- दागी पुलिस कर्मियों की लिस्ट में था शामिल, लखनऊ से हुआ था उन्नाव ट्रांसफर

- सोना लूट कांड में हुआ था बर्खास्त, कुछ वर्ष पहले हुआ था बहाल

- पुलिस का दावा शूटर्स के करीब पहुंची पुलिस

LUCKNOW : हजरतगंज में गैंगवार में घायल शाहिद जाफरी ने जिन लोगों को नामजद किया है। उसमें एक बर्खास्त सिपाही बताया जा रहा है जबकि वह बर्खास्त नहीं है। वह उन्नाव पुलिस लाइन में तैनात है और वर्तमान में उसकी ड्यूटी गारद में लगी है। वह लंबे समय से सोना लूट कांड में बर्खास्त था और कुछ समय पहले ही बहाल हुआ है। पहले वह लखनऊ पुलिस लाइन में तैनात था। करीब ढाई माह पहले ही उसका ट्रांसफर उन्नाव हुआ।

दागी पुलिस कर्मियों में हुआ था चिन्हित

एसएसपी कलानिधि नैथानी ने करीब ढाई माह पहले राजधानी में तैनात दागी पुलिस कर्मियों की लिस्ट तैयार की थी, लिस्ट में करीब 70 पुलिस कर्मी शामिल थे। इसी लिस्ट में गैंगवार का नामजद आरोपी सिपाही आलोक सिंह भी शामिल था, जिसे एसएसपी ने रिपोर्ट देकर लखनऊ से रवाना कर दिया था। इस पर उसका ट्रांसफर उन्नाव हो गया था।

हत्या के प्रयास में नामजद हुआ

हजरतगंज में दो दिन पहले गैंगवार के दौरान बाहुबली विधायक मुख्तार अंसारी के प्रतिनिधि शाहिद जाफरी और उसके भाई नामवर पर हुए जानलेवा हमले में पूर्व सांसद धनंजय सिंह, सिपाही आलोक सिंह समेत दो अज्ञात के खिलाफ केस दर्ज कराया गया है। सिपाही आलोक सिंह वर्ष 2006 में पुरानी जेल रोड के पास सोना लूट कांड का आरोपी भी रह चुका है। इस मामले में विभाग ने उसे बर्खास्त कर दिया था। कुछ वर्ष पहले ही कोर्ट के आदेश पर वह बहाल हुआ है।

बाहुबली के कारोबार की 'की'

सूत्रों की मानें तो सोना लूट कांड का आरोपी रहा सिपाही आलोक सिंह पूर्व सांसद धनंजय सिंह का न केवल कारोबार संभालता है बल्कि वर्दी की आड़ में अपराध की दुनिया में भी सक्रिय है। ठेके, टेंडर मैनेज करने का काम भी करता है। पुलिस लाइन में तैनाती के दौरान एसएसपी ने चेकिंग कराई थी तब भी वह कई दिनों से लापता मिला था।

सीडीआर और फुटेज खंगाल रही पुलिस

मामले में पुलिस घटना स्थल के आस-पास लगे सीसीटीवी फुटेज के साथ-साथ दोनों भाइयों के मोबाइल की कॉल डिटेल खंगाल रही है। पुलिस का कहना है कि हमला सोची समझी साजिश का नतीजा है। हालांकि इसे साबित करने के लिए पुलिस अहम सुराग जुटाने में जुटी है। दावा है कि जल्द ही इसका खुलासा भी किया जाएगा।