प्रति घंटे तीन सेमी की रफ्तार से घट रहा पानी

-बाढ़ प्रभावित इलाकों फैली गंदगी से बीमारी का खतरा

गंगा और वरुणा का जलस्तर तेजी के साथ घट रहा है। प्रति घंटे तीन सेंटीमीटर की रफ्तार से पानी घट रहा है। जिसके चलते गंगा खतरे के निशान से काफी नीचे आ गई हैं। केन्द्रीय जल आयोग के अनुसार मंगलवार रात आठ बजे गंगा का जलस्तर 71.04 मीटर दर्ज किया गया, जो खतरे के निशान से 22सेंटी मीटर नीचे था। उधर नगवां, सामने घाट, अस्सी समेत बाढ़ प्रभावित इलाकों में पानी वापस गंगा में जाने से लोगों ने राहत की सांस ली, लेकिन उनकी दुश्वारियां कम नहीं हो रही हैं। बाढ़ का पानी उतरने के साथ प्रभावित क्षेत्रों में बीमारी फैलने का खतरा पैदा हो गया है।

चार दिन में काफी कम

गंगा की बाढ़ का उतरता हुआ पानी गंदगी पीछे छोड़कर जा रहा है, जिससे प्रभावित क्षेत्रों की स्थिति खराब हो गयी है। वहां पर अभी भी इतना पानी है कि सफाई अभियान चलाना संभव नहीं है, इसलिए लोगों को बीमारी के प्रति सजग रहने को कहा जा रहा है। गंगा का पानी भले ही कम हो रहा है, लेकिन पानी में अब भी बहुत बहाव है। गंगा का असर वरुणा नदी पर भी पड़ा है और वहां भी जलस्तर कम होने से बाढ़ प्रभावित क्षेत्र के लोगों को राहत मिली है। मध्य प्रदेश से फिर पानी नहीं छोड़ा गया तो तीन से चार दिन में गंगा का पानी काफी कम हो जाएगा।

अभी चलेंगे बाढ़ राहत शिविर

डीएम सुरेंद्र सिंह ने कहा कि बाढ़ प्रभावित इलाके के लोगों को 34 राहत शिविरों में पहुंचाया गया। बाढ़ पीडि़त करीब 20 हजार लोगों को अब तक राहत सामग्री पहुंचाई गई है। जब तक लोगों के घर सुरक्षित नहीं हो जाते तब तक बाढ़ राहत शिविर चलेंगे। लोगों की सुरक्षा के लिए 100 नाव भी बाढ़ में लगाई गई हैं। पानी वापस जाने के बाद बाढ़ प्रभावित इलाकों में स्वास्थ्य विभाग की मदद से दवाओं का छिड़काव होगा। डीएम ने बाढ़ के बाद लोगों से अपील की कि वे सुरक्षित तरीके से ही पुन: अपने घरों में वापस लौटे।