फिल्म का नाम इतना अटपटा क्यों हैं?
गांव में एक मान्यता है कि जब संतान पैदा होते ही मर जाए और आने वाली संतानो के सर्वाइव करने के चांस न हो तो उसका अटपटा सा नाम रख दिया जाता है। गोबर सिंह का कैरेक्टर भी इसी मान्यता से जुड़ा है। फिल्म में इसकी प्रेमिका की नाम 'चिपरीÓ है, गोबर को पाथकर चिपरी बनाई जाती है जिसकी आग में लिट्टी पकाई जाती है।

वीर अब्दुल हमीद का ख्याल कैसे आया?
भोजपुरी में स्वतंत्रता संग्राम के आंदोलनों और ऐतिहासिक कहानियों पर फिल्मों का निर्माण थोड़ा मुश्किल है। स्टीरियोटाइप के फ्रेम से बाहर निकलने के लिए यह जरूरी है कि नये एक्सपेरीमेंट किए जाएं। इसलिए जब हिंदी में वीर अब्दुल हमीद का कैरेक्टर मिला तो रोम- रोम खिल गया। इसके पहले मैं परमवीर परशुराम का भी किरदार कर चुका हूं।

गोरखपुर ने आप को नेम-फेम दिया, यहां के लिए क्या करेंगे?
एक टाइम में भोजपुरी फिल्में कोमा में चली गईं थीं। ऐसे में 'ससुरा बड़ा पइसावालाÓ फिल्म मिली। फिल्म सुपरडुपर हिट हो गई। तब भोजीवुड ने अंगड़ाई ली जिसमें गोरखपुर का बड़ा योगदान रहा। यह शहर मेरा घर है जहां आकर दिल को सुकून मिलता है। गोरखपुर के लिए भी बड़ी चीज का प्लान है, वह ग्राउंड पर आने के बाद बताऊंगा। गोरखपुर का इतना कर्ज है मुझपे कि ब्याज भी बड़ी मुश्किल से जुटा पाऊंगा।

फिल्मसिटी के लिए सिर्फ बातें हो रही, काम कब होगा?
सीएम अखिलेश जी से हमारी बात हुई है। फिल्मसिटी निर्धारित है गोरखपुर और लखनऊ के बीच में इसका कंस्ट्रक्शन किया जाएगा। 2014 तक इसका काम शुरू होने की उम्मीद है। जया 'भाभीÓ से उम्मीद है कि वे इसके लिए प्रयास करेंगी। हैदराबाद और मुंबई के गोरेगांव में गवर्नमेंट ने फिल्मसिटी बनवाई है। एमपी और जयपुर में भी प्रोजेक्ट का प्रपोजल है।

भोजपुरी में वल्गैरिटी के खिलाफ कुछ क्यों नहीं करते?
सिर्फ हमारे प्रयास से कुछ नहीं होगा। वल्गैरिटी भोजपुरी के नाम पर कलंक है। इसे रोकने के लिए सरकार को कानून बनाना चाहिए। यूपी का अपना सेंसर बोर्ड होना चाहिए। सेंट्रल सेंसर बोर्ड में यूपी का कोई मेंबर नहीं है। बिना देखे ही फिल्मों को पास कर दिया जाता है। ऐसी परिस्थितियों में आईनेक्स्ट से प्रार्थना है कि भोजपुरी सिनेमा में अच्छे प्रयास करने वालों को सम्मान दें।

अपने सांग के लिए आइडिया कहां से लाते हैं?
हॉस्टल में रहकर बहुत कुछ सीखा। सभी गाने कहीं न कहीं हास्टल लाइफ से प्रभावित होते हैं। मां की प्रेरणा से मैं इस मुकाम पर पहुंचा हूं। फिल्मों में आकर वर्दी पहनने का सपना पूरा हुआ। गांव की माटी से निकलकर भोजपुरी की महक आज दुनिया भर में फैल गई है।

आने वाली फिल्मों के बारे में कुछ बताइए
मेरी लास्ट फिल्म गंगा, जमना, सरस्वती थी। आने वाली फिल्म 'यादव पान भंडारÓ है। इसकी शूटिंग भदोही और मुंबई में हुई है। अब वीर अब्दुल हमीद की तैयारी है इसमें मेरा लीड रोल है।

 

report by : arun.kumar@inext.co.in