पेशेंट की मौत पर परिजनों ने की हॉस्पिटल में जमकर तोड़फोड़

परिजनों का आरोप तीन दिन पहले मौत के बावजूद छुपाई जानकारी

मेनगेट और कंप्यूटर्स तोड़े, पुलिस के सामने डायरेक्टर की पिटाई

BAREILLY: शहर के बड़े नामचीन प्राइवेट हॉस्पिटल्स में से एक गंगाशील हॉस्पिटल एक बार फिर विवाद की लपटों में है। संडे को एक पेशेंट की मौत पर परिजनों ने हॉस्पिटल में जमकर हंगामा किया। परिजनों का आरोप था कि तीन दिन पहले मौत होने के बावजूद हॉस्पिटल ने जानबूझ कर यह बात छुपाई। नाराज परिजनों ने हॉस्पिटल के मेनगेट पर पेशेंट की डेडबॉडी रखकर जमकर नारेबाजी की। हॉस्पिटल के रवैये से नाराज परिजनों के रिश्तेदारों की मेडिकल स्टाफ से कहासुनी बढ़ गई। इसके बाद गुस्साए परिजनों और उनके साथ आए दर्जनों रिश्तेदारों ने मेनगेट और इंट्रेंस का शीशा तोड़ दिया। परिजनों ने एडमिनिस्ट्रेशन डिपार्टमेंट में भी तोड़ फोड़ की। गुस्साए लोगों ने हॉस्पिटल डायरेक्टर समेत स्टाफ को भी अपना निशाना बनाया। हॉस्पिटल एडमिनिस्ट्रेशन की सूचना पर पहुंची पुलिस ने हंगामा कर रहे लोगों को बड़ी मशक्क्त के बाद काबू में किया।

Suicide case का मामला

गंगाशील हॉस्पिटल में पेशेंट की मौत का मामला सुसाइड से जुड़ा हुआ है। हॉस्पिटल एडमिनिस्ट्रेशन ने बताया कि रिठौरा बंजरिया की रहने वाली शाहीन ने फांसी लगाकर जान देने की कोशिश की थी, जिस पर उसके सुसराल वालों ने उसे फैज हॉस्पिटल में एडमिट कराया था। ख्9 अप्रैल को फैज हॉस्पिटल की ओर से केस गंगाशील हॉस्पिटल को रेफर कर दिया गया। ख् मई को शाहीन के ससुराल वाले उसे छोड़कर भाग निकले। इस पर पेशेंट के मायके वालों ने इलाज जारी करने को कहा। फ् मई को हॉस्पिटल की ओर से पेशेंट के मायके वालों को इलाज के लिए हायर सेंटर ले जाने को कहा। इस पर ब् मई की सुबह परिजन पेशेंट को डिस्चार्ज करा कर ले गए थे।

तीन दिन पहले ही मौत

गंगाशील हॉस्पिटल की ओर से हायर सेंटर ले जाने की सलाह पर पेशेंट के परिजन उसे चौपुला रोड स्थित शहर के एक और बड़े प्राइवेट हॉस्पिटल में ले गए। जहां डॉक्टर्स ने पेशेंट की जांच करने पर उसे डेड डिक्लेयर कर दिया। परिजनों के मुताबिक डॉक्टर्स ने ना सिर्फ पेशेंट के डेड होने की बात कही बल्कि तीन दिन पहले ही उसकी मौत हो जाने की पुष्टि की। इस खुलासे से नाराज परिजनों का गुस्सा सातवें आसमान पर पहुंच गया। परिजनों ने अपने सगे संबंधियों को इसकी सूचना दी और पेशेंट की डेडबॉडी लेकर वापस गंगाशील हॉस्पिटल पहुंच गए।

ेढ़ घंटे तक चला बवाल

गुस्साए परिजनों ने दोपहर दो बजे गंगाशील हॉस्पिटल में पेशेंट की डेडबॉडी रखकर प्रदर्शन शुरू कर दिया। मेनगेट पर हंगामा बढ़ता देख हॉस्पिटल कोआर्डिनेटर ने पुलिस को इंफॉर्म किया। इतनी देर में नाराज परिजनों और संग आए लोगों ने एडमिनिस्ट्रेशन ब्लॉक में तोड़ फोड़ शुरू कर दी। फ् बजे पुलिस के मौके पर पहुंचने के बावजूद गुस्साई भीड़ ने ओपीडी काउंटर के शीशे और कंप्यूटर्स तोड़ डाले। वहीं डायरेक्टर मनीष वैष्णव को लात घूंसे से पीटा और नर्सिग सुपरिटेंडेंट लच्छामनी से मिसबिहेव किया। इसके बाद नाराज भीड़ ने हॉस्पिटल में रखे गमले उठाकर इंट्रेंस गेट पर मारकर शीशा तोड़ दिया। डेढ़ घंटे तक चले बवाल के बाद आखिरकार दो थानों की पुलिस फोर्स भीड़ काे काबू में कर पाई।

सवालों में हॉस्पिटल का रुख

पेशेंट की मौत के बाद हुए बवाल पर गंगाशील हॉस्पिटल का रूख भी सवालों के घेरे में है। शहर के एक दूसरे बड़े प्राइवेट हॉस्पिटल की ओर से पेशेंट की तीन दिन पहले हुई मौत की पुष्टि के बाद गंगाशील हॉस्पिटल में तोड़फोड़ हुई। इसके बावजूद गंगाशील हॉस्पिटल की ओर से ना तो उस प्राइवेट हॉस्पिटल से संपर्क किया गया और ना ही अपने पर लगे आरोपों के खिलाफ कोई कार्रवाई की गई। हालांकि संडे शाम भ् बजे हॉस्पिटल के एमडी डॉ। निशांत गुप्ता, डॉ। शालिनी महेश्वरी और गंगाचरण हॉस्पिटल के एमडी डॉ। प्रमेन्द्र महेश्वरी ने एक प्रेस कांफ्रेस कर पूरे मामले में अपना पक्ष रखा। इसमें उन्होंने वेंटिलेटर्स पर पेशेंट के जिंदा होने और ऐसी कंडीशन में किस तरह इलाज करने पर जोर दिया।