गांधी टू हिटलर में एक्टिंग करने वाले नलिन रंजन सिंह तब प्ले  के डायरेक्टहर थे. जिसे अमर्त्य बनर्जी के साथ मिलकर डायरेक्ट कर रहे थे. दिल्ली यूनिवर्सिटी के हिन्दू, स्टी्फेंस, हंसराज और किरोडीमल कॉलेज के स्टूֹडेंटस इस प्ले को करने के लिए साथ आए थे. 

अपने विवादास्पद टाइटल और तत्कालीन भारतीय राजनीति पर ‍निशाना साधने के चलते प्ले ने मीडिया का ध्यान खींचा था. जिसके चलते इस पर रिहर्सल के दौरान ही बैन लगा दिया गया था.

'gandhi to hitler' पर उठे सवाल

नलिन मूवी गांधी टू हिटलर के स्क्रीन प्ले राइटर हैं. फ्रैंक का मानना है कि नाजी डिक्टेटर के समय और तत्कालीन भारतीय राजनीति को केन्द्र में रखकर मूवी बनाने का आइडिया उनके प्ले से प्रेरित है. प्ले बाद में अगस्त 1999 में उसी नाम से आई किताब का हिस्सा  बना लेकिन विवादों में घिर जाने की वजह से किताब रिलीज नहीं हो सकी. फ्रैंक तब मनोज खान के नाम से लिख रहे थे. 

गौरतलब है कि आज सिनेमाघरों में रिलीज हुई गांधी टू हिटलर' में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी और जर्मनी के तानाशाह एडोल्फ़ हिटलर की अलग-अलग विचारधाराओं पर नज़र डाली गई है. ये फ़िल्म हिटलर के आख़िरी दिनों को दर्शाती है और महात्मा गांधी के उन्हें लिखे गए पत्रों के बारे में भी बात करती है. फ़िल्म में हिटलर का किरदार रघुबीर यादव ने निभाया है जबकि गांधी का किरदार अविजीत दत्त ने. हिटलर की प्रेमिका ईवा ब्राउन का रोल अभिनेत्री नेहा धूपिया ने किया है.