-खतरे के निशान के करीब पहुंचीं गंगा की लहरें, पांच सेमी प्रति घंटे से बढ़ रहा जलस्तर

-सुरक्षित ठिकानों पर जा रहे घाट किनारे के लोग

वरूणा ने हजारों को बेघर किया तो इधर गंगा ने भी घाट किनारे रहवासियों को घाट छोड़ने के लिए मजबूर कर दिया है। उफनाई गंगा ने सोमवार की रात दशाश्वमेध घाट पर स्थित जल पुलिस चौकी को अपने आगोश में ले लिया। पानी का जलस्तर इतना बढ़ा कि चौकी डूब गई। वहीं शीतला घाट पर शीतला माता मंदिर में मानो गंगा ने मां शीतला के चरण वंदन किए हों। नाविक अपनी नावों सुरक्षित करने को परेशान दिखे। सोमवार को केंद्रीय जल आयोग की रात आठ बजे तक जलस्तर लेवल 69.28 दर्ज किया गया। हर घंटे पांच सेमी की रफ्तार से गंगा बढ़ रही हैं। पानी अभी खतरा निशान से ढाई मीटर नीचे है।

अलर्ट प्वाइंट से तीन सेमी नीचे गंगा

भले ही गंगा खतरे के निशान को छू नहीं पाई है लेकिन जिस तरह से जलस्तर बढ़ रहा है उससे प्रशासनिक अमले में अफरा-तफरी मची है। केंद्रीय जल आयोग की मानें तो बनारस में गंगा का जलस्तर रविवार को 68.00 सेंटीमीटर रहा। सोमवार की रात आठ बजे तक 69.28 दर्ज किया गया। जबकि चेतावनी बिंदू 70.26 सेंटीमीटर मापा गया है। खतरे का चिन्ह 1978 के मुताबिक 71.26 और हाईएस्ट 73.90 सेमी नोट किया गया है। गंगा घाटों के किनारे लगभग ढाई हजार से अधिक छोटे-बड़े नाव को सुरक्षित रखने में नाविकों के पसीने छूट रहे हैं। आफत जैसी स्थिति में नाविक दिन-रात काट रहे हैं।

नौका संचालन पर रोक

उफनाती गंगा-वरुणा को लेकर अब जिला प्रशासन भी अलर्ट हो गया है। गंगा के तेज प्रवाह पर जिला प्रशासन की निगाहें टिक गई हैं। बाढ़ की चपेट में आये इलाकों में जिला प्रशासन की ओर से अलर्ट कराया गया है। गंगा में जहां नौका संचालन पर रोक लगा दी गई है। वहीं नदी किनारे बसे लोगों को सुरक्षित स्थानों पर जाने का निर्देश दिया गया है। एनडीआरएफ की तीन टीमें घाटों पर बोट से चक्रमण कर रही हैं। जबकि इमरजेंसी के लिए 12 टीमें रिजर्व रखी गई हैं।