पूरे डेढ़ महीने बाद सब एक साथ बैठे थे। साथ नाश्ता किया, लंच किया और डायनिंग टेबल पर पूरे चुनाव का एक्सपीरिएंस शेयर किया। थकान के चलते रात में नींद भी अच्छी आई थी। आई नेक्स्ट प्रत्याशियों के घर पहुंचा तो कुछ तो काम पर लौट आए थे तो कुछ परिवारवालों के साथ ही वक्त बिताते मिले। कुछ अपने ऑफिसेज में पब्लिक से मिल रहे थे तो कुछ आसपास के लोगों के साथ चुनाव नतीजों पर चर्चा में व्यस्त थे।

-लम्बे समय बाद लोकसभा चुनाव लड़ रहे प्रत्याशियों ने फैमिली के साथ बिताया वक्त

-कुछ सुबह ही आ गए जनता दरबार में तो कुछ ने पूरे दिन किया आराम

-नसीब हुआ दिन में घर का खाना तो, बच्चों के साथ वक्त बिताने वाले भी कम नहीं

ALLAHABAD: चुनाव प्रचार का दायरा लम्बा-चौड़ा होने से कई बार तो पूरी रात जागकर काटनी पड़ी थी। पौ फटते ही क्षेत्र में निकल जाना। पूरे दिन व्यस्त रहना। कभी जनसभा तो कभी जनसम्पर्क में तो कभी चुनावी मैनेजमेंट देखने में। इसके बाद भी फील करते थे कि वक्त को तो जैसे पर लग गया है। कब सुबह हुई, कब शाम और रात पता ही नहीं चलता था। करीब डेढ़ महीने बाद थर्सडे को थोड़ा रिलैक्स फील कर रहे थे। इसे एंज्वॉय करने का हर किसी का अपना-अपना तरीका था। जानते हैं कौन क्या कर रहा था थर्सडे को

क्रिकेटर मो। कैफ

दिन भर किया आराम, शाम को पदाधिकारियों से मिले

आई नेक्स्ट टीम थर्सडे को दिन में करीब एक बजे फूलपुर लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र से कांग्रेस कैंडिडेट मो। कैफ के घर पहुंची। उनके पिता बाहर मिले, कहा कैफ सो रहे हैं। कई दिनों की थकान मिटा रहे हैं। रोज दो-तीन घंटे सोते थे। आज भरपूर नींद ले रहे हैं। उन्हें हम नहीं जगाएंगे। शाम करीब छह बजे दुबारा पहुंचे तो कैफ पार्टी के पदाधिकारियों व दिग्गज नेताओं के साथ मीटिंग कर रहे थे। आगे की रणनीति बना रहे थे, तो चुनाव की समीक्षा कर रहे थे। मो। कैफ ने कहा, काफी दिनों बाद आज परिवार के बीच टाइम बिताने का मौका मिला था। इसे कैसे मिस कर सकता हूं। आज सुबह भी देर से नींद खुली है। नींद तो आई लेकिन चैन नहीं है। रिजल्ट जानने की बेताबी है।

पूर्व मंत्री नंद गोपाल गुप्ता नंदी

सब के साथ लिया पोहे का आनंद

इलाहाबाद कांस्टीचुएंसी से कांग्रेस कैंडिडेट नंद गोपाल गुप्ता नंदी भी थर्सडे को दस बजे के बाद सो कर उठे। इसके बाद दिन भर बहादुरगंज स्थित अपने घर पर ही रहे। घर के हॉल में फैमिली मेम्बर्स, फ्रेंड्स और मिलने आने वालों के साथ बैठ कर फ्रेश और आराम के मूड में नजर आए। रोज सुबह जहां कैंपेनिंग के लिए निकल जाते थे। वहीं थर्सडे को दिन भर टी शर्ट और हॉफ पैंट में ही सब के साथ बैठ कर पोहा खाते मिले। साथ में पत्‍‌नी अभिलाषा गुप्ता भी थीं। बात छिड़ी तो कहने लगीं रोज सुबह ही तैयार होना और निकलना होता था। आज थोड़ा अजीब फील हो रहा है। उनके साथ घर में काम करने वाले सदस्य भी बैठे हुए थे। यहां का माहौल भले ही पारिवारिक था लेकिन चर्चा चुनाव को लेकर ही चल रही थी।

सांसद कपिल मुनि करवरिया

आराम के बाद बैठ गए कार्यालय में

फूलपुर के सांसद और बसपा प्रत्याशी कपिल मुनि करवरिया रोज की तरह सुबह छह बजे ही सोकर उठे। थोड़ा रिलैक्श मूड में थे। परिवार के साथ वक्त बिताया। इसके बाद फ्रेश होकर पूजा-पाठ में लग गए। पूरे चुनाव के दौरान भी उन्होंने नियमित रूप से इसके लिए दो घंटे का वक्त निकाला था तो भला आज कैसे चूक जाते। इसके बाद उन्होंने नाश्ता किया और फिर मिलने आए लोगों के बीच पहुंच गए। चुनाव प्रचार के दौरान साए की तरह साथ रहने वालों का हाल चाल पूछा और उन्हें भी लगातार आराम करने की हिदायत देते रहे। चुनाव का ठीक दूसरा दिन होने के बाद भी दोपहर बाद उनसे रहा नहीं गया और कार्यालय में आकर बैठ गए। कार्यकर्ताओं की बात सुनी तो शुरू हो गई चुनाव की समीक्षा। यह ऐसा सब्जेक्ट था जिस पर लम्बी बहस चलनी थी, इसके बाद भी उनके चेहरे पर गिले-शिकवे का कोई भाव नहीं था।

सांसद रेवती रमण सिंह

फिर शुरू हो गया जनता दरबार

सांसद रेवती रमण सिंह चुनाव से पहले रोज अपने कार्यालय में बैठ कर लोगों की समस्याएं सुनते थे। चुनाव तक वो प्रचार में व्यस्त रहे। चुनाव बाद थर्सडे को दिन भर आराम करने के बाद शाम को फिर से पहले की तरह वे अपने कार्यालय में दिखाई दिए। जहां उनके चाहने वाले उन्हें घेरे रहे। समस्याएं और शिकायतें लेकर उनके पास पहुंचे थे। चुनाव के नतीजे पर उन्होंने कहा, जीत पक्की है। जनता उनके साथ है।

श्यामाचरण गुप्ता

समय मिला तो बिजनेस पर नजर

भाजपा प्रत्याशी श्यामाचरण गुप्ता केवल नेता नहीं, बल्कि बड़े उद्योगपति भी हैं। टिकट मिलने के बाद से पूरी तरह चुनाव मैदान में डटे श्यामाचरण भी जी जान से चुनाव की कैंपेनिंग में लगे थे। व्यापार को तो वे आलमोस्ट भूल ही गए थे। बमुश्किल ही किसी दिन अपने ऑफिस पहुंच पाए थे। लेकिन, थर्सडे को स्थिति अलग थी। सब अपनी पुरानी दिनचर्या में लौट आए। दिन भर घर पर आराम किया और दोपहर बाद अपने कार्यालय में आकर बैठ गए। चुनाव के चलते पेंडिंग बिजनेस वर्क पर कर्मचारियों के साथ डिस्कशन किया और फिर जरूरत के अनुसार निर्देश दिए। पूछने पर कहा, अभी चैन कहां है। रिजल्ट आ जाए तब सुकून मिलेगा।

केशरी देवी पटेल

परिवार के साथ बिताया समय

पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष और बसपा प्रत्याशी श्रीमती केशरी देवी पटेल भी चुनाव से पहले पूरे दम-खम के साथ क्षेत्र में नजर आती थी। सुबह-सुबह ही घर से निकल जाना और फिर देर रात तक लौटना। बेटे और पति भी उनके प्रचार में लगे थे। इससे सबका एक साथ बैठना मुश्किल होता था। वेडनसडे को मतदान की प्रक्रिया पूरी होने के बाद थर्सडे को वह भी रिलैक्स मूड में नजर आई। परिवार के साथ वक्त बिताया और पोते के साथ खूब मस्ती की। शाम को अपने कार्यालय पर कार्यकर्ताओं व पदाधिकारियों से मुलाकात की और चुनावी चर्चा की जानकारी ली।

धर्मराज पटेल

ज्यादा देर तक घर पर नहीं लगा मन

फूलपुर से सपा के कैंडिडेट धर्मराज पटेल दोपहर करीब तीन बजे ही सिविल लाइन स्थित कार्यालय पहुंच गए। उनसे पूछा गया कि आज आराम नहीं किया क्या, तो कहने लगे दिन भर आराम किया लेकिन अब जनता के बीच रहने और उनसे बातें करने की आदत सी हो गई है। इसलिए घर में मन ही नहीं लगा और चला आया कार्यकर्ताओं के बीच।

केशव प्रसाद मौर्या

घर से निकल लिए माहौल जानने

भाजपा कैंडिडेट केशव प्रसाद मौर्या भी ज्यादा देर तक घर पर नहीं रहे और चुनावी माहौल जानने व लोगों से मिलने के लिए घर से निकल लिए। सिविल लाइन स्थित एक लान में मिले केशव समर्थकों से घिरे थे। थकान का नामोनिशान नहीं था और चेहरे का तेज बता रहा था कि बढ़े वोटिंग परसेंटेज से वह कितने खुश हैं। समर्थकों से वह उनके एरिया का हाल ले रहे थे और साथ में अनुमान लगाने की भी कोशिश कर रहे थे कि कहां क्या स्थिति रहेगी।