JAMSHEDPUR: गीतांजलि एक्सप्रेस नक्सलियों के निशाने पर है। खुफिया को इसकी भनक लगी है। इसके बाद एहतियातन रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ), जीआरपी (सरकारी रेल पुलिस) और जिला पुलिस ने रेलवे ट्रैक की सुरक्षा संभाल ली है। आरपीएफ और जीआरपी के जवानों ने गीतांजलि एक्सप्रेस समेत अन्य ट्रेनों में गश्त तेज कर दी है। महालीमुरुम-राजखरसांवा सेक्शन से ट्रेन धीमी रफ्तार से गुजर रही है। ट्रेन के आगे-आगे इंजन व मालगाड़ी को दौड़ाया जा रहा है। साथ ही लोको व सहायक पायलट को अलर्ट किया गया है। उक्त क्षेत्र में गैंगमैन लगातार रेल ट्रैक की पेट्रोलिंग कर रहे हैं। रेल एसपी टाटानगर एहतेशाम वकारिब ने कहा कि यात्री ट्रेनों को पूरी सुरक्षा दे रही है। यात्रियों को डरने की जरूरत नहीं है।

महालीमुरुम के आसपास 20 नक्सली सक्रिय : खुफिया ने रिपोर्ट दी है कि नक्सली 11 अक्टूबर तक गीतांजली एक्सप्रेस को नुकसान पहुंचाने का मंसूबा पाले हैं। ये लोग सीनी और राजखरसावां सेक्शन के महालीमोरूप स्टेशन पर रेल पटरी को उड़ाकर गीतांजलि एक्सप्रेस को दुर्घटनाग्रस्त करा सकते हैं। योजना को अंजाम देने के लिए पश्चिमी सिंहभूम जिले के झींकपानी इलाके में 20 नक्सली सक्रिय हैं। खुफिया विभाग की रिपोर्ट को गंभीरता से लेते हुए दक्षिण-पूर्व रेलवे चक्रधरपुर के वरीय मंडल सुरक्षा आयुक्त ने अफसरों को पत्र लिखकर अलर्ट जारी किया है।

ज्ञानेश्वरी एक्सप्रेस को नक्सली बना चुके निशाना : 28 मई 2010 को हावड़ा-मुंबई रेलखंड पर पश्चिम बंगाल के मिदनापुर में रेल पटरियों में तोड़फोड़ कर नक्सली ज्ञानेश्वरी एक्सप्रेस को दुर्घटनाग्रस्त करा चुके हैं। तब ज्ञानेश्वरी एक्सप्रेस के 13 डिब्बे पटरियों से उतर गए थे और उनमें एक मालगाड़ी ने टक्कर मार दी थी। इस हादसे में 148 लोगों की मौत हुई थी।