अभिदान जमा किया जाता था। वर्ष 2005 के बाद की नियुक्तियों में जीपीएफ व्यवस्था बंद कर नई पेंशन स्कीम लागू की गई। बावजूद इसके पीडब्ल्यूडी के प्रांतीय खंड में तत्कालीन अधिशासी अभियंता द्वारा कई कर्मचारियों के भविष्य निधि खाते खोलकर भविष्य निर्वाह निधि में अभिदान की कटौती की जाती रही। पता चला तो पीडब्ल्यूडी के राष्ट्रीय मार्ग खंड के अधिशासी अभियंता ने मार्च 2018 में जीपीएफ खाते में किए जाने वाले अभिदान को बंद कर दिया। विभाग में नियम विरुद्ध तरीके से जीपीएफ खातों को वर्ष 2006 से मार्च 2018 तक संचालित किया गया। मामले में मुकेश कुमार शर्मा, अन्य कर्मचारियों ने सरकार के खिलाफ कोर्ट में याचिका दाखिल की। कोर्ट के आदेश पर अनु सचिव राजेंद्र प्रसाद ने पीडब्ल्यूडी उप सचिव को उत्तरदायी अभियंताओं, कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई को पत्र लिखा। इसके बाद कार्रवाई शुरू हुई है।

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विभाग में कुछ कर्मचारियों का जीपीएफ काटा गया है। मामले में शासन ने तत्कालीन अधिकारियों व कर्मचारियों पर अनुशासनिक कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। इस पर जांच अधीक्षण अभियंता को सौंपी है। -राकेश राजवंशी, मुख्य अभियंता, पीडब्ल्यूडी, बरेली मंडल