-सांसद का साथ न होना सालता है पब्लिक को

-समस्याओं से परेशान है शहर दक्षिणी की जनता

-पानी, नाली, सीवर, सड़कें और जाम ने किया जीना दुश्वार

ALLAHABAD: पहली बार सांसद के लिए वोट मांगने आए थे तो पब्लिक ने हाथों-हाथ लिया था। शहर दक्षिणी के लोगों ने भी। इसलिए कि उनकी छवि साफ-सुथरी थी। समाजवादी पार्टी से जुड़े थे। सोच से भी समाजवादी थे। इसलिए पब्लिक को लगा कि उनके बीच कोई ऐसा आया है जो वाकई उसका हमदर्द बन सकता है। पांच साल बाद दूसरा चुनाव आया तो सांसद जी के दर्शन फिर से हुए। तब तक उनका कद बड़ा हो चुका था। संसद में उन्होंने कई मुद्दे उठाए। अब तीसरी बार आए हैं। इस बीच कम से कम शहर दक्षिणी की पब्लिक तो खुद को ठगा हुआ महसूस करने ही लगी है। वेडनसडे को आई नेक्स्ट टीम इस एरिया में पहुंची तो पब्लिक यह कहने से भी नहीं चूकी कि सांसद से बेहतर तो सभासद है जो मिल तो जाते हैं। अपने स्तर पर यथासंभव मदद तो करते हैं।

दो बार रह चुके हैं सांसद

इलाहाबाद सीट से सपा के कुंवर रेवती रमण सिंह दो बार सांसद रह चुके हैं। इस लोकसभा क्षेत्र के शहर दक्षिणी विधानसभा को व्यापारी बाहुल्य क्षेत्र माना जाता है। बिजनेस का बड़ा सेंटर होने के साथ ही इस एरिया की आबादी भी घनी बसी हुई है। जनसंख्या बढ़ तो पहले से ही नगण्य संसाधन और कम पड़ने लगे। टूटी-फूटी सड़कें, जाम सीवर, जलभराव, दिनभर लगने वाला जाम, बिजली कटौती, गंदे पानी की सप्लाई जैसे रोजमर्रा की जरूरत से जुड़े मुद्दों को हर कर पाना न तो खुद पब्लिक के बस में था और न ही व्यापारियों के। खासतौर से अतिव्यस्त मुट्ठीगंज और उसके आसपास के इलाकों के लोगों को इनके समाधान के लिए सांसद की जरूरत महसूस हुई लेकिन वह कभी जानने भी नहीं आए कि प्राब्लम क्या है और वह इसमें क्या कर सकते हैं।

एक बार बारिश तो आने दीजिए

बात लक्ष्मी नारायण रोड की हो या सालिकगंज रोड, कटघर रोड की या हटिया चौराहे की। पब्लिक का कहना है कि बारिश के मौसम में यहां घुटनों तक पानी भर जाता है। दस मिनट की बारिश के बाद सीवर का पानी घरों में घुस जाता है। लोगों का कहना था कि इस समस्या का समाधान निश्चित तौर पर नगर निगम को देना है लेकिन इस कठिन समय में सांसद जी साथ खड़े भर हो जाते तो ऑफिसर गंभीर होते। लेकिन, सांसद से ऐसा रिस्पांस कभी नहीं मिला।

सेहत खराब कर रहा गंदा पानी

पेयजल की बात शुरू हुई तो मुट्ठीगंज चौराहे के निवासी भड़क गए। महिलाओं का कहना था कि अक्सर पीले रंग का पानी नल से आता है। पाइप लाइन कई जगह से लीक है। नाली का बीमार बना रहा है। गर्मियों में डायरिया फैलना यहां आम बात है। कहने को तीन घंटे बिजली कटौती का नियम है लेकिन बिजली अक्सर जरूरत के वक्त गायब हो जाती है। कभी ट्रांसफॉर्मर फुंक जाना कारण होता है तो कभी तार टूट जाना और कभी ट्रिपिंग। इससे पब्लिक खुद ही जूझती है।

तीन महीने से नर्क हो चुका है जीवन

कटघर से हटिया चौकी के बीच की सड़क पर रहने वालों का जीवन तीन महीने से नरक हो चुका है। पानी की पाइप बिछाने के लिए खोदी गई रोड दोबारा नहीं बनाई गई। दिनभर उड़ने वाली धूल घर के अंदर जमा हो रही है तो अब तक ऊबड़-खाबड़ सड़क पर गिरने से कई चोटिल हो चुके हैं। इन्हीं सड़कों से वोट मांगने वाले गुजरते हैं लेकिन, रुक कर कोई जनता का हाल नहीं पूछता।

सांसद से अच्छा तो सभासद

विकास के बारे में चर्चा के दौरान लोगों का कहना था कि सांसद से बेहतर तो सभासद है। कम से कम जनता के सुख-दुख में खड़ा तो होता है। समाधान भले न दे सके, जनता को सुनता तो है। उनके साथ पुलिस, नगर निगम, जलकल और बिजली विभाग जाता तो है। चुनाव जीतने के बाद सांसद से मिलना नामुमकिन जैसा है। हम अपनी शिकायतें कहें किससे? क्षेत्र की बड़ी समस्याओं में जाम भी एक है। व्यापारिक क्षेत्र होने की वजह से मुट्ठीगंज और उसके आसपास के इलाकों में पैदल चलना मुश्किल होता है।

-चुनाव जीतने के बाद एक बार भी सांसद जी क्षेत्र में दिखे नहीं। गढ़इया गली का सीवर सालों से जाम है। बदबू में बैठना पड़ता है, दुकानदारी चौपट हो रही है। बारिश में तो पूरा नरक मच जाता है। सांसद से बेहतर तो सभासद है जो कहने पर नालियों की सफाई करा देता है।

त्रिलोकी नाथ, ऊंचा मंडी

मुट्ठीगंज बड़ा व्यापारी क्षेत्र है। यहां एक सुलभ कॉम्प्लेक्स तक बनवाने की पहल तो सांसद ने की नहीं। बाहर से आने वाले व्यापारियों को इससे बहुत दिक्कत होती है। कुंभ मेले के बजट से गलियां बनी, उसका क्रेडिट लेने में सांसद पीछे नहीं रहे।

बीएन केसरवानी, गढ़इया गली

कूड़ा उठाने वाले कई दिनों तक नहीं आते हैं। आवारा जानवर सड़कों पर घूमकर गंदगी फैलाते हैं। महत्वपूर्ण होने के बावजूद यह क्षेत्र उपेक्षित है। शायद सांसद जी ऐसी समस्याएं नहीं सुनते।

अंकित कुमार, मुट्ठीगंज

मालवीय में दिनभर लाइट आती-जाती रहती है। वॉटर सप्लाई के समय अक्सर बिजली गुल हो जाती है। शीशमहल रोड कई बार रिपेयर हो चुकी है लेकिन, कुछ ही दिनो बाद हालात जस कि तस हो गए।

लक्ष्मण सिंह, मालवीय नगर

सांसद ऐसा होना चाहिए जो जीतने के बाद भी पब्लिक के बीच रहे। उसे जनता के दर्द का अहसास हो। क्षेत्र के सभी सीवर जाम हैं। इनकी सफाई व्यापारी अपनी जेब से पैसे खर्च करके करवाते हैं। मुट्ठीगंज की दुर्गति देखनी हो तो बारिश में आइए। एक कदम चलना मुश्किल होता है।

सुशील कुमार, सरइया गली

जीतने के बाद जनप्रतिनिधि को जनता को एक नजर से देखना चाहिए। ऐसा नहीं है कि वोट नहीं मिला तो किसी के साथ बदले की भावना से व्यवहार किया जाए। व्यापारिक इलाका होने की वजह से यहां दिनभर लाइट होनी चाहिए लेकिन ऐसा नहीं है। बार-बार कटौती होने से दिक्कत होती है।

श्रीमोहन मिश्रा, मुट्ठीगंज

मथुरागंज मंडी में लोग अभी भी मूलभूत सुविधाओं के लिए तरस रहे हैं। सालिकगंज रोड अभी तक किसी भी प्रतिनिधि के कोटे से नहीं बनी। हालत दिन प्रतिदिन खराब होती जा रही है। जाम ने जीना दुश्वार कर रखा है।

राजेश केसरवानी, मथुरागंज मंडी

मुट्ठीगंज छोटे चौराहे के नाले में गिरकर कई लोग घायल हो चुके हैं। इसे बंद कराने के लिए जनप्रतिनिधि से गुहार लगाई गई लेकिन काम नहीं बना। सफाई की समस्या बहुत विकराल है। कई दिनों तक कूड़ा नहीं उठता है।

रूपेश जायसवाल, मुट्ठीगंज

नाले का गंदा पानी सप्लाई के जरिए घरों में पहुंच रहा है। अक्सर नलों से पीले रंग का पानी आता है। इसे पीने के बाद उल्टी और दस्त की समस्या हो जाती है। सांसद जी चाहें तो क्षेत्र की पानी की पाइप लाइन की रिपेयरिंग हो सकती है। नई लाइन डाली जा सकती है। लेकिन, कभी ऐसा सोचा भी नहीं।

रजनी यादव, सालिकगंज रोड

बिजली के खंभे कई जगह झुक हैं। तार घरों की छत को छू रहे हैं। करंट लगने से हाल ही में एक की मौत भी हो चुकी है। ट्रांसफारमर के नीचे कूड़े में कई बार चिंगारी गिरने से आग लग चुकी है। कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है। क्षेत्र के बिजली के खंभों को ठीक कराया जाना बेहद जरूरी है।

कुसुम लता, सालिकगंज रोड

कोई समस्या है तो सांसद के घर तक जाना होगा। उनके आने का इंतजार करना गलत है। वह तो कभी यहां नहीं आते। कुछ समस्याओं को लेकर हमलोग गए थे, जिनकी सुनवाई भी हुई है। मेरा मानना है कि सांसद को अपने क्षेत्र के लोगों से मिलते-जुलते रहना चाहिए।

नीरज, मुट्ठीगंज

साउथ मलाका में बिजली और गंदगी बड़ी समस्या है। दिन में कई-कई घंटे तक बिजली नदारद रहती है। अपने पैसे से कूड़ा कई बार उठवाया। लोगों के कहने पर जनप्रतिनिधि को पत्र भी लिखा लेकिन समस्या का समाधान नहीं हो सका।

लल्लू लाल कुशवाहा, साउथ मलाका

होली से पहले कटघर से हटिया चौकी तक रोड को पानी की पाइप लाइन बिछाने के नाम पर खोद दिया गया। अब इसकी मरम्मत नहीं हो रही है। खराब सड़क पर आए दिन लोग गिरकर चोटिल हो रहे हैं। यह नहीं दिखता हमारे सांसद जी को।

प्रशांत, कल्लू कचौड़ी चौराहा

एक तो रोड खराब और ऊपर से पानी की लाइन में लीकेज। इसके चलते रोजाना सड़क पर पानी भर जाने से कीचड़ हो गया है। लोग यहां वोट मांगने आते हैं लेकिन, समस्या के बारे में नहीं पूछते। रात में रोड लाइट भी नहीं जलती है। सांसद को लोगों का हाल-चाल लेना चाहिए।

जगदीश कुमार, कटघर रोड

क्षेत्र के विकास में कमीशनखोरी सबसे बड़ा रोड़ा है। जनप्रतिनिधि नहीं सुनते। किसी तरह से किसी काम का बजट जारी होता है तो कमीशनखोरी के चलते काम का बंटाधार हो जाता है। दिनभर धूल उड़ने से लोग घर से बाहर नहीं निकल पा रहे हैं।

अभिनय कुमार, सालिकगंज रोड