5000

रुपये दिये जाने की घोषणा की गयी थी विजेता को

3000

हजार रुपये दिये जाने थे दूसरे नंबर पर आने वाले को

2000

रुपये कैश मिलने थे थर्स प्लेस पर आने वाले को

100

रुपये रखा गया था नॉमिनेशन फीस

350

से अधिक ने कराया था रजिस्ट्रेशन।

हेडिंग सामने आया फ्रॉड का नया नमूना, प्रत्येक कैंडीडेट से वसूले गये थे सौ रुपये

परेड ग्राउंड पर जमकर हुआ बवाल, चले ईट-पत्थर, आयोजकों में से दो को पुलिस ने उठाया

सोशल मीडिया पर किया गया था प्रचार, दिन में रजिस्ट्रेशन, शाम को दौड़

prayagraj@inext.co.in

फ्रॉड करने वालों ने पृष्ठभूमि शानदार तैयार की थी। ऐसा कोई भी कदम नहीं उठाया था जिससे किसी को शक भी हो कि पूरा जाल बट्टा शातिरों ने बिछा रखा है और इसमें फंसने वाले को थकना भी है और लुटना भी है। आयोजन को नाम दिया था दो कैटेगिरी में रेस। दोनों में रजिस्ट्रेशन कराने के लिए शुल्क सौ रुपये निर्धारित था। बेसिकली रजिस्ट्रेशन के दम पर कमाने की पूरी योजना बनायी गयी थी। फाइनली वे इस योजना को अंजाम तक पहुंचाने में कामयाब भी हो गये। प्रतियोगी पुरस्कार राशि के करीब पहुंचे तो सामने सफाचट मैदान मिला। आयोजक धीरे-धीरे करके गायब हो चुके थे। ठगा सा महसूस कर रहे प्रतियोगियों के पास विरोध करने के अलावा कोई चारा नहीं था। ईट-पत्थर चलाकर उन्होंने विरोध दर्ज कराया तो पुलिस सक्रिय हो गयी। किसी तरह सबको शांत कराया गया। शातिरों के खेल में शामिल होने के शक में दो लोगों को उठा लिया गया। इन्हें कीडगंज थाने ले जाया गया है। पुलिस का कहना है कि तहरीर मिली तो रिपोर्ट दर्ज करके जांच और कार्रवाई की जाएगी।

फ्रॉड की भनक भी न लगने दी

दौड़ के आयोजकों ने करीब दस दिन पहले से सोशल मीडिया के तमाम प्लेटफॉर्म पर प्रचार शुरू कर दिया था। इसमें बताया जा रहा था कि 1600 और 800 मीटर कैटेगिरी में रेस आयोजित की जायेगी। प्रत्येक के लिए अलग-अलग रजिस्ट्रेशन होगा। रजिस्ट्रेशन शुल्क सभी को पे करना होगा। इसका स्पांसर देश की एक नामी बाइक कंपनी को बताया गया था। इसका वैन्यू इलाहाबाद यूनिवर्सिटी का स्पो‌र्ट्स ग्राउंड बताया जा रहा था। रजिस्ट्रेशन सेम डे ही आन द स्पॉट कराने के अलावा कोई ऑप्शन नहीं था। इसका असर यह हुआ कि आयोजक के बारे में किसी को कुछ भनक ही नहीं लगी। ह्वाट्सएप ग्रुप पर इसे शेयर किये जाने से भी अंदाजा नहीं लगाया जा सका कि इसके पीछे कोई शातिर दिमाग काम कर रहा है।

एक बजे से पहुंचने लगे कैंडीडेट

रेट में पार्टिसिपेट करने के लिए सैकड़ों कैंडीडेट इलाहाबाद यूनिवर्सिटी के साइंस फेकेलिटी ग्राउंड पहुंचे तो बताया गया कि वैन्यू चेंज कर दिया गया है। रेस अब परेड ग्राउंड से होगी। दिन में ही यहां तीन गाडि़यों से 12-13 लोग पहुंच चुके थे। गॉगल्स लगाये इन लोगों का आव भाव प्रभावशाली था। इनके पास कोई क्वैरी के लिए पहुंचता तो बताया जाता था कि बगल में लगे काउंटर पर पहुंचकर रजिस्ट्रेशन करावें। सैकड़ों लोगों ने काउंटर से लेकर फॉर्म भरा और पैसा भी जमा कर दिया। शाम चार बजे रेस को हरी झंडी दिखाने की बारी आयी तो यही लोग वहां खड़े हो गये। रन फॉर द नेशन नामक फर्म की ओट में इन लोगों ने रजिस्ट्रेशन कराने वालों को लाइन में लगवाया और फिर समय पर हरी झंडी दिखा दी।

झंडी दिखाकर सरकने लगे आयोजक

प्रतियोगी बताते हैं कि रेस को हरी झंडी दिखाने के बाद ही फर्म के लोगों ने सरकना शुरू कर दिया था। रेस समाप्त हुई और पुरस्कार वितरित करने का समय आया तो पता चला कि फर्म का प्रत्येक सदस्य कागज-पत्तर समेटकर गायब हो चुका है। इस पर प्रतियोगियों ने बवाल काटना शुरू कर दिया। इसमें शामिल दारागंज निवासी नीरज तिवारी, लालगोपालगंज निवासी सुरेश यादव, दारागंज निवासी राजनीश ठाकुदर, दारागंज निवासी जसवंत कुमार और कीड़गंज निवासी राजीव मिश्र ने दैनिक जागरण आई नेक्स्ट को बताया कि एक हफ्ते से सोशल मीडिया पर रन फॉर द नेशन दौड़ का प्रचार किया जा रहा था।

दो युवकों को हिरासत में लिया गया है। प्रतियोगिता में हिस्सा लेने वालों का कहना है कि वे आयोजकों से जुड़े हुए हैं। पूछताछ करके पता लगाया जा रहा है कि असलियत क्या है।

एसओ कीडगंज