- अल्ट्रावायलेट इंडेक्स पहुंचा 11 प्लस, रेडिएशन से कई बीमारियों का खतरा

- दस दिन तक बने रहेंगे यही हालात, सन एक्सपोजर से बचने में ही भलाई

<- अल्ट्रावायलेट इंडेक्स पहुंचा क्क् प्लस, रेडिएशन से कई बीमारियों का खतरा

- दस दिन तक बने रहेंगे यही हालात, सन एक्सपोजर से बचने में ही भलाई

ALLAHABAD: allahabad@inext.co.in

ALLAHABAD: सूर्य की किरणों ने अब बीमारी बरसानी शुरू कर दिया है। ब्भ् से ब्8 डिग्री के बीच वैरियेट कर रहे पारे से अल्ट्रावायलेट इंडेक्स एक्ट्रीम पोजिशन पर पहुंच चुका है। इससे अल्ट्रा वायलेट रेडिएशन खतरा मंडराने लगा है। इस परिस्थिति में ज्यादा देर तक सन एक्सपोजर आपको निश्चित रूप से खतरनाक बीमारियों की चपेट में पहुंचा देगा।

यूवी रेडिएशन है खतरनाक

वेदर कंडीशन की जानकारी देने वाली एजेंसियों के आंकड़े बताते हैं मंडे को इलाहाबाद में अल्ट्रावायलेट इंडेक्स एक्सट्रीम पोजिशन यानिक्क् प्लस तक पहुंच गया। यही नहीं अगले करीब दस दिन यानी क्0 जून तक अल्ट्रावायलेट रेडिएशन से राहत मिलने वाली नहीं है। क्योंकि वेदर एजेंसीज की फोरकास्ट रिपोर्ट बताती है कि दस जून तक अल्ट्रावायलेट इंडेक्स अपने एक्सट्रीम पोजिशन में यानी क्क् के आसपास ही वैरिएट करेगा। वहीं टेंपरेचर ब्क् से ब्ब् डिग्री के बीच रहेगा.क्0 जून के बाद ही कुछ राहत मिलेगी।

सन एक्सपोजर को करें एवायड

एक्सपर्ट बताते हैं कि यूवी रेडिएशन का लगातार एक्सपोजर स्किन, आंख और इम्यून सिस्टम के लिए बेहद खतरनाक हो सकता है। यूवी रेडिएशन के ओवर एक्सपोजर से सनबर्न, कैटरेक्ट और आंखों से जुड़ी दूसरी बीमारियां, स्किन कैंसर, स्किन डैमेज का खतरा रहता है। इम्यून सिस्टम पर असर पड़ने के कारण इंफेक्शन का खतरा बढ़ने के साथ-साथ वैक्सीन का इफेक्ट भी कम होता है। यूवी रेडिएशन से बचने के लिए सीधे तौर पर धूप से बचना होगा।

क्या है यूवी इंडेक्स

यूवी इंडेक्स अल्ट्रा वायलेट रेडिशन के स्तर को बताता है, जो जीरो से शुरू होता है। यूवी इंडेक्स जितना अधिक हो, स्किन और आंख के डैमेज होने का खतरा उतना ही ज्यादा रहता है।

यूवी इंडेक्स- कैटगरी

0-ख् लो

फ्-भ् मीडियम

म्-7 हाई

8-क्0 वेरी हाई

क्क् प्लस- एक्सट्रीम

ऐसे करें मैनेज

व‌र्ल्ड हेल्थ आर्गनाइजेशन के मुताबिक 0 से ख् यूवी इंडेक्स होने पर किसी तरह का खतरा नहीं है। इससे किसी तरह के प्रोटेक्शन की जरूरत नहीं है। फ् से 7 यूवी इंडेक्स रहने पर प्रोटेक्शन आवश्यक है। इसमें खुद को कवर करना, सन स्क्रीन लोशन, सन ग्लासेज का इस्तेमाल जरूरी है। यूवी इंडेक्स म् से 7 रहने पर दिन में क्क् से ब् बजे तक अगर धूप में निकलें तो खुद को पूरी तरह कवर करके रखने के साथ ही अन्य जरूरी उपाय भी करें। इसके बाद की कंडीशन में धूप से बचना ही सबसे बेहतर उपाय है।

क्या है अल्ट्रावायलेट रेडिएशन?

अल्ट्रावायलेट किरणें सूर्य के प्रकाश का ही हिस्सा हैं जो धरती तक पहुंची हैं। इन्हीं से जनित अल्ट्रावायलेट रेडिएशन अदृश्य होते हैं। ये तीन प्रकार के होते हैं- यूवीए, यूवीबी और यूवीसी। 'ए' से 'सी' तक इसके वेवलेंथ में कमी आती है, लेकिन तीव्रता बढ़ती है। यानी यूवीए कम और यूवीसी त्वचा को अधिक नुकसान पहुंचाती है। सिर्फ यूवीए और यूवीबी किरणें ही धरती तक पहुंचती हैं, जबकि यूवीसी किरणें वायुमंडल द्वारा रोक दी जाती हैं।

ये लक्षण दिखें तो हो जाएं एलर्ट

- सन बर्न के लक्षण सन एक्सपोजर के कुछ घंटों बाद ही दिखने लगते हैं।

- सन बर्न का शिकार हुई त्वचा छूने पर गर्म मालूम पड़ती है

- शरीर की त्वचा अगर लाल हो जाए तो

- सूजन के साथ शरीर में शुरू हो जाता है दर्द

- शरीर पर पानी भरे हुए छाले निकल आते हैं

- कपकपी वाला बुखार शुरू हो जाए, मतली और थकावट महसूस होने लगे तो

- यूवी रेडिएशन का एक्सपोजर होने पर स्किन, बाल, आंख और स्किन का रंग डिस्टर्ब हो जाता है

- यूवी रेडिएशन की वजह से शरीर का इम्यून सिस्टम डिस्टर्ब हो जाता है

ऐसे करें बचाव

- सुबह दस बजे से शाम चार बजे तक सूरज की रोशनी के सीधे संपर्क में आने से बचें

- क्भ् से फ्0 सन प्रोटेक्शन फैक्टर-एसपीएफ वाले लोशन का इस्तेमाल करें

- खुले और पूरी बांह वाले कपड़े पहनें

- चौड़े फ्रेम वाले सनग्लास इस्तेमाल करें

- हल्के रंगों के कपड़े पहनें

- मॉइस्चराइजर का इस्तेमाल करें

- धूप में निकलते वक्त छतरी का इस्तेमाल करें

- धूप में निकलने से आधा घंटा पहले शरीर पर सनस्क्रीन लोशन जरूर लगाएं

- सनबर्न होने पर चंदन का लेप लगाएं

- सन बर्न हुए हिस्से पर ठंडी चीज रख कर दबाएं

- प्रभावित हिस्से पर लोशन जैसे एलोवेरा जेल लगाने से आराम मिलता है

- तेज गर्मी के चलते अल्ट्रावायलेट रेडिएशन धरती तक पहुंच रहा है। टेंपरेचर जब ब्0 डिग्री के ऊपर पहुंच जाता है तो अल्ट्रावायलेट रेडिएशन आना तय है। ब्0 डिग्री से उपर टम्परेचर होने पर वॉटर लॉक के साथ अल्ट्रावायलेट रेडिएशन से स्किन जलने का खतरा बढ़ जाता है। ऐसे में धूप में ज्यादा देर तक रहने से बचना चाहिए। तेज तापमान होगा तो यूवी इंडेक्स बढ़ेगा। इसलिए एक्सपोजर से बचाव करना चाहिए।

डा। सुनीत द्विवेदी

एसोसिएट प्रोफेसर

वायुमंडलीय एवं समुद्रीय विज्ञान

इलाहाबाद यूनिवर्सिटी