- एलयू में यूजीसी की ओर से आयोजित हुआ दीक्षारंभ सत्र

- यूजीसी के चैयरमेन ने छात्रों और शिक्षकों को बताया टीचिंग लर्निंग का महत्व

LUCKNOW: शिक्षा का केंद्र सिर्फ और सिर्फ छात्र होने चाहिए, लर्निंग आउट कर्रिकुलम में शिक्षक को यह पता होना चाहिए कि छात्रों को जो सिखाया जा रहा है, उससे क्या हासिल होगा, इसका दैनिक जीवन में क्या उपयोग होगा। विश्व की तीन बड़ी शैक्षिक व्यवस्था में हम तीसरे स्थान पर हैं। शिक्षा के स्तर को हम निरंतर उसी दिशा में आगे बढ़ाने पर काम कर रहे हैं। इसी तरह से अगर हम शैक्षणिक क्षेत्र में काम करते रहे तो यूपी भी शिक्षा के क्षेत्र में लीड स्टेट बन जाएगा। ये बातें यूजीसी के चैयरमेन प्रो। डीपी सिंह ने कही। वह एलयू के मालवीय सभागार में आयोजित दीक्षारंभ में बोल रहे थे। यूजीसी की ओर से दीक्षारंभ एवं टीचर्स ट्रेनिंग प्रोग्राम छात्रों और शिक्षकों के लिए हुआ। प्रोग्राम में वीसी प्रो। एसपी सिंह समेत विभिन्न संकायों के विभागाध्यक्ष, शिक्षक समेत नये सेशन के स्टूडेंट्स मौजूद रहे।

एलयू में छात्रों को मिले घर जैसा माहौल

प्रो। डीपी सिंह ने कहा कि यूजीसी, एचआरडी द्वारा मोर ऑब्जेक्टिव मोर ट्रांसपेरेंसी के तहत छात्रों पर केंद्रित ये कार्यक्रम शुरू किया गया है। दीक्षारंभ के नाम पर लोग सोच रहे थे ये क्या है। दीक्षारंभ में हमें छात्रों को क्या शिक्षा देनी है, शिक्षकों को अपने अंदर क्या बदलाव लाना है का प्रशिक्षण दिया जाएगा। प्रोग्राम के तहत तीन दिन का स्टूडेंट इंडक्शन प्रोग्राम शुरू किया गया, नये सेशन के स्टूडेंट्स को सीखने का मौका मिलेगा। शिक्षकों को सिखाया जाएगा कि वह एलयू को छात्रों के लिए केवल पढ़ाई का केंद्र न बनाएं बल्कि यूनिवर्सिटी और कॉलेज में उन्हें घर जैसा माहौल दें।

पेपर में अच्छे अंक लाना जरूरी नहीं

प्रो। सिंह ने बताया कि छात्रों के लिए पुरानी प्रणाली में कैसे सुधार लाया जाए। इस पर विचार करना जरूरी है। एचआरडी और यूजीसी इस पर विचार कर चुका है। पेपर में अच्छे अंक प्राप्त करना ही जरूरी नहीं है बल्कि पाठ्यक्रम में क्या सुधार आना चाहिए और छात्रों में क्या विकास हो रहा है ये जरूरी है। ये बातें शिक्षकों पर भी लागू होती है कि छात्रों में क्या सुधार हो रहा है इस पर फोकस होना चाहिए अंकों में अपने आप सुधार हो जाएगा।

टीचर रोल मॉडल बनें

गुरु दक्षता नाम से एक माह का सत्र शुरू होगा जिसमें भारतीय शिक्षा में कार्य करने वाले शिक्षकों का प्रशिक्षण होगा। इसमें शिक्षा नीति में कैसे सुधार होगा बताया जाएगा। डीपी सिंह ने शिक्षकों के बारे में कहा कि टीचर इज ए आइडल न कि रोल मॉडल इसका अर्थ है कि शिक्षक किसी भी विद्यार्थी के लिए एक आदर्श होना चाहिए ना कि वे रोल मॉडल बनकर रह जाए।

अपना मूल्यांकन कर सकते हैं शिक्षक

टीचर्स के लिए अर्पित नाम से एनवल रिफ्रेशर प्रोग्राम बनाया गया, जिसमें शिक्षकों की प्रोग्रेस के बारे में पता चलेगा। यह ऑनलाइन प्रोग्राम होता है, जिसमें टीचर पेपर देकर अपनी प्रगति पता कर सकते हैं। इसके अलावा लीडरशिप प्रोग्रोम फॉर एकेडमिटेशन प्रोग्राम इंडिया में साल में दो हफ्ते और साल में एक सप्ताह देश के बाहर होता है। इसमें शिक्षक अपने विकास का मूल्यांकन करते हैं जिससे वे आगे जाकर वीसी और बड़े पदों पर जाने की योग्यता का मूल्यांकन करते हैं। इसके अलावा उन्होंने स्कीम फॉर ट्रांस-डिसिप्लिनरी रिसर्च फॉर इंडियाज डेवलवपिंग इकोनॉमी एसटीआरआईईडी प्रोग्राम में बैंकिंग क्षेत्र में आने वाले छात्रों के लिए रिसर्च के बारे में बताया कि बैंकिंग क्षेत्र में भी रिसर्च की कितनी अधिक आवश्कता है।

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केंद्र सरकार पैसा दे रही एलयू योजना बना कर प्राप्त करें

यूजीसी के चेयरमैन प्रो। डीपी सिंह ने बजट की कमी का रोना रोने वाले एलयू को नसीहत दी। प्रो। सिंह ने कहा कि केंद्र सरकार तो पैसा दे रही है। एलयू वीसी को अच्छी टीम बनाकर अच्छे प्रस्ताव तैयार करने चाहिए। जहां-जहां से इनके लिए राशि मिल सकती है वहां भेजना चाहिए। भविष्य के लिए भी अब तक की उपलब्धियों को अच्छे से संकलित करनी चाहिए। एलयू सौ साल का होने जा रहा है, पूर्व छात्रों को जोड़ें। वह भी अपने यूनिवर्सिटी से जुड़ाव महसूस करेंगे। उन्होंने आईआईटी का उदाहरण देते हुए कहा कि पूर्व छात्रों को जोड़ने से न केवल मदद मिलेगी बल्कि वह अपने विचार दे सकते हैं। मौजूदा छात्रों को आगे बढ़ने का अच्छा मौका दे सकते हैं। प्रो। डीपी सिंह ने बताया कि केन्द्र सरकार की ओर से लगातार संस्थानों को सहायता दी जा रही है। सिर्फ उसका रूप बदला है, इसके लिए संस्थानों को भी प्रयास करना होगा।

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कुलपति की नियुक्तियों पर उठाए सवाल

इस दौरान लखनऊ यूनिवर्सिटी शिक्षक संघ लूटा ने प्रदेश के स्टेट यूनिवर्सिटी में वीसी पद पर नियुक्तियों को लेकर सवाल उठाए। इस पर डीपी सिंह ने कहा कि कुलपतियों के नियुक्ति के लिए क्या नियम बनाना है यह राज्यपाल के लेवल से तय हो सकता है। इसमें यूजीसी को हस्तक्षेप करने की जरूरत नहीं। लूटा अध्यक्ष डॉ। नीरज जैन ने कहा कि प्रोफेसरशिप के 10 साल के मानक पूरा न करने वाले कई व्यक्तियों को कुलपति बना दिया है। दावा है कि यूजीसी चेयरमैन ने इस मुद्दे को राजभवन के समक्ष रखने का आश्वासन दिया है।