एचआईवी और एड्स में फर्क क्या है?

एचआईवी एक वायरस है जो कि एड्स के लिए जिम्मेदार होता है. एचआईवी इम्यून सिस्टम को कमजोर करता है. फिजीशियन डॉ. एसी अग्रवाल कहते हैं, ‘अगर आप एचआईवी पॉजिटिव हैं तो इम्यून सिस्टम कमजोर होने से किसी भी डिसीज या इंफेक्शन की चपेट में आ सकते हैं, जबकि एड्स एचआईवी का लास्ट स्टेज है.’

क्या एचआईवी पॉजिटिव होने पर लाइफ बहुत ज्यादा दिनों की नहीं होती?

बिल्कुल नहीं, एचआईवी पॉजिटिव होने पर भी डॉक्टर की देख-रेख में प्रॉपर मेडिकेशन के बाद आप दस साल या इससे ज्यादा दिनों तक लाइफ को एंज्वॉय कर सकते हैं. हां, एड्स होने के बाद वक्त बहुत कम होता है. डॉ. कुणाल सहाय कहते हैं, ‘एचआईवी पॉजिटिव पेशेंट को एड्स की कंडिशन तक पहुंचने में 4 से 10 साल तक लग सकते हैं.’

किस बॉडी फ्लूड में एचआईवी होता है?AIDS awareness

ब्लड और ब्लड प्रोडक्ट्स: किसी तरह से इंफेक्टेड ब्लड के चपेट में आने से चाहे वह इंजेक्शन के जरिए हो, ब्लड एक्सचेंज के जरिए हो या इंफेक्टेड ऑर्गन ट्रांसप्लांट्स के जरिए, इनसे इंफेक्शन हो सकता है.

सीमेन, वजीनल और सर्वाइकल सिक्रेशन: किसी भी इंफेक्टेड पर्सन से अनप्रोटेक्टेड सेक्शुअल रिलेशन से इंफेक्शन हो सकता है.

इसके अलावा एम्नियॉटिक फ्लूड, सेरेब्रोस्पाइनल फ्लूड और बोन ज्वॉइंट्स में पाए जाने वाले सिनोवायल फ्लूड में वायरस ज्यादा क्वांटिटी में होते हैं. इनसे इन्फेक्शन होने की पूरी गुंजाइश होती है.

क्या पब्लिक प्लेसेज या सिनेमा सीट पर लगाए गए नीडल से एचआईवी इंफेक्शन हो सकता है?

यह महज एक र्यूमर है और अभी तक ऐसा कोई भी मामला प्रूव नहीं हो सका है. डॉ. सहाय कहते हैं, ‘एचआईवी इंफेक्शन के लिए नीडल पर हाई लेवल एचआईवी इंफेक्टेड ब्लड होना जरूरी है, जो प्रैक्टिकली पॉसिबल नहीं है. इससे नीडल से इंफेक्शन के चांसेस बहुत ही लो हैं.’

Transmission of HIV from mother to child

•अगर कोई लेडी प्रेगनेंट है और उसे एचआईवी है. तो बच्चे को एचआईवी न हो इसलिए प्रिकॉशन लेने की जरूरत है.

•प्रेगनेंट लेडी डॉक्टर को सारी बात बताए. ताकि डॉक्टर ड्रग्स के जरिए बच्चे को होने वाले इंफेक्शन से बचा सके.

•एंटीरेट्रोवॉयरल ड्रग्स देकर वायरस को कम किया जा सकता है.  हालांकि बच्चे को इससे पूरी तरह से बचा पाना मुश्किल होता है.

•एचआईवी मां को बेबी होने के बाद उसे पहले डॉक्टर से बेबी को फीड कराने के लिए पूछना चाहिए. क्योंकि इससे भी इंफेक्शन होने का डर रहता है.

   -डॉ. मधु लुम्बा,गाइनोकलॉजिस्ट

AIDS patientWhen you are living with AIDS patient

एचआईवी हवा, पानी और खाने के जरिए नहीं फैलता इसलिए आपको इंफेक्टेड पर्सन के साथ खाने-पीने, हाथ मिलाने, हग या किस करते वक्त डरने की जरूरत नहीं है. आप बेहिचक इंफेक्टेड पर्सन के साथ ऑफिस में काम कर सकते हैं, उनके साथ स्वीमिंग पूल में नहा सकते हैं. मच्छर काटने से भी एचआईवी नहीं फैलता. किसी भी एचआईवी इंफेक्टेड फैमिली मेम्बर के साथ रहने और उसकी केयर करने दौरान उससे इंफेक्टेड होने का कोई चांस नहीं होता, बस आपको कुछ बातों का खयाल रहना होता है...

•पेशेंट के ब्लड या दूसरे बॉडी फ्लूड जिसमें ब्लड की गुंजाइश हो जैसे यूरीन, फीसीज या वॉमिट के कांटैक्ट में आने से पहले ग्लव्स जरूर पहन लें.

•पेशेंट के कट्स, सोर और एक्सपोज्ड स्किन बैंडेज से कवर होना चाहिए.

•अगर आपका हाथ या कोई बॉडी पार्ट पेशेंट के ब्लड या फ्लूड के कांटैक्ट में आ ही गया तो तुरंत साबुन से अच्छी तरह से धो लें.

•जमीन पर इंफेक्टेड ब्लड गिर जाए तो उसे भी डिस्ट्रॉय किया जाना चाहिए.

•रेजर्स और टूथब्रशेज जिनके ब्लड कांटैक्ट में आने की गुंजाइश बनी रहती है इसे बिल्कुल भी शेयर ना करें.

•इंफेक्टेड वुमेन के केस में उनके सिनेट्री पैड्स को जलाकर या फिर मिट्टी के अंदर डालकर डिस्ट्रॉय किया जाना चाहिए.

inextlive from News Desk