- यूनीसेफ की ओर से आयोजित कार्यक्रम में शिरकत करने पहुंचीं बॉलवुड स्टार करीना कपूर और सांसद डिंपल यादव

LUCKNOW: यूनीसेफ की तरफ से लड़कियों में किशोरावस्था में होने वाली मेन्स्ट्रूअल हाइजीन के विषय पर एक कार्यक्रम का आयोजन लामार्टिनियर ग‌र्ल्स कॉलेज में किया गया। जहां पर बॉलीवुड स्टार करीना कपूर बतौर चीफ गेस्ट मौजूद रहीं। इस दौरान करीना ने कहा कि पीरियड्स के बारे में लड़कियों को खुलकर बात करनी चाहिये। इस अवसर पर सांसद डिंपल यादव, एग्रीकल्चर डिपार्टमेंट के एपीसी प्रवीण कुमार, यूनीसेफ की यूपी हेड नीलोफर, बाल आयोग की अध्यक्ष जूही सिंह आदि मौजूद रहे।

इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य 10 से 20 साल की युवा अवस्था में लड़कियों में होने वाले हार्मोनल चेंज व पीरियड्स के बारे में लोगों को जागरूक करना था। इस मौके पर कार्यक्रम को संबोधित करते हुये करीना ने कहा, 'आज मैं यहां स्टार की हैसियत से नहीं आई हूं। इंसान के तौर पर आई हूं। आजकल लोग पीरियड्स पर बात करने से घबराहते हैं। इस टॉपिक पर बात करने में शर्म महसूस करते हैं बल्कि इस मुद्दे पर लोगों को खुलकर बात करनी चाहिए। इस विषय पर बात करने से संकोच नहीं करना चाहिये.' उन्होंने कहा कि पीरियड्स के दौरान लड़कियां मंदिरों में प्रवेश नहीं करती हैं, क्योंकि ऐसा माना जाता है कि उस दौरान वह अशुद्ध होती हैं मगर ये सब भगवान की देन है। यह एक नेचुरल प्रॉसेस है। इसमें क्या गंदगी होगी? उन्होंने लड़कियों की हौसला अफजाई करते हुए कहा कि आज के समय में हम लड़कों से थोड़ा आगे हैं। हमेशा आगे रहने के लिए हमें मेहनत करनी पड़ेगी। पीरियड्स के समय लड़कियों को घर पर नहीं बैठना चाहिए। उनको उस समय भी काम करना चाहिए। जरुरी है कि लड़कियों को पीरियड्स के समय क्या करना चाहिए, क्या यूज करना चाहिए इसकी जानकारी होना बहुत जरुरी है।

सरकार चला रही कई योजनाएं: डिंपल

वहीं, सांसद डिंपल यादव ने कहा कि पीरियड्स से होने वाली परेशानी की सबसे बड़ी दिक्कत जानकारी न होना है। इसके लिए सबसे जरुरी है शिक्षा। इसके अलावा उन्होंने कहा कि सरकार इस तरह की कई योजनाएं चला रही है जिससे लोगों को सेनेट्ररी नेपकिन उपलब्ध करवाया जा रहा है। लड़कियों पर नेपकिन खरीदने का आर्थिक बोझ न पड़े। बस जरूरत इतनी है कि लोगों को भी समय के हिसाब से अपनी सोच बदलनी होगी।

इनका हुआ सम्मान

इसके अतिरिक्त यूनिसेफ की ओर से जागरूकता व महिला मुद्दे पर काम करने वालों को गरिमा परिवर्तन दूत सम्मान से नवाजा गया। जिसमें बाल विवाह के खिलाफ आवाज उठाने वाली छोटी सी बच्ची शहजादी, घर-घर में शौचालय बनवाने वाली उल्लास यादव, लड़कियों और महिलाओं की काउंसिलिंग करने वाली अंजू, लड़कियों को शिक्षा के माध्यम से सशक्त करने का काम करने वाली सीमा शुक्ला, नैपकिन बनाकर जागरूकता फैलाने वाले अनिल व ग्राम प्रधान के पद पर रहते अरविंद को सम्मानित किया, जिन्होंने प्रदेश में पहला ऐसा गांव बनाया जहां पर लोग खुले में शौच नहीं जाते हैं।