प्रतीक के दिन आजकल ठीक नहीं चल रहे. उनकी रीसेंट फिल्म एक दीवाना था कुछ खास कमाल नहीं दिखा पाई और उन्होंने अपने डायरेक्टर-फ्रेंड संजय लीला भंसाली को भी दुख पहुंचाया है. प्रतीक अपनी पिछली फिल्म माई फ्रेंड पिंटो के फ्लॉप हो जानेका ब्लेम  संजय पर लगा रहे हैं. इस बात से संजय काफी अपसेट हैं. प्रतीक को यह बोलते सुना गया है कि संजय के पास फिल्म के लिए वक्त नहीं था और वह सेट्स पर कभी नहीं आते थे.

संजय जो कुछ दिन पहले तक प्रतीक की तारीफ करने में लगे थे, ये सब सुनकर वह बहुत शाक्ड हैं. संजय के करीबी सोर्स का कहना है, ‘संजय शुरू से ही फिल्म की मार्केटिंग और प्रोमोशन्स में लगे थे. इनफैक्ट माई फ्रेंड पिंटो का प्रमोशन उनकी बीते दिनों रिलीज हुई फिल्म एक दीवाना था से कहीं ज्यादा हुआ. अब प्रतीक का इस तरह से ब्लेम करना नादानी है.’ दरअसल यह ब्लेम का गेम फिल्म के डूब जाने के बाद शुरू हुआ लेकिन भंसाली ये सोचकर हैरान हैं कि प्रतीक ने यह सब फिल्म बनने के दौरान क्यों नहीं कहा? ध्यान देने वाली बात ये है कि धोबी घाट को इतनी तारीफ मिलने के बाद भी प्रतीक का करियर ग्राफ नीचे गिरता जा रहा है.

ऐसे  में भंसाली जैसे बड़े फिल्ममेकर के साथ पंगा लेना उन्हें महंगा भी पड़ सकता है. सोर्स तो ये भी कहते हैं कि प्रतीक इतने बड़े एक्टर नहीं हैं कि वह किसी फिल्म को खुद कैरी कर सकें. प्रतीक के क्लोज सोर्स का कहना है, ‘प्रतीक संजय की बहुत रिस्पेक्ट करते हैं और वह उनके बुलाने पर आधी रात को भी उनके पास जा सकते हैं. मगर उन्हें इस बात से बहुत दुख हुआ कि संजय फिल्म की शूटिंग एंड प्रोमोशन्स में कभी मौजूद नहीं रहे.’

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