मूल दस्तावेजों की जांच में लापरवाही, फोटोकापी पर दी गई नियुक्ति

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कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालयों में फर्जी पतों के सहारे नौकरी पाने वाली अनामिका शुक्ला सोरांव तहसील में भी तैनात थी। कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय में उसने करीब चार महीने नौकरी की। हालांकि फर्जी पता लगाकर नौकरी पाने का मामला संज्ञान में आने के बाद उसका वेतन रोक दिया गया। अब उसकी सेवा समाप्त करने और एफआइआर दर्ज कराने के निर्देश एडी (बेसिक) ने बीएसए को दिए हैं।

एडी बेसिक ने की जांच

जानकारी के अनुसार अनामिका ने प्रयागराज में 23 नवंबर 2019 से मार्च 2020 तक विद्यालय में ड्यूटी की। उसके बाद लॉकडाउन के कारण छुट्टी हो गई। इस बीच में इसके फर्जीवाड़े का मामला संज्ञान आने पर शासन ने जांच कराई। चूंकि प्रयागराज में भी तैनाती रही, इसलिए जांच एडी बेसिक रमेश कुमार तिवारी को सौंपी गई। उन्होंने बताया कि जांच में उसका निवास प्रमाण पत्र फर्जी पाया गया। उसके बैंक खाते में लगे आधार कार्ड में कानपुर और निवास प्रमाण पत्र में मैनपुरी का पता था। मैनपुरी में भी दो स्थानों का पता मिला। इसकी जांच नियुक्ति के समय ही हो जानी चाहिए थी, लेकिन नियुक्ति कमेटी में शामिल अधिकारियों ने इसकी अनदेखी की। मूल अभिलेखों का मिलान करने के बजाय उसके द्वारा आवेदन के साथ लगाए गए दस्तावेजों की फोटोकापी के आधार पर ही नियुक्ति दे दी गई। अब मामले में जिलाधिकारी से अनुमोदन कराकर उसकी सेवा समाप्त करने और एफआइआर कराने के निर्देश बीएसए को दिए गए हैं। दस्तावेजों की जांच में लापरवाही करने वालों के खिलाफ शासन कार्रवाई करेगा।

काउंसिलिंग के लिए जिस दिन बुलाया गया था, उस रोज अनामिका नहीं आई। जो दस्तावेज लगाई थी, उसी आधार पर उसकी नियुक्ति कर दी गई। बाद में फर्जी दस्तावेज पाए जाने पर वेतन रोक दिया गया। अब उसकी सेवा समाप्त करने की कार्रवाई के साथ एफआइआर दर्ज कराई जाएगी।

संजय कुमार कुशवाहा

बीएसए