हम भी तो धूप में घूम रहे हैं। हमें भी धूप लगती है। पसीना आता है। दो-चार लोग साथ रहते हैं। दिनभर हम क्या मुंह बांध कर रखें। हम पैदल कितनी दूरी तय कर सकते हैं। हम भी तो सुविधाएं मिलें। भरी मिटिंग में इस तीखे सवाल ने कांग्रेसियों की असली एकजुटता सामने रख दी। दोनो प्रत्याशी अवाक थे।

इन्हें भी चाहिए कार, कैश

-राहुल गांधी की सभा के लिए बुलाई गई मिटिंग में हंगामा

-मन मुताबिक रुपया व सुविधाएं न मिलने पर कांग्रेस पदाधिकारी हुए नाराज

ALLAHABAD: नेता जी को गर्मी लगती है इसलिए वह लग्जरी कार से घूम रहे हैं। साथ चलने वालों पर पैसा खर्च कर रहे हैं। चुनाव जीतने के बाद वह तो क्षेत्र में कभी कभार ही आएंगे? हमें तो रोज यहीं रहना है। जनता को जवाब देना है। राहुल गांधी की रैली को सफल बनाने के लिए लोगों को कन्वींस करके ले आना है। उन्हें कांग्रेस की नीतियों के बारे में बताते हुए पार्टी प्रत्याशी को जिताने के लिए मोटीवेट करना है। अपना सारा काम धाम छोड़कर धूप में तप रहे हैं। पसीना बहा रहे हैं। हमें भी कुछ सुविधाएं मिलनी चाहिए। कम से कम कार और कुछ कैश तो हो जो हम साथ चलने वाले लोगों को नाश्ता-पानी करा सकें। राहुल की सभा की तैयारी के लिए बुलाई गई मिटिंग में एक वरिष्ठ कार्यकर्ता ने यह मुद्दा उठाया तो हंगामा खड़ा हो गया।

खुद तो बाहर से आए हैं

वैसे बात इलाहाबाद लोकसभा की हो या फूलपुर की, दोनों ही स्थानों पर कांग्रेस के प्रत्याशी पार्टी कार्यकर्ताओं के लिए बिल्कुल नए हैं। मो। कैफ अपने राजनीतिक सफर का आगाज कर रहे हैं तो नंदी ने अंतिम क्षणों में अपना टिकट प्रियंका से मिलकर पक्का करा लिया था। इसे लेकर पहले से ही चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे कांग्रेस पहले से ही नाराज हैं। दूसरे प्रत्याशी उन्हें ज्यादा भाव भी नहीं दे रहे हैं। इससे उनमें गुस्सा भरा हुआ है। पार्टी के भीतर की यह अन्तरकलह क्या गुल खिलाएगी? यह तो चुनाव के नतीजे सामने आने के बाद पता चलेगा लेकिन जो संकेत हैं, सब कुछ ठीक चलने का इशारा नहीं करते।

बागियों की तरह चिल्लाने लगे पदाधिकारी

ट्यूजडे को मो। कैफ के कार्यालय पर राहुल गांधी की सभा की तैयारी और कैंपेनिंग के लिए मिटिंग बुलाई गई थी। दिन में क्क् बजे शहर कांग्रेस कमेटी की मीटिंग शुरू हुई। इसमें शहर के सभी पदाधिकारी और चुनिंदा कार्यकर्ता शामिल थे। मीटिंग में पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओं से मो। कैफ और नंद गोपाल गुप्ता की कैंपेनिंग को बेहतर बनाने के लिए जरूरतें बताने के साथ सुझाव मांगे गए। इस पर पदाधिकारी अपनी बात रखने लगे। एक पदाधिकारी ने कैंपेनिंग के लिए गाडि़यों के साथ कैश की डिमांड की। यह मांग मीटिंग में खारिज कर दी गई। पदाधिकारी से कहा गया कि इस मुद्दे पर अकेले में इत्मीनान से बात होगी। यह बात पदाधिकारी को बुरी लग गई और उन्होंने तेज आवाज में बोलना शुरू कर दिया।

एक आवाज पर साथ आए कई

एक पदाधिकारी ने आवाज उठाई तो असंतुष्ट पदाधिकारी व कार्यकर्ता भी सुर में सुर मिलाने लगे। मीटिंग का माहौल हंगामेदार हो गया। कहासुनी और विवाद शुरू हो गया। कुछ पदाधिकारी मीटिंग हाल में और कुछ कार्यालय के बाहर आकर प्रत्याशियों को कोसने लगे। उन्होंने मनमानी करने और कार्यकर्ताओं की मांग नजरअंदाज करने का आरोप लगाया। मामला बिगड़ते देखकर सीनियर पदाधिकारी एक्टिव हो गए और उन्होंने किसी तरह विरोध करने वालों को शांत कराया।

संजय बापन ने भरा जोश

हंगामे से पहले कांग्रेस के सचिव व प्रभारी संजय बापन ने पदाधिकारियों के साथ मीटिंग की। मीटिंग में उन्होंने कांग्रेसियों में जोश भरा। कहा कि आपसी मन मुटाव भूल कर चुनाव में लगें और प्रत्याशी को जिताएं। यह वक्त गिले-शिकवे का नहीं है। ऐसा करने से पार्टी की ताकत कमजोर होगी। इसलिए हर किसी को सिर्फ पार्टी के बारे में सोचते हुए काम करना होगा।

ज्यादा हंगामा नहीं हुआ था। एक पदाधिकारी अपनी बात कहना चाहते थे। उन्हें कहा गया कि आप अकेले में अपनी बात रखें। बस इसी बात पर वे भड़क उठे। फिलहाल उन्हें समझा दिया गया। पार्टी में विवाद जैसी कोई स्थिति नहीं है। सब एक हैं और पार्टी के लिए काम कर रहे हैं।

बाबा अवस्थी

शहर अध्यक्ष, कांग्रेस