- एमएमएमयूटी के मैथमेटिक्स डिपार्टमेंट की ओर से ऑर्गेनाइज हुआ नेशनल सेमिनार

GORAKHPUR :

मैकेनिकल, इंजीनियरिंग सेक्टर की एक ऐसी अहम ब्रांच, जिसका यूज अर्थ से लेकर स्पेस तक हर जगह होता है। अर्थ की बात करें तो कोई भी जो मशीन्स के थ्रू एक जगह से दूसरी जगह तक मूव करती है। चाहे वह प्लेन हो, ट्रेन या फिर सड़क पर फर्राटा भरती हुई गाडि़यां। इसलिए इंजीनियरिंग की इस ब्रांच का फ्यूचर में काफी बड़ा और अहम रोल होगा। यह बातें सामने आई एमएमएम यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्नोलॉजी में 'फ्यूचरिस्टिक्स इन मैकेनिकल इंजीनियरिंग' टॉपिक पर ऑर्गेनाइज नेशनल सेमिनार में, जहां बडिंग इंजीनियर्स को फील्ड के दिग्गजों ने उनके फ्यूचर करियर की पॉसिबिल्टीज के बारे में आउटलाइन पेश की।

रेलवे में काफी पॉसिबिल्टीज

नेशनल कॉन्फ्रेंस के दौरान बतौर चीफ गेस्ट एनई रेलवे के जीएम केके अटल मौजूद रहे। उन्होंने रेलवेज में फ्यूचर पॉसिबिल्टीज को बताते हुए कहा कि मैकेनिकल, इंजीनियरिंग की एक अहम ब्रांच है। पहले जहां स्टीम इंजन यूज किए जाते थे, वहीं उसके बाद डीजल इंजन यूज किए जाने लगे, वहीं अब इलेक्ट्रिक इंजन इनकी जगह ले रहे हैं। ट्रेन्स की तादाद बढ़ने से लगातार इंजन की भी जरूरत पड़ती है, वहीं इसके रख-रखाव के लिए भी इंजीनियर्स की जरूरत पड़ती है। यही नहीं जिस तरह से स्टीम इंजन से इलेक्ट्रिक इंजन का सफर तय हुआ है, वैसे ही आगे कई पॉसिबिल्टीज है, जिनपर स्टूडेंट्स को फोकस और रिसर्च करने की जरूरत है।

स्पेस इंजीनियरिंग में भी मैकेनिकल की डिमांड

मैकेनिकल इंजीनियरिंग का यूज सिर्फ अर्थ या ट्रेंस में नहीं बल्कि स्पेस में भी बड़े पैमाने पर होता है। सैटेलाइट को बनाने में भी इसका यूज होता है। यह बातें इसरो, अहमदाबाद स्पेस एप्लीकेशन सेंटर एंटीना मैकेनिकल डिवीजन के साइंटिस्ट एसी माथुर ने कहीं। उन्होंने स्पेस मैकेनिकल इंजीनियरिंग और उससे जुड़े अहम पहलुओं पर अपनी बातें रखीं। गेस्ट का वेलकम कनवेनर डॉ। डीके सिंह ने किया। इस दौरान ऑर्गेनाइजिंग सेक्रेटरी डॉ। एससी जायसवाल ने वोट्स ऑफ थैंक पेश किए। इस दौरान गुजरात, पांडिचेरी, दिल्ली, एमपी के साथ देश के अलग-अलग कोने से आए ख्ख् पार्टिसिपेंट्स ने अपने रिसर्च पेपर प्रेजेंट किए। प्रोग्राम का संचालन पुलकित सूद और काव्या सिंह ने किया।