नई दिल्ली (एएनआई)। कांग्रेस अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी द्वारा कांग्रेस पार्टी संगठन में बड़ा बदलाव किया गया है। पार्टी की सबसे ताकतवर इकाई कांग्रेस कार्यसमिति (सीडब्ल्यूसी) का पुनर्गठन करने के साथ ही कई पार्टी महासचिवों एवं प्रदेश प्रभारियों में भी परिर्वतन किया गया है। इस फेरबदल के बाद से कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद का नाम चर्चा में है। गुलाम नबी आजाद को हरियाणा कांग्रेस के प्रभारी पद से हटा दिया गया है। हालांकि कांग्रेस नेता अखिलेश प्रसाद सिंह ने शनिवार को संगठनात्मक फेरबदल का बचाव करते हुए कहा कि वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद को आलाकमान से विशेष अधिकार मिले हैं।

आजाद कांग्रेस के एक बड़े और एक अच्छे नेता हैं

राज्यसभा सांसद ने कहा कि जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और पूर्व केंद्रीय मंत्री गुलाम नबी आजाद जो उच्च सदन में विपक्ष के नेता हैं और पार्टी में हमेशा सम्मानित रहेंगे और कांग्रेस कार्य समिति में उन्हें बनाए रखना पर्याप्त सबूत है। कांग्रेस नेता अखिलेश प्रसाद सिंह ने न्यूज एजेंसी एएनआई से बातचीत में कहा कि आजाद कांग्रेस के एक बड़े और एक अच्छे नेता हैं और वे पूरी पार्टी में उनका सम्मान होता है। मुझे पता है कि उन्होंने खुद को हरियाणा के प्रभारी के रूप में बदलने की इच्छा व्यक्त की थी। वह अभी भी सीडब्ल्यूसी में हैं, जो पार्टी में निर्णय लेने के लिए सबसे बड़ा निकाय है।

आजाद और सोनी पुनर्गठित कार्यसमिति में शामिल

बता दें कि कांग्रेस अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने शुक्रवार को अपने महासचिवों से गुलाम नबी आजाद, मोतीलाल वोरा, अंबिका सोनी, मल्लिकार्जुन खड़गे और लुइजिन्हो फलेरियो जैसे नेताओं को उनके पद से हटा दिया। उन्होंने संगठनात्मक और परिचालन मामलों में सहायता के लिए छह सदस्यीय विशेष समिति का भी गठन किया। हालांकि आजाद और सोनी पुनर्गठित कार्यसमिति में हैं।आजाद उन 23 नेताओं में शामिल थे, जिन्होंने पिछले महीने सोनिया गांधी को एक पत्र लिखा था जिसमें संगठन के पूर्ण संचालन के लिए पार्टी प्रमुख के पद के लिए चुनाव कराने जैसे मुद्दों पर चर्चा हुई थी।

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