-शहर के ज्यादातर चौराहों लगे भीषण जाम से जूझती रही पब्लिक, मूकदर्शक बना प्रशासन

-बगैर मेला शुरू हुए ही जाम की यह दशा तो स्नान पर्वो पर क्या होगा ट्रैफिक सिस्टम का हाल

PRAYAGRAJ: साल का पहला दिन था, ऊपर से पेशवाई। ऐसी स्थिति में शहर से लेकर मेला क्षेत्र तक मंगलवार को ट्रैफिक व्यवस्था पूरी तरह से चरमराई हुई नजर आई। शायद ही कोई ऐसा चौराहा था जहां पर जाम की स्थिति न रही हो। हर कदम पर जाम में फंसे लोगों की जान सांसत में रही। यह दशा तब रही जब चौराहों पर ट्रैफिक व सिविल पुलिस के जवान ड्यूटी पर तैनात किए गए थे। ऐसे में सवाल यह उठता है कि जाम का अभी यह हाल है, तो मेला शुरू होने या मुख्य स्नान पर्वो पर ट्रैफिक व्यवस्था की दशा क्या होगी?

जवानों को छूटा पसीना

नए वर्ष की खुशी सेलिब्रेट करने के लिए सुबह से ही युवाओं का जत्था सड़कों पर निकल पड़ा। मेला क्षेत्र से लेकर पार्को की तरफ इनका रुख ज्यादा रहा। ऊपर से रोजमर्रा की भीड़ तो थी ही। ऐसे में सुबह से ही चौराहों पर तगड़ा जाम रहा। लोकसेवा आयोग चौराहे से लेकर पत्रिका चौराहा, आजाद पार्क चौराहा, सिविल लाइंस तुलसी चौराहा, एसआरएन मोड़ चौराहा, मेडिकल चौराहा ही नहीं, बालसन चौराहे पर भी दिन भर जबरदस्त जाम की स्थिति रही। बालसन से आगे ओपीबाग फ्लाई ओवर के नीचे मेला रोड पर भी तगड़ा जाम रहा। मेला क्षेत्र काली सड़क भी इस जाम से अछूती नहीं रही। हर जगह जाम में फंसे लोगों के चेहरे पर गुस्से का भाव साफ तैर रहा था। जाम की वजह से लोगों का घंटों वक्त तो बर्बाद हुआ। आलम यह रहा कि चौराहों पर जाम को छुड़वाने में पुलिस व ट्रैफिक के जवानों को पसीने छूट रहे थे। हर कोई जाम से उफ कर चुका था।

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जाम के दस प्रमुख कारण

1- चौराहों पर पुलिस व ट्रैफिक के जवानों द्वारा सख्ती से पेश न आना

2- पहले से ट्रैफिक कंट्रोल को लेकर अधिकारियों का सचेत न रहना

3- ई-रिक्शा चालकों की मनमानी व आड़े तिरछे से निकलने की प्रवृत्ति

4- विक्रम चालकों की मनमानी जहां चाहे वहीं पर वाहन खड़े कर देना

5- बाइक चालकों द्वारा जिस से भी जगह पाए उधर ही घुस कर निकलना

6- कार व अन्य बड़े वाहनों द्वारा कतार बद्धता का सिस्टम फॉलो न करना

7- चौराहों पर ड्यूटी में लगाई गई फोर्स के निर्देशों का पालन न करना

8- सड़क की पटरी व आधी सड़क रेछ कर दुकानों का लगाया जाना

9- जगह-जगह ट्रक, विक्रम, छोटे भार वाहनों को रोड पर खड़ा कर देना

10- ट्रैफिक सिस्टम की बात करने वाले लोगों द्वारा ही सिस्टम तोड़ा जाना