-बरियातू थाने में पहुंचे दर्जनों लोग, पुलिस ने कार्रवाई का दिया आश्वासन

-नगर निगम का ठेकेदार बता श्री जगन्नाथ इंजीकॉन के मालिक ने 80 लोगों को लगाया चूना

रांची : केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी राजीव आवास योजना की राशि की बंदरबांट का तरीका अब बदल गया है। अब नटवरलाल खुद को नगर निगम का ठेकेदार बता गरीबों की योजना राशि उड़ा रहे हैं। ऐसे मामलों में स्थानीय पार्षद भी ठगों का साथ दे रहे हैं। राजधानी में डोरंडा के बाद अब बरियातू में ऐसा मामला सामने आया है। नगर निगम का ठेकेदार बनकर श्री जगन्नाथ इंजिकॉन के मालिक आनंद कुमार ने बरियातू के लगभग 80 लोगों को करोड़ों का चूना लगाकर फरार हो गया है। इनमें पांच लोगों ने अपने साथ हुई धोखाधड़ी का दावा लेकर बरियातू थाने में मामला दर्ज कराया है।

मामला दर्ज

मामला रोहन तिर्की ने दर्ज करवाया है। रविवार को बड़ी संख्या में बरियातू आदिवासी टोला के लाभुक जुटकर बरियातू थाना पहुंचे थे। थाने में ठगी के शिकार लोगों ने हंगामा भी किया। पुलिस ने लोगों को बरियातू पुलिस मामले की छानबीन में जुट गई है। मौके पर आजसू महानगर अध्यक्ष मुनचुन राय भी पहुंचे थे।

सादे चेक में हस्ताक्षर

पीडि़त लाभुकों के मुताबिक आनंद कुमार आदिवासी मोहल्ले में श्री जगन्नाथ इंजिकॉन के मालिक आनंद कुमार पहुंचा था। उसने खुद को निगम का ठेकेदार बताकर आवास बनाने की जिम्मेदारी लेते हुए लोगों से योजना की राशि मांगी। योजना राशि खाते में रहने की बात बताने पर आनंद कुमार ने सादे चेक ले लिए। कई से खाते में ट्रांसफर भी करवाया। कुछ लोगों का आवास बनवाया। कुछ लोगों थोड़ा मैटेरियल गिराया। इसके बाद फरार हो गया है।

किनसे कितनी ठगी :

रोहन तिर्की - 2.54 लाख

चांगो उरांव - 2.54 लाख

पहुवा उरांव - 1.73 लाख

राजमुनी मुंडा -1.74 लाख

छोटू मुंडा - 2.12 लाख

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डोरंडा के बड़ा घाघरा में 600 लाभुकों को लगाया है चूना

वार्ड-50 स्थित बड़ा घाघरा में राजीव आवास योजना के लगभग 600 लाभुकों को करोड़ों का चूना लगाया गया है। केंद्र सरकार की योजना के तहत राज्य सरकार ने पक्का मकान बनाने के लिए राशि दी, जिसे ठेकेदारों ने चेक पर हस्ताक्षर या अंगूठा का निशान लगवाकर उनके बैंक खाता से पहली, दूसरी व तीसरी किस्त की राशि की निकासी कर ली। इसके बाद चंपत हो गए। इस मामले में लाभुक अमृत जे कच्छप ने डोरंडा थाना में ठेकेदार गोपी राव के खिलाफ मामला दर्ज कराया है। इसमें वार्ड पार्षद लक्ष्मण कच्छप को भी आरोपी बनाया गया था। मामले में लाभुकों ने राज्य मानवाधिकार आयोग सहित कई जगहों पर शिकायत दर्ज कराई थी।