- बजट से पहले जमकर जमाखोरी

- अपने मनमर्जी चला रहे हैं विक्रेता

- सामान का कर लिया है स्टॉक

Meerut: कुछ दिन पहले तक प्याज की जमाखोरी और कालाबाजारी की खबरें आ रही थीं, लेकिन अब इस दौड़ में सिगरेट-गुटखा आगे निकल गए हैं। इनकी जमाखोरी और कालाबाजारी कर जनता को सरेआम लूटा जा रहा है। मनमर्जी से सिगरेट और गुटखों के दाम बढ़ाए जा रहे हैं। हर कोई माल की कमी बताकर खरीदार से दो रुपए फालतू वसूल रहा है।

मंडी में माल पर वार

सिगरेट और गुटखों की सबसे बड़ी मंडी खैर नगर, कोटला में इस समय अजीब माहौल है। सिगरेट और गुटखों की कीमतों में बेतहाशा वृद्धि की गई है। माल खोजने से नहीं मिल रहा है और अगर मिल रहा है तो मनमर्जी के पैसे मांगे जा रहे हैं।

शाम का पता नहीं

डीलर्स और दुकानदारों को फुटकर विक्रेता माल तो दे रहे हैं, लेकिन रेट की गारंटी नहीं है। सुबह से शाम तक रेट में काफी बदलाव आ रहा है। रेट चेंज हो रहे हैं। यानि इन पर पूरी तरह से ब्लैक का खेल चल रहा है, जो रेट सुबह ज्यादा थे, वो शाम तक और ज्यादा हो गए।

आखिर क्या है वजह

बजट आने से पहले हर साल इस बाजार में खलबली मची है। हर साल बजट से पहले ही इन पर ब्लैक शुरू हो जाती है और माल एक रुपए महंगा हो जाता है। इस बार माल एक रुपए नहीं दो-तीन रुपए तक बढ़ गया है। जिससे ग्राहकों समेत दुकानदारों को मुश्किल का सामना करना पड़ रहा है। अब बजट आने के बाद सिगरेट, गुटखे के रेट में कुछ इजाफा जरूर होने की उम्मीद है। बस इसी का फायदा दुकानदार महंगा माल बेचने पर लगे हैं।

तो ये लो रेट लिस्ट

एक दुकानदार अगर फुटकर विक्रेता से माल लेता है तो उसे इस हिसाब से पैसे चुकाने पड़ रहे हैं।

प्रोडक्ट पहले अब पर पीस

छोटी गोल्ड फ्लेक, भ्फ्, 7भ्, 8 रुपए प्रति

बड़ी गोल्ड फ्लेक, 8भ्, क्00, क्ख् रु। प्रति

कुबेर पैकेट, 9फ्, क्क्भ्, म् रु। प्रति

क्लासिक, क्70, क्90, क्ख् रु प्रति

बड़ा दिलबाग, क्ख्0, क्70, 7 रू प्रति

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तो और बढ़ेंगे रेट

आम बजट क्0 जुलाई को आना है, ऐसे में जमाखोरों पर नकेल कसने की जगह इनके हौसले बुलंद ही होने वाले हैं। ऐसे में हो सकता है कि बुधवार को सिगरेट और गुटखों के रेट में बेतहाशा वृद्धि देखी जाए।

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वर्जन

सिगरेट और गुटखे पीछे से ही महंगे मिल रहे हैं। सेल्स मैन महंगा सामान बेच रहा है। हम क्या करें।

-तरूण, दुकानदार

सामान बेचना मुश्किल हो गया है। सेल्समैन सस्ता सामान दे नहीं रहा और ग्राहक महंगा सामान ले नहीं रहा।

-दुर्गेश, दुकानदार

सामान ब्लैक में मिलने की वजह से अब सामान रखना बंद ही कर दिया है। ग्राहक से पंगा नहीं ले सकते हैं।

-जकीरूददीन, दुकानदार

अगर ऐसा है, तो ये बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। बाजार में जाकर इस मामले को देखा जाएगा और फिर कार्रवाई की जाएगी।

-पंकज यादव, जिलाधिकारी

हर कोई अपनी चलाए भैया

जमाखोरी और कालाबाजारी के खेल में डीलर और रिटेलर सभी फायदा उठा रहे हैं। जिस सिगरेट की डिब्बी पर पहले दुकानदार को भ् रुपए बचते थे अब वही दुकानदार क्भ् से ख्0 रुपए तक मुनाफा कमा रहा है। मेरठ में अगर एक आदमी प्रतिदिन औसतन छह गोल्ड फ्लैक सिगरेट पीता था तो उसे फ्म् रुपए खर्च करने पड़ते थे। अब उसे भ्ब् रुपए खर्च करने पड़ रहे हैं। यानि क्8 रुपए उसे ज्यादा देने पड़ रहे हैं। वहीं जो आदमी पहले भ् पैकेट गुटखा खाता था, उसे अब ख्भ् की जगह फ्भ् रुपए खर्च करने पड़ रहे हैं। अब आप अंदाजा लगा सकते हैं कि मेरठ में सिगरेट-गुटखा पर कितना बड़ा खेल हो रहा है।