कानपुर। 9 सितंबर 1853 को सिडनी में जन्में फ्रेड स्पोफफोर्थ ऑस्ट्रेलियाई टीम के धाकड़ गेंदबाजों में से एक रहे हैं। स्पोफफोर्थ को अपनी टीम टीम के लिए ज्यादा इंटरनेशनल मैच खेलने का मौका तो नहीं मिला मगर जितने मैच खेले उसमें इतिहास रच दिया। फ्रेड के नाम टेस्ट क्रिकेट में पहली हैट्रिक लेने का रिकाॅर्ड दर्ज है।

दुबले-पतले गेंदबाज का करिश्मा

टेस्ट क्रिकेट का इतिहास देखा जाए तो शुरुआत में सिर्फ दो टीमें थीं जिनकी धाक जमी हुई थी। पहली इंग्लैंड और दूसरी ऑस्ट्रेलिया...इन दोनों टीमों ने एक से बढ़कर एक धुरंधर खिलाड़ी दिए। ऐसा ही एक धाकड़ खिलाड़ी था ऑस्ट्रेलिया का। जिसका नाम है फ्रेड स्पोफफोर्थ, शरीर से दुबले-पतले और लंबे फ्रेड को देखकर कोई भी अंदाजा लगा सकता है कि यह एक तेज गेंदबाज होगा। फ्रेड ने ऑस्ट्रेलिया के लिए कई टेस्ट मैच खेले। उस समय फ्रेड की गेंदबाजी विरोधी खेमे में भूचाल ला देती थी।


टेस्ट क्रिकेट की पहली हैट-ट्रिक
फ्रेड स्पोफफोर्थ ने ऑस्ट्रेलियाई टीम की तरफ से अपना पहला टेस्ट मैच साल 1877 में मेलबर्न में खेला था। पहले मैच में ही अपनी गेंदबाजी से प्रभावित करने वाले फ्रेड के लिए सबसे यादगार लम्हा दो साल बाद आया। साल 1879 में दो जनवरी को ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड के बीच एमसीजी में टेस्ट मैच खेला जा रहा था। इंग्लैंड की टीम टॉस जीतकर पहले बैटिंग करने उतरी। उस समय किसी को यकीन नहीं था कि अगले कुछ घंटों में ऐसा अनोखा रिकॉर्ड बनेगा जो इतिहास में दर्ज हो जाएगा। ऑस्ट्रेलियाई पेसर फ्रेड स्पोफफोर्थ ने अपनी धारदार गेंदबाजी से इंग्लिश बल्लेबाजों की कमर तोड़ दी। टीम का स्कोर अभी 26 रन ही था कि फ्रेड ने लगातार तीन गेंदों में तीन विकेट लेकर इंग्लैंड का स्कोर 26 रन पर 7 विकेट कर दिया। टेस्ट क्रिकेट में यह पहला मौका था जब किसी गेंदबाज ने हैट ट्रिक ली।


फर्स्ट क्लॉस क्रिकेट में 853 विकेट लिए

ऑस्ट्रेलिया टीम में हमेशा ही बेहतर खिलाड़ियों की लाइन लगी रही है। फ्रेड के पास टैलेंट तो था लेकिन वह ऑस्ट्रेलियाई टीम के लिए ज्यादा मैच नहीं खेल पाए। फ्रेड ने कुल 18 टेस्ट खेले जिसमें उन्होंने 94 विकेट लिए। वहीं फर्स्ट क्लॉस क्रिकेट की बात करें तो फ्रेड के खाते में 155 मैचों में 853 विकेट दर्ज हैं।

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