RANCHI : देशभर में मोटर व्हीकल एक्ट का नया कानून लागू हो चुका है। अब गाड़ी चलाते समय कई नये नियमों का पालन करना जरूरी है। गाडि़यों के सारे कागजात दुरुस्त होने के साथ ही उस पर नंबर भी सही तरीके से लिखा होना जरूरी है। ऐसे में पुलिस वालों को अगर कोई इन रूल्स का उल्लंघन करते मिल जाए तो बिना चालान काटे उसे हिलने नहीं देते। लेकिन नगर निगम की गाडि़यां बिना नंबर प्लेट के ही राजधानी की सड़कों पर सरपट दौड़ रही हैं। इसके बावजूद ट्रैफिक पुलिसकर्मी इन गाडि़यों का चालान नहीं काट रहे। ऐसे में अब यह सवाल भी उठ रहा है कि आखिर क्या वजह है कि ट्रैफिक रूल्स का उल्लंघन करने के बाद भी निगम की इन गाडि़यों पर रहम बरती जा रही है?

हादसा हुआ तो पहचान मुश्किल

नगर निगम की गाडि़यां बेतरतीब ढंग से सिटी की सड़कों पर भागती हैं। दर्जनों कूड़ा गाडि़यां वीआइपी इलाकों के अलावा गल्ली-मोहल्लों और मेन रोड पर मनमाने तरीके से दौड़ती नजर आती हैं। लेकिन पुलिस, ट्रैफिक विभाग व डीटीओ के अधिकारियों को ये दिखाई नहीं देतीं। बेतरतीब दौड़ती कूड़ा गाड़ी रास्ते भर कचरा गिराते हुए जाती हैं। इन गाडि़यों पर नंबर न लिखे होने से लोग कंप्लेन भी दर्ज नहीं करा पाते हैं। जबकि नियम है कि बिना नंबर लिखे गाडि़यों को सड़क पर नहीं चला सकते। ऐसे में बिना नंबर की कूड़ा गाड़ी से कभी हादसा हो गया तो उनकी पहचान करना भी मुश्किल होगा।

नियम तोड़ने पर भी एक्शन नहीं

मोटर व्हीकल एक्ट के तहत कोई भी गाड़ी बिना इंश्योरेंस और नंबर के सड़क पर नहीं चल सकती। इसके बावजूद अगर कोई गाड़ी बिना इन कागजात के सड़क पर उतरी तो उसे सीज करने के साथ ही चालक के खिलाफ कार्रवाई का प्रावधान है। आम लोगों की गाड़ी बिना नंबर के दौड़ती है तो डीटीओ और ट्रैफिक पुलिस कार्रवाई करती है। वहीं तत्काल जुर्माना भी कर दिया जाता है। लेकिन बिना नंबर के दौड़ रही नगर निगम की गाडि़यों पर कोई कार्रवाई नहीं की जाती। जबकि मोटर व्हीकल एक्ट के 1988 की धारा 39 के तहत बिना नंबर के गाड़ी नहीं चला सकते हैं। वहीं धारा 207 (1) के तहत ऐसी गाडि़यों को सीज किया जा सकता है।