इनकी संख्या एक-दो नहीं दोनों लोकसभा को मिलाकर दस है। सांसद बनकर देश के नीति नियंताओं में शामिल होना चाहते हैं। नामिनेशन फाइल कर दिया है। लेकिन, इसके बाद इनका अता-पता नहीं है। ये कहां हैं? क्या कर रहे हैं? अब तक कितना खर्च कर चुके हैं? इनके नाम पर जारी वाहन पास का इस्तेमाल कौन कर रहा है? कुछ पता नहीं है।

कहीं देखा है इन नेताओं को?

-कई के पास नामांकन राशि जमा करने भर का भी पैसा नहीं था तो आधा दर्जन से अधिक हैं लखपति

-दो बार हो चुका शैडो ऑब्जर्वेशन, एक बार भी नहीं पहुंचे खुद के बारे में बताने

-वाहन पास जब्त करने के साथ एफआईआर दर्ज कराने की तैयारी

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ALLAHABAD: चुनाव आयोग की सख्ती से मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों के प्रत्याशी हलकान हैं तो कुछ ऐसे भी हैं जिन्हें प्रचार की कोई चिंता नहीं है। न उनका पोस्टर कहीं दिखता है और न ही बैनर। न ही उनकी कभी सभा सुनाई पड़ती है। नामांकन पत्र भरने की हैसियत नहीं थी, फिर भी मैदान में उतरे और वापस पास के साथ सुरक्षाकर्मी मिलने के बाद गायब हो गए। इन्हें आयोग का भी कोई डर नहीं है। शैडो आब्जर्वेशन के दो चरण पूरे होने के बाद भी उनके दर्शन प्रेक्षकों को नहीं हुए। कौन हैं ये? क्या है इनका बैकग्राउंड? आप भी जान लें।

बिना पैसा लगाए लड़ रहे हैं चुनाव

ख्7 अप्रैल को हुए शैडो ऑब्जर्वेशन में इलाहाबाद लोकसभा से नदारद दो प्रत्याशी एक मई को आखिरकार ऑब्जर्वर के पास पहुंच गए। इनमें पहला नाम निर्दलीय परमानंद का है। उन्होंने अब तक अपना चुनावी खर्च शून्य बताया है। हालांकि , प्रत्याशी और उसकी पत्‍‌नी के पास कुल ख्म् हजार रुपए की चल संपत्ति है। ऐसे में सवाल उठता है कि यह चुनाव क्यों लड़ रहे हैं। क्ख्.भ् हजार रुपए जमानत राशि जमा करने के पैसे इनके पास से कहां आ गए। इसी तरह बहुजन मुक्ति पार्टी के प्रत्याशी महेंद्र कुमार ने भी एक मई को हाजिर होकर अपना चुनावी खर्च महज 90 हजार रुपए ही शो किया है।

फूलपुर लोकसभा

प्रत्याशी राजनीतिक दल

नाथूराम बौद्ध बहुजन मुक्ति पार्टी

मिथिलेश कुमार निर्दलीय

इलाहाबाद लोकसभा

-मो। अमीन अजहर अंसारी कौमी एकता दल

-चंद्र प्रकाश तिवारी भारतीय शक्ति चेतना पार्टी

-निष्ठादेव मौर्य प्रगतिशील समाज पार्टी

-राजेंद्र प्रसाद कल्याणकारी जनतांत्रिक पार्टी

-वाहिद अली उर्फ वाजिद अली राष्ट्रीय उलेमा कौंसिल

-संजय राबिंसन नैतिक पार्टी

-अजीत कुमार निर्दलीय

-हीरालाल निर्दलीय

लखपति हैं लेकिन फील्ड से नदारद

शैडो ऑब्जर्वेशन से नदारद प्रत्याशी फिलहाल चुनाव मैदान से भी लगभग गायब नजर आ रहे हैं। न तो इनके बैनर-पोस्टर दिख रहे हैं और न ही प्रचार गाडि़यां कहीं दिख रही हैं। ये बात और है इनमें से कई लखपति हैं। इनकी पत्‍ि‌नयों के पास भी लाखों रुपए की चल संपत्ति मौजूद है, बावजूद इनके चुनावी मैदान में इनकी सक्रियता ज्यादा नजर नहीं आ रही है। वहीं कुछ ऐसे प्रत्याशी भी हैं, जिनके पास चल संपत्ति कुछ नहीं है, फिर भी उन्होंने जमानत राशि भर दी। यह पैसा वह कहां से लाए और अब कहां हैं? इसका जवाब केवल वही दे सकते हैं। शपथ पत्र के मुताबिक प्रत्याशियों की हैसियत पर एक नजर

-नाथूराम बौद्ध- कुल चल संपत्ति दो लाख फ्भ् हजार फ्ब्0 रुपए है। हाथ में महज तीस रुपए नकद दिखाए हैं।

-मिथिलेश कुमार- कुल चल संपत्ति एक लाख क्म् हजार 7म् रुपए है और पत्‍‌नी के पास क्.क्म् लाख रुपए की चल संपत्ति है।

-मो। अमीन अजहर अंसारी- कुल फ् लाख क्0 हजार और पत्‍‌नी के पास एक लाख 80 हजार की चल संपत्ति है।

-निष्ठादेव मौर्य- कुल क्8 लाख म् हजार रुपए की चल संपत्ति है।

-वाहिद अली उर्फ वाजिद अली-कुल फ् लाख क्7 हजार ख्ख्ब् रुपए चल संपत्ति है।

-संजय राबिंसन- कुल एक लाख भ् हजार चल संपत्ति है।

-अजीत कुमार- कुल एक लाख भ् हजार रुपए चल संपत्ति है।

-हीरालाल- कुल 70 हजार रुपए की अचल संपत्ति है और पत्‍‌नी के पास दस हजार रुपए की चल संपत्ति है।

-राजेंद्र प्रसाद- कुल एक लाख चल और ब्भ् लाख की अचल संपत्ति है।

आयोग की सजा में भी मजा है

लोगों का क्या है, तरह-तरह की बातें करते हैं। चुनाव आयोग द्वारा बनाए गए नियमों को दरकिनार कर अब तक एक्सपेंडिचर ऑब्जर्वर के सामने हाजिर नहीं होने वाले प्रत्याशियों के प्रचार वाहन कहां हैं? यह वह ही जानते हैं। उन्होंने प्रचार वाहनों की अनुमति मांगी या नहीं, यह भी अपने आप में एक सवाल है। ट्रेजरी ऑफिसर डॉ। वरुण खरे बताते हैं कि जिनके पास प्रचार वाहन की अनुमति है, उनके पास जब्त करने का नोटिस जारी कर दिया गया है। साथ ही इनके खिलाफ मुकदमा भी दर्ज कराने की कार्रवाई की जा रही है। बावजूद इसके पांच मई को प्रचार खत्म होने के बाद प्रत्येक प्रत्याशी और उसके एजेंट को आवागमन के दो गाडि़यों की अनुमति दी जाएगी। यह सुविधा सभी प्रत्याशियों के लिए लागू होगी। ऐसे में सात मई को चुनाव से पहले अहम वक्त में इन गाडि़यों का कौन, कितना और किसके लिए, कहां यूज करता है, यह आने वाला वक्त ही बताएगा।