देहरादून (ब्यूरो)। इसी के साथ गंगा की उत्सव डोली अपने शीतकालीन प्रवास स्थल मुखबा के लिए रवाना हो गई। इसके अलावा केदारनाथ और यमुनोत्री धाम के कपाट भैया दूज पर मंगलवार को बंद कर दिए जाएंगे, जबकि, बदरीनाथ धाम के कपाट 17 नवंबर को बंद होंगे।

मुखबा रवाना हुई डोली

सैकड़ों श्रद्धालुओं की उपस्थिति में सुबह 8.30 बजे कपाट बंद करने की प्रक्रिया शुरू की गई। इस दौरान मंत्रोचार और गंगा लहरी के पाठ के साथ गंगा की प्रतिमा का मुकुट उतारा गया। सुबह 11.40 बजे भोग मूर्ति को मंदिर से बाहर लाकर डोली में विराजमान किया गया और इसी के साथ मंदिर के कपाट बंद कर दिए गए। गंगा के जयकारों के बीच नौवीं बिहार रेजिमेंट के बैंड की धुन और परंपरागत ढोल-दमाऊं की थाप के साथ डोली मुखबा के लिए रवाना हुई।

चंदोमति में रात्रि विश्राम

शाम को डोली मुखबा से चार किलोमीटर दूर चंदोमति मंदिर पहुंची। रात्रि विश्राम के बाद डोली ट्यूजडे सुबह मुखबा पहुंचेगी। इस अवसर पर गंगोत्री के विधायक गोपाल रावत, गंगोत्री मंदिर समिति के अध्यक्ष सुरेश सेमवाल, सचिव दीपक सेमवाल और सह सचिव राजेश सेमवाल के अलावा जिला प्रशासन के अधिकारी मौजूद थे।

फूलाें से सजा केदारनाथ

केदारनाथ और यमुनोत्री धाम में कपाट बंद करने की तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। इस अवसर के लिए दोनों धामों में मंदिरों को फूलों से सजाया गया है। केदारनाथ में कपाट बंद होने की तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। मंदिर को 10 क्विंटल फूलों से सजाया जा रहा है। आने वाले छह महीनों तक भक्त पंचकेदारों के गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ में भोले बाबा के दर्शन कर सकेंगे।

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