- गाड़ू घड़ा यात्रा नरेंद्रनगर राजमहल से हुई रवाना

- ऋषिकेश में आज सीएम करेंगे दर्शन, यात्रा रवाना होगी बद्रीनाथ के लिए

देहरादून.

बद्रीनाथ धाम की गाड़ू घड़ा परंपरा वेडनसडे को नरेंद्रनगर राजमहल में निभाई गई. इस दौरान पीली साड़ी पहन कर सुहागिन महिलाओं ने तिलों का तेल निकाला. रानी माला राज्य लक्ष्मी शाह, राजकुमारी क्षीरजा सहित डिमरी पंचायत के लोगों ने इस धार्मिक परंपरा को निभाया.

6 घंटे की कड़ी मेहनत

तिल का तेल निकालने के लिए महिलाओं ने 6 घंटे कड़ी मेहनत की. तिलों को पकाकर उनसे तेल निकाला गया. जिसे कपड़े से छानकर चांदी के कलश में रखा गया है. महिलाओं की ओर से निकाले गए इस तेल से 6 माह तक बद्रीनाथ जी का अभिषेक किया जाएगा.

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कलश सजाकर निकाली डोली

तेल कलश को सजाकर डोली में विराजमान किया गया. भोग लगाने के बाद वेडनसडे रात करीब साढ़े नौ बजे नरेंद्रनगर से गाड़ू घड़ा यात्रा ऋषिकेश के लिए रवाना हुई. ऋषिकेश में डोली और श्रद्धालुओं ने बद्रीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति के चेलाचेतराम धर्मशाला में विश्राम किया. थर्सडे को सीएम ऋषिकेश पहुंचकर गाड़ू घड़ा के दर्शन करेंगे.

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हर किसी में दिखा क्रेज

परंपरा के अनुसार कलश के लिए तिल का तेल भले ही सिर्फ सुहागिन महिलाएं निकाल सकती हैं. लेकिन हर किसी में इस परंपरा को देखने और इसमें शामिल होने का क्रेज दिखाई दिया. अनमैरिड लड़कियां भी काफी संख्या में जुटीं. जिन्होंने रस्मों को देखा और परंपरा को समझा.

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महिलाओं को दिया जाता है न्यौता

वैसे तो आसपास की सभी महिलाएं इस परंपरा के बारे में जानती हैं फिर भी राज दरबार की ओर से महिलाओं को इस दिन के लिए न्यौता दिया जाता है. जिसके बाद महिलाओं का उत्साह बेहद बढ़ जाता है. वहीं कलश जहां-जहां पहुंचता है श्रद्धालुओं में इसके दर्शन के लिए बेहद उत्साह रहता है. सभी जगह कलश की विशेष आरती होती है और भोग लगाया जाता है.

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आज ऋषिकेश से रवाना होगा गाड़ू घड़ा

थर्सडे (आज) को गाड़ू घड़ा यात्रा ऋषिकेश से रवाना होगी. जो कि श्रीनगर जाएगी वहां दर्शन के पश्चात डिम्मर पहुंचेगी. डिम्मर से जोशीमठ फिर पांडुकेश्वर और अंत में बद्रीनाथ पहुंचेगी. कलश में रखे गए तिलों के तेल से कपाट खुलने के दिन से 6 माह तक बद्रीनाथ का अभिषेक किया जाएगा. इस मौके पर बीकेटीसी के सीईओ बीडी सिंह, पूर्व सदस्य हरीश डिमरी, केंद्रीय पंचायत के अध्यक्ष राकेश कुमार, विनोद डिमरी हरीश गौड़ आदि उपस्थित थे.