रांची: लॉकडाउन खुलने के बाद राजधानी के लोगों को हाइजेनिक मटन और चिकन मिलेगा। रांची नगर निगम कांके में बने स्लॉटर हाउस को फिर से शुरू करने जा रहा है। इसके लिए नगर निगम ने देश के बड़े स्लॉटर हाउसेस का संचालन करने वाली कंपनियों से रांची में स्लॉटर हाउस चलाने के लिए एक्सप्रेशन ऑफ इंटरेस्ट मांगा है। राजधानी में बने इस स्लॉटर हाउस के शुरू होने से शहर के लोगों को कोरोना महामारी के बीच सुरक्षित और हाइजेनिक मटन उपलब्ध कराया जाएगा। रांची नगर निगम के एक अधिकारी ने बताया कि 26 जून तक स्लॉटर हाउस का संचालन करने वाली एजेंसी के चयन का काम शुरू हो जाएगा, उसके बाद एजेंसी चयन होते ही स्लॉटर हाउस शुरू हो जाएगा।

अब बदल जाएगा मॉड्यूल

रांची नगर निगम ने अब स्लॉटर हाउस संचालन करने वाली कंपनियों के लिए कई तरह के बदलाव किए हैं। पहले जो कंपनी स्लॉटर हाउस चलाती थी उसको राजधानी में ही मीट और चिकन बेचने की अनुमति थी। लेकिन अब नए नियम के तहत जो भी कंपनी स्लॉटर हाउस का संचालन करेगी, वह रांची के बाहर दूसरे राज्यों में भी मटन का एक्सपोर्ट कर सकेगी। रांची नगर निगम के एक अधिकारी ने बताया कि व्यावसायिक गतिविधियों में बदलाव के कारण बड़ी कंपनियां आगे आएंगी और इसका संचालन करेंगी। साथ ही सही तरीके से इसका संचालन भी होगा।

मटन व्यवसायियों ने कर दिया केस

इस स्लॉटर हाउस में प्रतिदिन 1000 पशुओं (खस्सी, बकरा, बकरी, भेड़) को काटने और उनके मीट को प्रॉसेस करने की क्षमता है। शहर के मटन कारोबारियों ने स्लॉटर हाउस जाकर बकरा कटवाने के खिलाफ हाईकोर्ट में केस कर रखा है। उनका तर्क है कि कांके में बना नगर निगम का स्लॉटर हाउस शहर से काफी दूर है। बकरा लाने और ले जाने में उनका खर्च अधिक होगा। मांस महंगा बेचना पड़ेगा, आमदनी कम होगी।

पहली कंपनी ने छोड़ दिया है काम

रांची के कांके में 18 करोड़ रुपए की लागत से बने स्लॉटर हाउस का कार्य देख रही कंपनी माइक्रो ट्रांसमिशन सिस्टम ने काम छोड़ दिया है। कहा गया है कि रांची नगर निगम शहर के विभिन्न जगहों पर मीट बेच रहीं दुकानों को बंद कराने में सफल नहीं हो सका। इस कारण स्लॉटर हाउस में खस्सी की स्लॉटरिंग नहीं हो पा रही थी। इससे इसका संचालन कर रही कंपनी माइक्रो ट्रांसमिशन सिस्टम की कमाई पर ग्रहण लग गया। ऊपर से कंपनी को स्लॉटर हाउस के मेंटेनेंस पर हर माह करीब 13 से 14 लाख रुपए का खर्च आ रहा था। नतीजन, कंपनी ने स्लॉटर हाउस का काम छोड़ने का निर्णय लिया।

स्लॉटर हाउस में लगी हैं अत्याधुनिक मशीनें

मालूम हो कि रांची नगर निगम ने स्लॉटर हाउस वेटरीनरी कॉलेज कैंपस कांके में तैयार किया है। इसे बनाने में कुल 18 करोड़ रुपये खर्च किये गये हैं। यह एक मॉडर्न स्लॉटर हाउस है। इसमें हाइजेनिक मांस तैयार करने के लिए अत्याधुनिक मशीनें लगायी गयी हैं। हालांकि, काम शुरू होने के बाद भी यह अब तक बंद पड़ा हुआ है। इसमें स्लॉटर लाइन मशीन, रेंडरिंग प्लांट, ट्रीटमेंट प्लांट लगाये गये हैं। इसकी मदद से आठ घंटे की एक शिफ्ट में एक हजार खस्सी का मीट तैयार किया जा सकता है। बताया जा रहा है कि यहां हलाल और झटका दोनों ही तरीके से वध करने की सुविधा है। तैयार मीट की मार्केट में सप्लाई के लिए दो रेफ्रिजरेटेड वैन भी खरीदी गई हैं।

बंद पड़े हैं सिटी के मॉडर्न मीट शॉप

इस नए-नवेले स्लॉटर हाउस में कटे मीट को बेचने के लिए नगर निगम ने शहर में कई मॉडर्न मीट शॉप बनाये थे। लेकिन, अब ये भी बंद पड़े हुए हैं। कांके स्थित इस मॉडर्न स्लॉटर हाउस में पशुओं (खस्सी और बकरे) की कटाई का कार्य जुलाई 2019 के पहले सप्ताह में शुरू कर दिया गया था। शुरुआत में करीब 20 खस्सी और बकरे के काटे जाने की बात कही गयी थी। काटे गये इस मीट को बाद में निगम द्वारा बने चार मॉडर्न मीट शॉप में भेजा जा रहा था, जहां से आम ग्राहक खरीदारी भी कर रहे थे। उक्त चार मॉडर्न मीट शॉप कांटाटोली, बूटी मोड़, मधुकम और मोरहाबादी में बनाये गये हैं, जो फिलहाल बंद पड़े हैं। ऐसे में निगम ने जिस उद्देश्य से यह स्लॉटर हाउस बनाया था, उसपर ग्रहण लगता दिख रहा है। शॉप से बकरी का मीट 300 रुपये, बकरे का मीट 400 रुपये और खस्सी का मीट 500 रुपये प्रति किलो की दर से बेचना था। लेकिन स्लॉटर हाउस में बकरा नहीं कटने के कारण सभी मटन शॉप बंद हैं।

स्लॉटर हाउस का संचालन करने के लिए नई कंपनी के चयन का प्रॉसेस शुरू किया गया है। कोरोना के समय में लोगों को हाइजेनिक मटन उपलब्ध हो, इसकी तैयारी की जा रही है।

मनोज कुमार, सीईओ, रांची नगर निगम