-कंपनी और निजी बैंकों ने जारी की गाइड लाइन

-ऑनलइान वारदातों में लगातार ओ रहा इजाफा

आगरा। अगर आप भी पेएप के माध्यम से ऑनलाइन ट्रांजेक्शन कर रहे हैं तो सावधान हो जाइए। क्योंकि, आपके इस ट्रांजेक्शन पर साइबर क्रिमिनल नजर रखे हुए हैं। इसका ताजा एक्जाम्पल हैं हाल में घटित कुछ वारदातें। साइबर क्रिमिनल पेएप इस्तेमाल करने वालों को लाखों का चूना लगा रहे हैं। साइबर सेल में घटनाओं का आंकड़ा सैकड़ा से ऊपर पहुंच चुका है। बुधवार को साइबर शातिरों ने फोन पे से ट्रांजेक्शन करने का झांसा देकर एक बैंककर्मी को निशाना बना लिया। पांच बार लिंक भेजकर शातिरों ने दो खातों से 70 हजार रुपये पार कर लिए। खातों में जमा रकम निकलने के बाद बैंककर्मी को इसकी जानकारी हुई। उन्होंने साइबर सेल में मामले की शिकायत की है।

फोन पे का किया इस्तेमाल

सिकंदरा के लोहकरैरा निवासी प्रेम सिंह यश बैंक में कर्मचारी हैं। उनके छोटे भाई रोहित शास्त्रीपुरम स्थित एक हार्डवेयर शॉप पर काम करते हैं। बुधवार को हार्डवेयर शॉप के मालिक पर एक अंजान नंबर से कॉल आई। कॉल करने वाले ने प्लाईवुड खरीदने को बात की। सौदा करने के बाद उसने कहा कि कुछ रुपये वह लड़के को लेकर भेज रहा है और कुछ ऑनलाइन ट्रांसफर करेगा। कॉल करने वाले ने दुकानदार से पूछा कि क्या आप फोन पे इस्तेमाल करते हो। वे इस्तेमाल नहीं करते थे। इसलिए उन्होंने अपने कर्मचारी रोहित से पूछा। रोहित के भाई प्रेम सिंह फोन पे इस्तेमाल करते हैं। इसलिए उन्होंने कॉल करने वाले व्यक्ति को उनका नंबर देकर उन्हें बता दिया।

बिना पढ़े किया लिंक क्लिक

दोपहर 2.30 बजे शातिर ने प्रेम सिंह के नंबर पर कॉल की और रिक्वेस्ट मनी का लिंक भेज दिया। प्रेम सिंह ने बिना पढ़े उस पर क्लिक कर दी। ट्रांजेक्शन फेल होने की बात कहकर शातिर ने प्रेम सिंह से पांच बार लिंक पर क्लिक करा लिया। दो बैंक खातों से उनके 70 हजार रुपये निकालकर दोनों खाते साफ कर दिए। प्रेम सिंह ने बैंक के कस्टमर केयर नंबर पर इसकी जानकारी देने के साथ मामले की शिकायत साइबर सेल में की है।

हर कोई कर रहा पेएप ट्रांजेक्शन

लोगों की सुविधाओं के अनुसार विभिन्न प्रकार के एप ऐसे हैं जिनके द्वारा लोग एक क्लिक में ऑनलाइन ट्रांजेक्शन कर रहे हैं। ऑनलाइन पेमेंट एप का इस्तेमाल आज के दौर में हर कोई करना चाहता है। जबसे इस सुविधा को शुरू किया गया है तब से इसका इस्तेमाल करने वाले लोगों में खासी राहत है। इससे समय की बचत तो है ही इसके साथ ही कई सुविधाएं आसान हो गई हैं।

अंजान नंबर पर न करें भरोसा

साइबर शातिर गूगल पे और फोन पे का दुरुपयोग कर रहे हैं। इस पर रिक्वेस्ट मनी का लिंक भेजते हैं। दो विकल्प पे और डेकलाइन दिए जाते हैं। इनमें से पे पर क्लिक करते ही खाते से रकम ट्रांसफर हो जाती है। इसलिए जानकारों का कहना है कि किसी भी अंजान नंबर पर भरोसा न करें। उसके कहने पर किसी लिंक पर क्लिक न करें। क्लिक करने से पहले उसे पूरा पढ़कर समझ लें।

लगातार हो रही वारदातें

ऑनलाइन ट्रांजेक्शन में शातिर आए दिन वारदातों को अंजाम दे रहे हैं। चालबाजों की नजर अब आपके पैसों पर है। 24 अगस्त को सिकंदरा के रहने वाले प्रमोद उपाध्याय ने पेटीएम से दस रुपए का ट्रांजेक्शन किया, इसके बाद तीन ट्रांजेक्शन में एक लाख रुपए गंवा दिए। इसी तरह एक मैसेज क्लिक करने पर खाते से 15 हजार रुपए निकल गए। दोनों मामलों की शिकायत साइबर सेल प्रभारी अमित कुमार से की है।

इस तरह देते हैं वारदात को अंजाम

साइबर अपराधियों की नजर अधिकतर ऑनलाइन ट्रांजेक्शन करने वालों पर है। बैंक का अधिकारी बन कोई भी अजनबी आपकी पर्सनल डिटेल हासिल कर लेता है, 9 नंबर वाला डिजिट मिलने पर वह खाते से रुपए साफ कर देते हैं। वहीं किसी अनचाहे लिंक को क्लिक करने पर भी खाते से रुपए निकल जाते हैं। इसी तरह ऑनलाइन ट्रांजेक्शन से भी इस तरह का खतरा बना रहता है। इसके अलावा अनचाहे ऑनलाइन कॉल्स से भी खतरा बना रहाता है।

ट्रू कॉलर देते है रेड सिग्नल

स्मार्ट फोन धारक अनचाहे कॉल का पता ट्रू कॉलर के माध्यम से लगा सकते हैं। क्योंकि, ट्रू कॉलर पर आने वाला नंबर रेड हो जाता है, जबकि अन्य काल्स स्मार्ट फोन्स पर ग्रीन सिग्नल देती हैं।