-एटीएस व खुफिया एजेंसियों ने शुरू की जांच

-पुट्ठा के पास रेलवे ट्रैक पर रखा लोहे का गार्टर

- चालक की सूझबूझ से टला ट्रेन पलटने का हादसा

Meerut। रेल पटरी पर 17 फुट लंबा गॉटर रखकर सवारियों से भरी ट्रेन को पलटाने का प्रयास किया। हालांकि, लोको पायलट ने दूर से ही गॉटर को देखकर इमरजेंसी ब्रेक लगा दिए, जिससे एक बड़ा रेल हादसा टल गया। मौके पर पहुंचे एसएसपी समेत दिल्ली से आए रेल अधिकारियों ने घटनास्थल का जायजा लिया। परतापुर थाने में अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया।

रविवार सुबह की घटना

ट्रेन नंबर 12206 नंदा देवी एक्सप्रेस रविवार तड़के 3.52 मिनट पर सिटी स्टेशन पहुंची। वहां से 3.55 मिनट पर गाजियाबाद के लिए रवाना हुई। इस दौरान ट्रेन के ड्राइवर को मेरठ के परतापुर क्षेत्र में पुट्ठा -कुंडा रेलवे फाटक के बीच में ट्रैक की दोनों पटरियों पर लोहे का बड़ा गॉटर रखा दिखाई दिया। इस दौरान ट्रेन 70 किमी की रफ्तार से दौड़ रही थी। हालांकि, ड्राइवर ने सूझबूझ का परिचय देते हुए इमरजेंसी ब्रेक लगा दिए। हालांकि, तब तक ट्रेन के दो पहिये गॉटर के ऊपर चढ़ गए, जिससे गॉटर के तीन टुकड़े हो गए। अचानक इमरजेंसी ब्रेक लगने से यात्रियों की नींद खुल गई। गनीमत रही कि ट्रेन पलटने से बच गई। लोको पायलट ने तुरंत पुट्ठा रेलवे फाटक को फोन करके घटना की जानकारी दी। मौके पर पहुंचे आरपीएफ, जीआरपी, रेल अधिकारियों समेत एसएसपी राजेश कुमार पांडे ने घटनास्थल का जायजा लिया। ट्रैक से गॉटर हटाया गया। पूरे ट्रैक में छानबीन की गई। इसके 20 मिनट बाद ट्रेन को गाजियाबाद के लिए रवाना किया गया। आरपीएफ प्रभारी जितेंद्र यादव ने बताया कि घटना परतापुर और मेरठ के बीच ब्लॉक सेक्शन के बीच हुई। इसलिए इस मामले में सिविल पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर लिया है। मौके पर किसी प्रकार की पैड्रोल क्लिप या पटरी पर टूट-फूट भी नही मिली। वहीं, स्टेशन अधीक्षक आरपी शर्मा ने कहाकि प्रथम दृष्टया घटना किसी शरारती तत्व की लग रही है क्योंकि जो गॉटर मिला है। वह अधिक भारी नही था। मामला परतापुर थाने में दर्ज किया गया है।

17 फीट लंबा था गॉटर

आरपीएफ इंस्पेक्टर जितेंद्र यादव ने बताया कि गॉटर तकरीबन 17 फुट लंबा था। उसे दोनो पटरियों के आरपार रखा गया था। गनीमत यह रही कि नंदा देवी एक्सप्रेस का पहिया गॉटर के ऊपर चढ़ने के बाद भी पटरी से नहीं उतरा.वरना बड़ा हादसा हो सकता था।

मौके पर पहुंचे अधिकारी

जानकारी मिलने पर एसएसपी राजेश कुमार पांडेय और सिटी मजिस्ट्रेट शैलेंद्र प्रताप सिंह ने पुट्ठा रेलवे हॉल्ट पर पहुंचकर घटनास्थल का जायजा लिया। साथ ही उन्होंने रेलवे स्टाफ से पूरे घटनाक्रम की जानकारी ली।

एटीएस ने संभाली कमान

आतंकी निरोधक दस्ते एटीएस ने घटनास्थल की फोटोग्राफी की। साथ ही केंद्रीय खुफिया विभाग के अधिकारियों ने मौके पर पहुंचकर जायजा लिया। एसएसपी राजेश कुमार पांडे ने बताया कि एटीएस व केंद्रीय खुफिया एजेंसियों ने जांच शुरू कर दी है। आसपास के लोगों को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया गया है। इसके अलावा आसपास लगे सीसीटीवी फुटेज भी खंगाले जा रहे है। उन्होंने बताया कि रेल पटरी पर जो गॉटर रखा गया था। वह रेलवे का नहीं था। वह लोहे में हल्के वजन का था। अगर रेल के गॉटर होते तो बशर्ते कोई बड़ी घटना हो सकती थी। उन्होंने बताया कि इस घटना में आतंकी साजिश से भी इंकार नहीं किया जा सकता है। इसकी जांच की जा रही है।

सतर्कता के दावे विफल

गत वर्ष अगस्त माह में खतौली -मुजफ्फरनगर के बीच उत्कल एक्सप्रेस के हादसे में टूटी पटरी के कारण 23 लोगों की मौत हो गई थी और 100 से अधिक घायल हो गए थे। बावजूद इसके, रेलवे ट्रैक की सुरक्षा को लेकर कोई खास कदम नहीं उठाए गए।