- नदी में प्रतिमा विसर्जन प्रतिबंधित, पांच फुट गहराई का अलग से बनाया गया गढ्डा

- चार नाव, 13 गोताखोर और पीएसी की गई तैनात, जगह-जगह बैरिकेडिंग

बरेली : गणेश महोत्सव की धूम के लिए प्रतिमा विसर्जन का सिलसिला भी तेज हो गया है। नदियों को प्रदूषित होने से बचाने के लिए सुप्रीम कोर्ट के नियमों का पालन करते हुए इस बार भी प्रशासन ने सख्त कदम उठाया है। रामगंगा को प्रदूषण से बचाने के लिए प्रतिमाओं का विसर्जन नदीं में नहीं किया जा रहा है। विसर्जन के लिए अलग से व्यवस्था की गई है। नदी से कुछ दूरी पर पांच फुट गहराई का गढ्डा किया गया है। नदी में ट्यूबवेल लगाकर इसमें पानी भरा गया है। रात में विसर्जित प्रतिमाओं को निकालकर दूसरे गढ्डे में विसर्जित कर दिया जाता है। इसके आसपास बैरिकेडिंग की गई है। बता दें कि रामगंगा घाट पर गणेशजी की प्रतिमा के विसर्जन के लिए श्रद्धालुओं का हुजूम उमड़ रहा है। गणपति बप्पा मोरया के जयकारे लगाते हुए श्रद्धालु पहुंच रहे हैं।

सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम

नदी के वाटर लेवल को देखते हुए लोगों को गहरे पानी से दूर रखा गया है। इसे लिए बैरिकेडिंग भी की गई है। इसके साथ ही 13 गोताखोरों को भी लगाया गया है। चार नाव भी बचाव के लिए रखी गई हैं।

पुलिस प्रशासन की परीक्षा आज

2 सितंबर तक विसर्जन चलेगा। वैसे तो हर दिन विसर्जन हो रहा है। लेकिन आज सातवां दिन होने की वजह से रामगंगा घाट पर श्रद्धालुओं का हुजूम उमड़ेगा। पुलिस प्रशासन के लिए आज के दिन बड़ा चैलेंज रहेगा। मंडे को भी बड़ी संख्या में लोग घाट पर पहुंचेंगे। इसके लिए प्रशासन विशेष तैयारियों का दावा कर रहा है।

घाट पर ही स्नान की अनुमति

श्रद्धालुओं को विसर्जन के बाद घाट पर ही स्नान की अनुमति दी गई है। भीड़ को देखते हुए किसी को भी ज्यादा देर रुकने नहीं दिया जा रहा है। बैरिकेडिंग से पहले ही स्नान करने के बाद श्रद्धालु वापस लौट रहे हैं। महिलाओं के लिए अलग से सुरक्षा की व्यवस्था की गई है। यहां महिला पुलिसकर्मी भी मौजूद रहेंगी

सुरक्षा के लिए बुलाई गई पीएसी

दो सितंबर के बाद से लगातार प्रतिमा विसर्जन किया जा रहा है। फ्राइडे को श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ी। करीब 250 से ज्यादा गणेश प्रतिमाओं का विसर्जन किया गया। सुरक्षा व्यवस्था बनाए रखने के लिए पीएसी को लगाया गया है। वहीं, जिला पंचायत की टीम भी अलर्ट है। इसमें अवर अभियंता के साथ पांच अन्य लोगों की दो शिफ्ट में ड्यूटी लगाई गई है।

रास्ता संकरा, स्पेस कम

सुबह 7 से रात नौ बजे तक विसर्जन चल रहा है। ऐसे में श्रद्धालुओं की आस्था के बीच अड़चनें भी आ रही हैं। पुल के नीचे बड़े-बड़े पत्थर लगे हुए हैं। साथ ही आने जाने का रास्ता भी काफी संकरा है। जहां विसर्जन के लिए गढ्डा बनाया गया है। उसके आसपास स्पेस काफी कम है। इसलिए ज्यादा भीड़ होने पर अव्यवस्था फैलने की भी आशंका बनी हुई है। हालांकि जमीन समतल करने के लिए जेसीबी को लगाया गया है। मौके पर टीम और पुलिस बल भी मौजूद है।

वर्जन

पीएसी, रामगंगा चौकी और सुभाषनगर थाने की पुलिस सुरक्षा के लिए लगाई गई है। प्रतिमा विसर्जन के लिए अलग से गढ्डा बनाया गया है। साथ ही जिला पंचायत की टीम को लगाया गया है। श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए पर्याप्त इंतजाम किए गए हैं।

- अमरेश कुमार, एसडीएम सदर