- स्वजनों ने थाना फतेहपुर सीकरी पहुंच की शिनाख्त, बठिंडा पुलिस ने दर्ज नहीं की थी गुमशुदगी

- 30 सितंबर को कार्बन सहाय स्मारक के समीप पड़ा मिला था शव, जेब में मिला था ट्रेन का टिकट

फतेहपुर सीकरी। कार्बन सराय स्मारक के समीप 30 सितंबर को मिले शव की शिनाख्त बठिंडा निवासी युवक के रूप में हुई है। वह फ्रूट चाट बेचता था। शनिवार को परिजन थाने पहुंचे और पुलिस को उसके विषय में जानकारी दी।

मृतक की शिनाख्त बंठिडा के मुक्तसर निवासी बंटी उर्फ अफजल पुत्र असगर अली के रूप में हुई। शनिवार को थाने पहुंचे स्वजनों का रो-रोकर बुरा हाल था। उन्होंने पुलिस को बताया कि अफजल घोड़ा गाड़ी पर फ्रूट चाट बेचता था। 27 सितंबर को पास के ही रहने वाला भंवर सिंह उसने अपने साथ बठिंडा ले गया था। पिता असगर अली ने बताया कि भंवर ने अफजल से कहा था कि बठिंडा में काम अच्छा चलेगा। दो दिन बाद भंवर तो लौट आया लेकिन अफजल नहीं आया तो उससे पूछा गया। भंवर ने कहा था कि अफजल बठिंडा रह गया है। उसने अपनी घोड़ा गाड़ी उसे दे दी है, जब वह आएगा तब हिसाब कर लिया जाएगा। इधर, स्वजनों ने बठिंडा के मुक्तसर थाने में कई चक्कर लगाए लेकिन उसकी गुमशुदगी दर्ज नहीं हुई। इधर, फतेहपुर सीकरी पुलिस को बठिंडा रेलवे स्टेशन पर सीसीटीवी कैमरे में अफजल तो दिखा लेकिन वहां गुमशुदगी दर्ज नहीं थी लिहाजा पुलिस लौट आई। वहां समाचार पत्रों में विज्ञापन प्रकाशित कराया गया। इसके बाद परिजनों ने शनिवार को थाने पहुंच शिनाख्त की।

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पुलिस गुमशुदगी लिख लेती तो भाई के अंतिम दर्शन हो जाते

अफजल शादीशुदा था। उसके ढाई साल की बेटिी आलिया और एक साल का बेटा शाहिल हैं। मृतक के बड़े भाई अफसर अली और अख्तर अली ने बताया कि बठिंडा के मुक्तसर थाने में उन्होंने कई बार चक्कर लगाए लेकिन पुलिस ने उनकी गुमशुदगी दर्ज नहीं की। यदि पुलिस गुमशुदगी लिख लेती तो समय रहते वे अपने भाई के अंतिम दर्शन जरूर कर लेते।

पत्‍‌नी ने हाथ जोड़ लगाई इंसाफ की गुहार

शनिवार को थाने पहुंची अफजल की पत्‍‌नी हुसना का रो-रोकर बुरा हाल था। थाने के बाहर वह दहाड़ मारकर हाथ जोड़कर इंसाफ की गुहार लगा रही थी। वहीं इंस्पेक्टर भूपेंद्र सिंह बालियान का कहना है कि मामले में कई कडि़यों को जोड़ा जा रहा है। जल्द ही हत्याकांड का खुलासा किया जाएगा।