समाचार एजेंसियों के मुताबिक, गिरीश कर्नाड ने टैगोर को "दोयम दर्जे का नाटककार" बताया है। गिरीश कर्नाड ने कहा है, ''टैगोर एक महान कवि थे लेकिन नाटककार दोयम दर्जे के थे.'' उन्होंने दावा किया कि टैगोर के समकालीन भी उन्हें नाटककार के तौर पर स्वीकार नहीं करते।

विवादों में गिरीश कर्नाड

मशहूर नाटककार गिरीश कर्नाड ने इससे पहले नोबेल पुरस्कार विजेता लेखक वीएस नायपॉल की कड़ी आलोचना की थी। उन्होंने कहा था कि नायपॉल को भारतीय इतिहास में मुसलमानों के योगदान के बारे में कुछ नहीं पता है।

कर्नाड ने नायपॉल को 'संगीत की कद्र न करने वाला' और सम-सामयिक विषयों पर एक 'गैर भरोसेमंद' लेखक बताया था। उन्होंने ये बातें हाल ही में मुंबई में एक साहित्य उत्सव के दौरान कही थी जिसमें नायपॉल को साहित्य में उनके योगदान के लिए सम्मानित किया गया था।

हालांकि नायपॉल वहां मौजूद नहीं थे। इसके बाद नायपॉल ने कहा था कि भारत पर उन्होंने पर्याप्त लिखा, अब और नहीं लिखेंगे। नायपॉल को वर्ष 2001 में साहित्य के नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।

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