- गणेश विसर्जन पर धूमधाम से निकाली गई शोभा यात्रा

- विधिविधान के साथ हुई रथ पर सजे भगवान श्रीगणेश की विदाई

- जल्द आगमन के वादे के साथ विसर्जित किया गया गोमती में

LUCKNOW: अगले बरस तू जल्दी आ। अगले वर्ष तू जल्दी आ। इस जयकारे के साथ ही प्रथम पूज्य गणेश की मूर्ति को जलाशय में विसर्जित किया गया। इस मौके पर सिटी के हजारों लोग अलग-अलग हुजूम में गणपति की मूर्ति लेकर पहुंचे। किसी ने सिर पर तो कोई गोद में प्रथम पूज्य को मूर्ति लेकर गोमती तट पर पहुंचे। गणपति को बग्गी की सवारी से भी लाया गया। आगे आगे गणपति की सवारी और पीछे महिला,पुरुष और बच्चे अबीर गुलाल उड़ाते जयकारे लगाते रहे। शहर में जगह-जगह गणेश चतुर्थी के अवसर पर भव्य पंडालों सजाए गए।

जय गणेश जय गणेश देवा

गणपति विसर्जन की सवारी में भक्तों और श्रद्धालुओं की लम्बी भीड़ गणपति बप्पा मोरया, अगले बरस तू जल्दी आ के जयकारे हर तरफ गूंजते रहे। हर भक्त गणपति को इस उम्मीद के साथ विसर्जित कर रहा था कि वो अगले साल फिर आएंगे और भक्तों को अपना आशीर्वाद देंगे। महिलाओं और पुरुष सभी ने गणपति बप्पा को अपनी गोद में उठा रखा था और अबीर-गुलाल के बीच गणपति को

गोमती में विसर्जित किया। सुबह से ही लोग अपने घर के छोटे गणपति से लेकर बड़े गणपति को नांव में बैठा कर नदी में विसर्जित करने जाते रहे।

ढ़ोलक पुर महासभा में सजा दरबार

रामाधीन सिंह उत्सव भवन में श्रीगणेश प्राकट्य कमेटी के तत्वाधान में मनाये जा रहे श्रीगणेश उत्सव में संडे को भगवान श्रीगणेश की भव्य शोभायात्रा और विसर्जन पूजा आरती के बाद किया गया। इससे पूर्व हवन यज्ञ का विशेष आयोजन हुआ। यज्ञ में आहुतियां डाली और भगवान गणेश से सुख समृद्धि का आशीर्वाद मांगा। ढ़ोलक पुर महासभा में सजा भगवान का दरबार भक्तों से गुलजार रहा।

कई चौराहों और गलियों से निकली यात्रा

भगवान श्रीगणेश की भव्य शोभायात्रा रामाधीन सिंह उत्सव भवन से निकलकर आई टी चौराहा होते हुए श्रीरामकृष्ण मठ, शंकर नगर, नजीरगंज, डालीगंज होते हुए महाराज अग्रसेन घाट पहुंची। जहां पूरे हर्षोल्लास और विधि विधान से भगवान श्रीगणेश की प्रतिमा को गोमती नदी में विर्सजित किया गया। शोभायात्रा के दौरान अबीर और गुलाल के रंगो की बरसात के बीच भक्त बैंड और डी.जे की धुन पर नृत्य करते रहें और गणपति बप्पा मोरया के उद्घोष लगाते रहें। जैसे-जैसे शोभायात्रा बढ़ रही थी वैसे-वैसे शोभायात्रा में भक्तों की अपार भीड़ शामिल होती जा रही थी। रास्ते भर भक्तों को मोदक का प्रसाद वितरण किया गया।

भक्तों ने बांटा हलवा पूड़ी

किसी भक्त ने हलवा पूड़ी का प्रसाद बटवाया तो किसी ने चने का प्रसाद बटवाया। कई भक्तों ने शोभायात्रा में चल रहें लोगों को पानी पिलाने का काम किया। रंग और गुलाल की बरसात के बीच शोभयात्रा का पूरा वतावरण काफी भक्तीमय रहा। एक दूसरे को रंग गुलाल लगाकर भक्ति के सागर में डूबा देते और फिर पूरे जोश के साथ गगनचुंबी उद्घोष लगाने लगतें। भगवान श्रीगणेश की शोभायात्रा का विभिन्न जगहों पर पूरे जोश और हर्षोल्लास के साथ स्वागत किया गया। कई जगहो पर शोभायात्रा का स्वागत रंगो ओर गुलालो से किया गया। शोभायात्रा का स्वागत करन में महिलायें भी आगें रही। श्रीगणेश की शोभा यात्रा डालीगंज में काफी लंबी हो गयी।