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PATNA/MUZAFFARPUR : मुजफ्फरपुर बालिका गृह में लड़कियों के यौन उत्पीडऩ पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शुक्रवार को कहा कि दोषियों को हर हाल में सजा मिलनी चाहिए। दोषी चाहे कोई हो वह कानून से बच नहीं पाएगा। कुछ लोगों का स्वभाव इतना विकृत होता है कि वह कुछ भी अनर्थ कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि मुजफ्फरपुर की घटना से हमलोग शर्मसार हैं। आत्मग्लानि के शिकार हैं। मैं जब तक सरकार में हूं, कानून के राज से कोई समझौता नहीं होगा। दोषी चाहे कोई हो, बचेगा नहीं। सीबीआई इस कांड की जांच कर रही। हमलोग भी यही चाहते हैं कि सीबीआई की जांच हाईकोर्ट की निगरानी में हो। समाज में ऐसी घटना घटती है, तो हमलोग टालते नहीं, उससे सबक लेते हैं। दोषी को सजा ऐसी मिलनी चाहिए कि आगे कोई ऐसा करने का सोचे भी नहीं।

समाज सुधार के लिए हों एकजुट

मुख्यमंत्री ने कहा कि लड़कियों के साथ दुष्कर्म पाप कर्म है। सजा मिलनी ही चाहिए। समाज को सचेत और सजग रहना होगा। ऐसे लोगों को हम छोड़ेंगे नहीं। कानून के कठघरे में खड़ा करेंगे और सजा दिलाएंगे। समाज सुधार के लिए सभी लोगों को एकजुट होना होगा। मुख्यमंत्री ने माना कि हमारे सिस्टम में भी खामियां हैं। व्यवस्था को सुधारने के लिए कोई ऐसी व्यवस्था बनाई जाए, जिससे पारदर्शी तंत्र का विकास हो। इंतजाम ऐसे होने चाहिए कि कोई व्यवस्था की कमर न तोड़े। कोई ऐसा न कर दे कि हर आदमी आत्मग्लानि का शिकार हो जाए। मैंने मुख्य सचिव को ऐसी व्यवस्था पर काम करने को कहा है।

पूछा सवाल तो भड़क गईं मंत्री
मुख्यमंत्री कन्या उत्थान योजना के कार्यक्रम में समाज कल्याण मंत्री मंजू वर्मा अकेले पड़ गईं। उनसे किसी ने बात नहीं की। उनके बगल में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बैठे थे। मुख्यमंत्री से मंच पर उनकी कोई बात नहीं हुई। मुख्यमंत्री ने भी समाज कल्याण मंत्री से कोई बात नहीं की। वह उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी से बाद करते रहे। जब उप मुख्यमंत्री संबोधन के लिए माइक पर गए तो मुख्यमंत्री मानव संसाधन विभाग के प्रधान सचिव आरके महाजन से बात करने लगे और एक दस्तावेज को पढऩे लगे। समाज कल्याण मंत्री जब कार्यक्रम के बाद बाहर निकलीं तो मीडिया ने उनसे बात करनी चाही पर वह भड़क गईं। गुस्से में अपनी गाड़ी की ओर बढ़ गईं। मीडिया वाले जब उधर गए तो उनके सुरक्षाकर्मियों ने मीडिया के लोगों के साथ हाथापाई भी की।

अधिकारियों से होगी पूछताछ
मुजफ्फरपुर बालिका गृह कांड में समाज कल्याण विभाग के करीब डेढ़ दर्जन अधिकारी व कर्मचारी अब सीबीआई के रडार पर हैं। इन अधिकारियों और कर्मचारियों से सीबीआई भी इस समय पूछताछ कर सकती है। ब्रजेश ठाकुर के रैकेट में शामिल नौकरशाहों की पहचान के लिए सीबीआई ने अपनी जांच का दायरा बढ़ा दिया है। सीबीआई की टीम ब्रजेश ठाकुर के एनजीओ व अखबार को लाभ पहुंचाने वाले अधिकारियों की पहचान करने वाली है। Žयूरो के अधिकारी विभाग के ऐसे पदाधिकारियों व कर्मियों से पूछताछ की भूमिका तैयार कर चुके हैं।

महिलाओं के साथ हिंसा स्वीकार नहीं
महिला सुरक्षा पर काम करने वाली संस्था ब्रेकथ्रू की सीईओ सोहनी भट्टाचार्य ने मुजफ्फरपुर की घटना को समाज के साथ सिस्टम पर भी एक बड़ा सवाल बताया है। आश्रय गृह में 34 लड़कियों के साथ रेप की घटना ने पूरे देश को झकझोर दिया है। महिलाओं के साथ इस तरह की हिंसा को किसी भी सभ्य समाज में स्वीकार नहीं किया जा सकता है। आश्रय गृह महिलाओं और लड़कियों के लिए एक अंतिम विकल्प के रूप में होते हैं लेकिन इस तरह की घटनाएं उन्हें शारीरिक, मानसिक, भावनात्मक और मनोवैज्ञानिक रूप से और कमजोर बनाती है। उन्हें कभी उनके ट्रामा से बाहर ही नहीं आने देती हैं। यह सुनिश्चित करने के लिए कि आश्रय घरों की उपयोगिता बनी रहे और एक दूसरा मुजफ्फरपुर न हो, हमें कुछ तात्कालिक उपाय करने के साथ ही ढांचागत सुधार भी करने के लिए भी निर्णायक कदम उठाने होंगे।

आम्र्स का लाइसेंस निलंबित
मुजफ्फरपुर बालिका गृह कांड का मुख्य आरोपी और जेल में बंद ब्रजेश ठाकुर के आम्र्स का लाइसेंस डीएम ने निलंबित कर दिया गया है। ब्रजेश ठाकुर के पास एक पिस्टल और एक राइफल का लाइसेंस है। हथियार को दो दिनों में इसे जमा करने का आदेश दिया गया है। वहीं सिविल सर्जन ने ब्रजेश ठाकुर को जिला रोगी कल्याण समिति से हटा दिया है।

अखबार का विज्ञापन बंद
सेवा संकल्प और विकास समिति द्वारा संचालित बालिका गृह में 34 लड़कियों से दुष्कर्म की बात सामने आई थी। इसमें संस्था के संरक्षक ब्रजेश ठाकुर समेत दस लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है। इसके बाद ब्रजेश को मिलने वाली सभी सरकारी सुविधाएं एक-एक कर वापस ली जा रहीं। उसके पारिवारिक अखबार को दिए जाने वाले सरकारी विज्ञापन बंद कर दिए गए हैं। संस्था को समाज कल्याण विभाग व स्वास्थ्य विभाग ने Žलैक लिस्टेड कर दिया है। वहीं मान्यता प्राप्त पत्रकार का दर्जा भी छीन लिया गया है।


ब्रजेश ठाकुर की राजदार अब भी फरार
बालिका गृह में लड़कियों से होने वाले अमानवीय व्यवहार के आरोपितों में से एक दिलीप वर्मा अब भी पुलिस की पकड़ से बाहर है। इसके अलावा ब्रजेश ठाकुर की सबसे बड़ी राजदार मधु कुमारी भी शहर छोड़ चुकी है। दोनों के एक साथ फरार होने की बात कही जा रही। इनकी गिरफ्तारी से मामले में और कई जानकारी मिल सकती है।

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