RANCHI: रांची पुलिस ने लाखों रुपए की ठगी का केस पांच साल बाद आरोपियों के नहीं मिलने पर क्लोज कर दिया है। सिटी एसपी अमन कुमार ने डीएसपी की रिपोर्ट व छानबीन के आधार पर केस क्लोज किया है। उन्होंने बताया कि कांड का उद्भेदन करने के लिए कई गुप्तचरों को लगाया गया था, लेकिन आरोपियों का सत्यापन नहीं हो सका और न ही निकट भविष्य में सत्यापन होने की संभावना दिखती है। इस कांड को घटित हुए पांच वर्ष से अधिक समय हो गए हैं, इसलिए इस मामले को इतने दिनों से लंबित रखने का कोई औचित्य नहीं है।

2013 में दर्ज हुआ था मामला

जानकारी के मुताबिक, वर्ष 2013 में आलोक कुमार वर्णवाल ने कोर्ट में एक परिवाद दायर किया था। इसके आलोक में कोतवाली थाने में एक केस रजिस्टर्ड किया गया था। आलोक कुमार वर्णवाल लाइन टैंक रोड में रहते हैं। मामले में जब डीएसपी ने छानबीन की तो पाया कि आलोक कुमार वर्णवाल ने बरियातू के दो युवकों राजेश अग्रवाल व राकेश अग्रवाल को दोषी माना था और जालसाजी के मामले को सही बताया था।

फ्लैट छोड़ चले गए आरोपी (बॉक्स)

आरोपियों के बरियातू में जिस जगह पर रहने की बात बताई गई थी। जब उस जगह पर पुलिस पहुंची तो पाया गया कि दोनों आरोपी वहां किराए पर रहते थे और वर्ष 2013 में ही दोनों ने फ्लैट छोड़ दिया था। दोनों आरोपियों का पता लगाने के लिए पुलिस ने गुप्तचर व बरियातू थाना पुलिस की मदद ली। लेकिन, पता नहीं चल पाया।