नई दिल्ली (एएनआई)। स्वावलंबन ई-समिट 2020 को संबोधित करते हुए नितिन गडकरी ने रविवार को कहा कि देश के विकास में हमारे एमएसएमई सेक्टर का बहुत बड़ा योगदान है। वर्तमान में देश के जीडीपी में एमएसएमई का 30 फीसदी योगदान है। इस समय देश के निर्यात में एमएसएमई की हिस्सेदारी 48 प्रतिशत है। इस सेक्टर में 11 करोड़ नाैकरियों दी जा चुकी हैं। इस कार्यक्रम का आयोजन एक एनजीओ ने किया था।

एमएसएमई की जीडीपी में हिस्सेदारी 30 से बढ़कर होगी 50 प्रतिशत

उन्होंने कहा, 'मेरा विश्वास है कि आने वाले पांच सालाें के दौरान एमएसएमई की जीडीपी में हिस्सेदारी 30 प्रतिशत से बढ़कर 50 प्रतिशत पहुंच जाएगी, निर्यात 48 प्रतिशत से बढ़कर 60 प्रतिशत हो जाएगा और 5 करोड़ नई नौकरियां पैदा होंगी।' केंद्रीय मंत्री ने कहा कि बिना पंजीकरण वाले उद्यमों को माइक्रो इंडस्ट्री के तौर पर पंजीकरण करवा कर एमएसएमई का लाभ लेना चाहिए। छोटे कारोबारियों को भी इसमें शामिल करने की प्रक्रिया चल रही है। उनका कहना था कि कारोबारियों को पंजीकरण कराने के लिए एनजीओ के मदद की जरूरत होगी।

निवेश व टेक्नोलाॅजी अपग्रेड करने की अवश्यकता पर बल दिया मंत्री ने

गडकरी ने कहा कि भारत में विदेश से जो भी आयात किया जा रहा है हमें उसका देश में ही विकल्प तैयार करने के बारे में सोचने की जरूरत है। हमलोगों को निर्यात में बढ़ोतरी करने की जरूरत है। विदेशी निवेश बढ़ाने की आवश्यकता है। उनका कहना था कि टेक्नोलाॅजी अपग्रेड करने की जरूरत है ताकि भारत को सुपर इकोनाॅमिक पावर बनाया जा सके। एमएसएमई मिनिस्टर गड़करी ने कहा कि सरकार लोगों को सशक्त करने के प्रयास कर रही है। गांव के लोगों को भी आत्मनिर्भर बनाने के लिए सरकारी प्रयास लगातार जारी हैं।

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