The Reserve Bank of India

Electronic Transfer Dept

New Delhi

Ref: RBI/OA2/8138061

P/A $50000000GBP

Reserve Bank of India official payment notification

जरा इस ईमेल पर गौर फरमाएं। मेल का मैसेज पढऩे के बाद आप भी गच्चा खा जाएंगे। आईडी, नाम पोस्ट, इवन मेल के मैसेज में आरबीआई के गवर्नर का नाम इस तरह से प्रस्तुत किया गया है जैसे उनकी मंजूरी से ही यह मेल भेजी गई हो। लेकिन, ठहरिए! ऐसा बिल्कुल नहीं है। यह आनलाइन फ्राड करने वाले शातिरों का नया हथियार है जिसका इस्तेमाल वह पब्लिक को ठगने के लिए कर रहे हैं। आपके पास भी ऐसा कोई मेल आया है तो सावधान रहें क्योंकि, यह फेक मेल है और आरबीआई को भी पता है कि इस तरह की मेल भेजी जा रही है और लोगों को इसके प्रति अॅवेयर कर रहा है।

पुरस्कार की राशि कलेक्ट कर लें

साइबर क्रिमिनल्स अब सीधे भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर के नाम का इस्तेमाल करके मेल भेज रहे हैं। मेल मैसेज में आपको बताया जाता है कि आप इंग्लैंड या अमेरिका बेस्ट कंपनी के रैंडम आधार पर हुए सेलेक्शन में प्राइज के लिए सेलेक्ट किए गए हैं। यह आयोजन कंपनी ने किसी खास मौके के चलते किया था। खास बात यह है कि यह मेल उन्हीं लोगों के पास भेजी जा रही है जिन्हें पूर्व में ऐसी मेल मिल चुकी है और उन्होंने इस पर कोई रिस्पांस नहीं दिया। नवीन मेल में बताया जा रहा है कि आपके द्वारा जीते गए एमाउंट की डिलीवरी अभी तक नहीं हुई है। हाल ही में रिजर्व बैंक के गवर्नर के साथ हुई मिटिंग में मामले को डिस्पोज ऑफ करने को कहा गया है। आपके पास अंतिम चांस है कि आप अपना जीता गया एमाउंट कलेक्ट कर लें। इसके बाद आपको कोई मौका नहीं दिया जाएगा।

25 हजार 400 रुपए पहले जमा करें

मेल मैसेज में इसका उल्लेख होता है कि आपने जो भी एमाउंट जीता है उसमें से कोई भी धनराशि डिडक्ट नहीं की जा सकती। आपको 25400 रुपए जमा करने होंगे इसके बाद कंपनी आपको फंड का सर्टिफिकेट, ब्रोशर और अन्य डाक्यूमेंट्स कूरियर के थ्रू आपके होम एड्रेस पर भेज दिया जाएगा। आपका भरोसा जीतने के लिए आपकी पूरी डिटेल यथा, बैंक एकाउंट नंबर, पूरा नाम, आवासीय पता, मोबाइल नंबर आदि की भी इंफार्मेशन मांगी जाती है।

सब कुछ फेक है

साइबर एक्सपर्ट की मानें तो यह पूरी तरह से फ्राड है। पिछले दिनों पुलिस लाइंस में आरबीआई की तरफ से हुई वर्कशाप में आए एक्सपट्र्स ने इससे सावधान रहने के लिए कहा था। साइबर एक्सपर्ट का कहना है कि पहली बार फ्राड करने वाले फंड ट्रांसफर के नाम पर पैसा जमा कराते हैं। यह एमाउंट ट्रासफर हो जाने पर वे टैक्स जमा करने के लिए कहते हैं। दो बार पैसा जमा करने के बाद पब्लिक करोड़ों के लालच में फंस जाती है और फिर उसके पास रुपए गंवाने के अलावा कोई चारा नहीं होता।

भारतीय रिजर्व बैंक किसी को कोई मेल नहीं भेजता। इसका पब्लिक से डायरेक्ट कोई लेना-देना नहीं है। यह बैंकों का बैंक है। इसके नाम पर भेजे जाने वाले सभी मेल फेक होते हैं। आरबीआई के नाम पर कोई मेल मिले तो समझ जाएं कि साइबर क्रिमिनल्स आपको झांसा देने की कोशिश कर रहे हैं।

राहुल मिश्रा

साइबर एक्सपर्ट

सलाहकार

उत्तर प्रदेश पुलिस