नई फैक्ट्रियों को ग्रीन सिग्नल

एनवायरनमेंट मिनिस्ट्री ने 13 जनवरी 2010 को सेंट्रल पॉल्युशन कंट्रोल बोर्ड (सीपीसीबी) की रिपोर्ट के आधार पर कानपुर में नई फैक्ट्री-इंडस्ट्री के खोले जाने पर रोक लगा दी थी। रिपोर्ट के तहत फैक्ट्रियों की वजह से कानपुर का वॉटर, एयर और साउंड पॉल्युशन काफी बढ़ गया था। मिनिस्ट्री ने मौजूदा फैक्ट्रीज की वजह से होने वाले पॉल्युशन की घटती रिपोर्ट के आधार पर तीन साल बाद यानि 17 सितंबर 2013 को नई फैक्ट्री और इंडस्ट्रीज खोले जाने को ग्रीन सिग्नल दे दिया। इस फैसले से सिटी के इंडस्ट्रियलिस्ट्स बल्कि जॉब एस्पिरेंट्स में खुशी की लहर दौड़ गई है।

20,000 नई नौकरियां

डिस्ट्रिक्ट इंडस्ट्रीज सेंटर (डीआईसी) के आंकड़ों के हिसाब से कानपुर में एनुअली 1200-1500 इंडस्ट्रीज खुलती हैं। इनमें माइक्रो और स्मॉल इंडस्ट्रीज की संख्या सबसे ज्यादा है। आईआईए कानपुर चैप्टर के डिविजनल सेक्रेटरी राजेश ग्रोवर ने बताया कि तीन सालों से इंडस्ट्री खोलने में रोक लगी हुई है। माइक्रो और स्मॉल इंडस्ट्रीज तो खुल रही हैं। लेकिन यह परमीशन मीडियम और लार्ज स्केल इंडस्ट्रीज सेटअप करने में काफी मददगार होगी। नई यूनिट्स स्टेबलिश होने से करीब 20,000 जॉब ऑप्शन्स क्रिएट होंगे।

हर सेक्टर में मिलेगी जॉब

सिटी में प्लास्टिक, इंजीनियरिंग, खाने के मसाले, प्लास्टिक, फैब्रिक, गारमेंट्स, अंडरगारमेंट्स, गैल्वनाइजिंग यूनिट्स सबसे ज्यादा हैं। इन फील्ड्स में नई यूनिट स्टेबलिश करने पर डिफरेंट सेक्टर में जॉब्स क्रिएट होती हैं। इनमें प्रोडक्शन, मार्केटिंग, सेल्स, एकाउंट्स, फाइनेंस और आईटी सेक्टर प्रमुख रूप से शामिल हैं। मर्चेंट्स चैम्बर ऑफ यूपी की जनरल सेक्रेटरी अनीता झा ने बताया कि ग्लोबलाइजेशन के दौर में स्किल्ड लेबर की सख्त दरकार है। इसलिए युवाओं की नई लॉट के लिए बेहतर मौके आने वाले हैं। अहम बात यह कि ये स्किल्ड वर्कर्स अपनी च्वाइस के हिसाब से सैलरी पैकेज भी चूज कर सकते हैं।

ऐसे बनें एंटरप्रेन्योर

डीआईसी के जीएम एनके सिंह ने बताया कि एंटरप्रेन्योर्स के लिए इस फील्ड में बेहतर ऑप्शन्स हैं। पहले की तुलना में यह बेहद आसान प्रक्रिया है और ज्यादा भागदौड़ भी नहीं करनी पड़ती। अपना बिजनेस स्टार्ट करने के लिए नीचे दिये गये स्टेप्स फॉलो करें-

1- वेबसाइट 222.द्गह्वस्र4शद्दह्वह्लह्लड्डह्म्श्चह्म्ड्डस्रद्गह्यद्ध.द्बठ्ठ पर लॉग-ऑन करें।

2- पार्ट-1 ऑप्शन पर क्लिक करें।

3- स्क्रीन पर ऑनलाइन फॉर्म फिल-अप करें।

4- फॉर्म भरने के बाद आपके सामने फाइनल स्टेटस शो होगा।

5- प्रिंटआउट निकालकर अपने पास रख लें।

6- डीआईसी ऑफिस के आपको इंडस्ट्री सेटअप करने की परमीशन इश्यू हो जाएगी।

इंडस्ट्री सेटअप करने का बजट :

इंडस्ट्री       बजट  

माइक्रो       25 लाख

स्मॉल        1 करोड़

मीडियम     5 करोड़

लार्ज         10 करोड़ से ज्यादा

इम्प्लॉईज की जरूरत :

इंडस्ट्री    इम्प्लॉईज

माइक्रो        4-5

स्मॉल        10-20

मीडियम       50

लार्ज          200

15 हजार फैक्ट्रियां, 10 लाख इम्प्लॉईज

कानपुर की फैक्ट्रियां और इंडस्ट्रीज लगभग 10 लाख लोगों के लिए रोजगार का जरिया बनी हुई हैं। इंडियन इंडस्ट्रीज एसोसिएशन के सेक्रेटरी राजेश ग्रोवर ने बताया कि यहां करीब 15 हजार फैक्ट्रियां हैं। इनमें सबसे ज्यादा संख्या माइक्रो और स्मॉल इंडस्ट्रीज की हैं। वहीं मीडियम और लार्ज इंडस्ट्रीज की तुलना कम्पेरिटिवली कम है। डीआईसी के डाटा के अनुसार यहां हर साल 1200-1500 इंडस्ट्रीज खुलती हैं।

दो कन्सर्न भी हैं

नई यूनिट्स स्टेबलिश होने की बात पर आईआईए ने दो अहम कन्सर्न भी जताए हैं। पहला, लॉ एंड ऑर्डर और दूसरा पॉल्युशन लेवल का दोबारा बढऩा। आईआईए पदाधिकारियों के मुताबिक शहर की लॉ एंड ऑर्डर समस्या सबसे बड़ा खतरा है। इंडस्ट्रियलिस्ट्स खुद को सेफ-सिक्योर नहीं मान रहे। दूसरा, बड़ी तादाद में नई यूनिट्स स्टेबलिश होंगी तो पॉल्युशन लेवल दोबारा फिर से बढ़ जाएगा। जाहिर है ऐसे में स्थितियां तीन साल जैसी पुरानी हो जाएंगी, जोकि पॉल्युशन के लिए बड़ा खतरा होगा।

इंटरनेशनल ट्रेड फेयर

10 अक्टबूर को यहां इंटरनेशनल ट्रेड फेयर ऑर्गनाइज होने जा रही है। अभी तक इसका मुख्य उद्देश्य कानपुर की इंडस्ट्रीज को इंटरनेशनल लेवल पर रिकगनिशन दिलवाकर ‘मैनचेस्टर ऑफ ईस्ट’ का दर्जा दोबारा दिलवाना है। मगर, एनवायरमेंट मिनिस्ट्री की परमीशन के बाद अब यह ट्रेड फेयर और ज्यादा इम्पॉर्टेंट हो गई हैं। दरअसल, विदेशी कम्पनियां और उनके रिप्रेजेंटेटिव्स कानपुर के बिजनेस सेटअप और इंडस्ट्रियल इंफ्रास्ट्रक्चर से भी रूबरू होंगे। ऐसे में अगर उन्हें यहां बिजनेस पॉसिबिलिटीज समझ में आती हैं तो वो कानपुर में अपना सेटअप भी स्टार्ट कर सकते हैं। मर्चेंट्स चैम्बर ऑफ यूपी की जनरल सेक्रेटरी अनीता झा के मुताबिक इंडियन बिजनेस टाइकून रतन टाटा के भी आने की उम्मीद है। उद्घाटन के लिए यूथ आइकन व सांसद राहुल गांधी से सम्पर्क किया जा रहा है।

 एनवायरनमेंट मिनिस्ट्री की परमीशन मिलने के बाद एंटरप्रेन्योर्स काफी खुश हैं। आज के दौर में बिजनेस सेटअप करने के लिए स्किल्ड लेबर की सख्त जरूरत है। इसलिए जॉब्स के ढेरों ऑप्शन्स खुलना तय है।

- राजेश ग्रोवर, डिविजनल सेक्रेटरी आईआईए

 निश्चित ही यह सराहनीय कदम है। इस फैसले से ढेरों युवाओं का एंटरप्रेन्योर बनने का सपना पूरा होगा। साथ ही वो दूसरों को भी रोजगार दे सकेंगे।

- डॉ। राजेश गर्ग, एग्जीक्यूटिव मेम्बर, आईआईए

 खुशी की बात यह है कि नेक्स्ट मंथ सिटी में इंटरनेशनल ट्रेड फेयर ऑर्गनाइज होने जा रही है। हमें पूरी उम्मीद है कि फॉरेन कम्पनीज यहां के एमएसएमईज से मिलने के बाद कानपुर में भी बिजनेस सेटअप करेंगे।

- अनीता झा, जनरल सेक्रेटरी, मर्चेंट्स चैम्बर ऑफ यूपी