- गांधी मैदान के चारों तरफ अब भी है जस की तस स्थिति

- रामगुलाम चौक के सामने वाले गेट की हालत है खराब

- फुटपाथ के अंदर व बाहर जमा है इंक्रोचमेंट

PATNA: पिछले 58 दिनों बाद जब गांधी मैदान रावण वध हादसे के शिकार की रिपोर्ट जांच कमेटी ने दी, तो लगा जैसे कि अब लगभग सब ठीक हो गया है। ऑफिसर्स पर कार्रवाई की बात का मतलब है कि अब पब्लिक की परेशानी दूर होने वाली है, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। गांधी मैदान में रावण वध हादसे के बाद छोटी-बड़ी कई तरह के प्रोग्राम और आयोजन भी होते रहते हैं। इसके बाद भी गांधी मैदान की हालत बदलने के बजाय और भी खराब होते जा रही हैं। चारों तरफ के गेट के सामने की हालत काफी खराब है। गेट के नीचे के काउ कैचर तक की मरम्मती अब तक नहीं की गई है। हालत तो यह है कि अगर बीस से अधिक लोग एक साथ इस गेट से निकलने के दौरान नीचे नजर नहीं रखते, तो टकराकर जमीन पर गिर जाएंगे। एडमिनिस्ट्रेशन की ओर से गेट तो खोल दिया गया है, लेकिन उस गेट के अंदर व बाहर के प्वाइंट की मरम्मती तक का ख्याल नहीं किया गया है। रोशनी का अरेंजमेंट भी उस गेट के सामने नहीं है। शाम के साथ ही गेट के अंदर अंधेरा पसरा रहता है।

चलने के अलावा हर काम होता है

गांधी मैदान के अंदर और बाहर के फूटपाथ को अब तक इंक्रोचमेंट फ्री नहीं करवाया गया है। इस वजह से पैदल लोगों के लिए कोई खास रास्ता नहीं बच जाता है। अंदर के फूटपाथ पर चलने के बजाय लोग सीधे मैदान में इस पार से उस पार जाने के लिए भी रास्ता नहीं बन पाता है। गांधी मैदान के बाहर तो पकड़ी गयी गाडि़यां और कई सारे लोग अतिक्रमण कर दुकानें चला रहे हैं, जबकि इस घटना के बाद यह कहा गया था कि इस पर फौरन एक्शन लेते हुए इसे दुरुस्त करने की कोशिश की जाएगी, पर अब तक इस पर कोई खास एक्शन प्लान नहीं लिया जा सका है।

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गांधी मैदान के चारों तरफ उगी झाडि़यां

वार्ड काउंसलर विनय पप्पू ने बताया कि गांधी मैदान के अंदर व बाहर चारों तरफ बड़ी-बड़ी घास उगी हुई हैं। यही नहीं, मैदान के अंदर होने वाले आयोजन की वजह से काफी गढ्ढे और नुकीली चीजें गिरी रहती हैं। सुबह व शाम कई अराजक तत्व का आना-जाना भी जारी है। उन्होंने कहा कि एडमिनिस्ट्रेशनको चाहिए कि वो सबसे पहले दीवार की उंचाई को कम करें, ताकि भीड़ अधिक होने पर लोग आसानी से निकल पाए।

कैमरे की नजर गांधी मैदान से काफी दूर

गांधी मैदान में हुए हादसे की मॉनिटरिंग सड़क पर आने के बाद शुरू होता है। ऐसे में कैमरा अंदर की किसी भी एक्टिविटी को अपने में कैद नहीं कर पा रहा है। गांधी मैदान में डेली मॉर्निग वाक करने वाले राजकुमार साह ने बताया कि गांधी मैदान के अंदर के अनसोशल एलिमेंट पर भी नजर रखनी जरूरी है। जेनरल डे में भी इस पर नजर रखी जानी चाहिए, क्योंकि यह हार्ट ऑफ द टाउन है और इसकी साख पर दाग लगाने का किसी को अधिकार नहीं है।