-डिस्ट्रिक्ट में बीते साल की तुलना बलवों की संख्या में नहीं आयी कोई कमी

-जनवरी से 15 दिसंबर तक बरेली जिले में बलवे के दर्ज हुए 122 मुकदमें

BAREILLY: डिस्ट्रिक्ट में लॉ एंड ऑर्डर को मेंटेन करने में पुलिस इस साल भी कामयाब नहीं हो पायी। पूरे साल बवाल का सिलसिला जारी रहा। वर्ष 2016 में 15 दिसम्बर तक के आंकड़ों पर गौर फरमाएं तो औसतन हर तीसरे दिन बलवा ने पुलिस का चैन छीना है।

ज्यादातर त्योहारों में हुए बवाल

बरेली में किसी भी त्योहार को शांतिपूर्ण संपन्न कराना पुलिस के लिए सबसे बड़ी चुनौती होती है। इसलिए पुलिस का ध्यान भी ज्यादातर लॉ एंड ऑर्डर पर रहता है। एक त्योहार खत्म होता है, तो दूसरा शुरू हो जाता है। औसतन एक से ज्यादा जुलूस निकलते हैं। शहर हो या फिर देहात सभी जगह बवाल होता है। कभी पुलिस शहर में दौड़ती है, तो कभी देहात में भागती है। नई परंपरा के नाम पर विवाद खड़ा कर दिया जाता है, तो कभी धार्मिक स्थल को तोड़कर या फिर उसमें आपत्तिजनक वस्तु को फेंककर बवाल कराया जाता है। यही नहीं कभी कभार तो किसी धर्म विशेष के खिलाफ सोशल साइट्स पर ही टिप्पणी कर माहौल खराब कर दिया जाता है और फिर पुलिस को इसे संभालने में काफी वक्त लग जाता है। अलखनाथ मंदिर, बहेड़ी और नवाबगंज के बवाल चचार्1 में रहे।

आपसी झगड़ों में भी बलवा

कई बार आपसी झगड़ों को भी बवाल का रूप दे दिया गया। किसी ने पथराव किया तो किसी ने फायरिंग कर दी। यही नहीं कई मौकों पर तो पुलिस को भी निशाना बना लिया गया। कई मामलों में एक्सीडेंट के बाद रोड जाम कर बवाल किया गया। यू कहें तो इन बलवों में सबसे ज्यादा परेशानी आम आदमी को ही हुई और पुलिस व्यस्त रही।

रेंज में बरेली सबसे आगे

बरेली रेंज की बात करें तो बरेली डिस्ट्रिक्ट सबसे आगे है। बरेली में जहां इस साल 122 मामले 15 दिसंबर तक दर्ज किए गए, तो बीते वर्ष यह आंकड़ा 128 था। बरेली में तीन अन्य जिलों के टोटल से भी दोगुनी संख्या में बलवे बरेली में ही हुए हैं। बरेली डिस्ट्रिक्ट में जहां 122 मामले तो बदायूं में 6, पीलीभीत में 9 और शाहजहांपुर में 52 मामले दर्ज किए गए।