स्वामी जी ने कहा, 'उदारता, सामंजस्यता, सहिष्णुता और प्रेम जीवन के ये चार आधार स्तंभ'

स्वामी चिदानन्द सरस्वती ने कहा, 'उदारता, सामंजस्यता, सहिष्णुता और प्रेम जीवन के ये चार आधार स्तंभ हैं, आज सम्पूर्ण मानवता और धरा को इसकी जरूरत है। आइए दृढ़ संकल्प लें कि गांवों और शहरों को हरा-भरा करने हेतु पौधा रोपण करेंगे, बंजर और खाली पड़ी जमीनों को बाग-बगीचों में बदलेंगे, अपने आस-पास स्वच्छता रखेंगे, तालाबों और नदियों के तटों को स्वच्छ रखेंगे, शुद्ध शाकाहार अपनायेंगे और सिंगल यूज प्लास्टिक का उपयोग नहीं करेंगे। अपनी धरा को समृद्ध बनाने में योगदान प्रदान करेंगे।' लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने परमार्थ निकेतन में स्वामी जी के सान्निध्य में बितायेे पलों को याद करते हुए कहा, 'परमार्थ निकेतन की गंगा आरती की स्मृतियां आज भी मन को अपार शान्ति का अनुभव कराती हैं। वैश्विक स्तर पर सनातन संस्कृति को पहुंचाने में स्वामी जी का अभूतपूर्व योगदान है। मेरी शुभकमनाएं हैं आप स्वस्थ रहें और हम सब का मार्गदर्शन करते रहें।'

फोटो : साभार परमार्थ निकेतन, ऋषिकेश

सनातन धर्म के प्रचार-प्रसार व संस्कृतियों के समन्वय के लिए व्यक्त किए स्वामी जी का आभार

महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने स्वामी जी को विडियो संदेश के जरिए शुभकामनाएं देते हुए कहा,'मां गंगा की तरह निर्मल हृदय से स्वामी जी ने सनातन धर्म और संस्कृतियों के समन्वय का कार्य किया है। भारतीय परम्परा के हिसाब से प्रकृति और पर्यावरण के संरक्षण में उनका अद्भुत योगदान है। अगले वर्ष स्वामी जी के 70वें जन्म दिवस तक परमार्थ परिवार और भक्तों द्वारा 70 हजार वृक्षों के रोपण का संकल्प लिया गया है, मेरा विश्वास है ये पौधे हमें नयी हवा देंगे। स्वामी जी के शब्द हमारे लिये हमेशा प्रेरणादायी होते हैं। जीवेम् शरदः शतम्।' पतंजलि योगपीठ ट्रस्ट के सह-संस्थापक आचार्य बालकृष्ण ने स्वामी चिदानन्द सरस्वती के 69वें प्राकट्य महोत्सव पर शुभकामनायें देते हुए कहा, 'आपने इस धरा पर आकर भारतीय संस्कृति और मूल्यों से इस धरा को सींचा और पूरी दुनिया में सनातन संस्कृति का प्रचार-प्रसार किया। धरा के मित्र स्वामी जी को अनन्त शुभकामनायें।' डिवाइन शक्ति फाउंडेशन की अध्यक्ष साध्वी भगवती सरस्वती ने पैनल में विराजमान सभी महानुभावों को भावभरा स्वागत किया और स्वामी जी के मानवता और पर्यावरण को समर्पित जीवन के विशेष संस्मरणों को सभी के साझा किया।

फोटो : साभार परमार्थ निकेतन, ऋषिकेश

देश-विदेश से विभिन्न साधु-संतों, राजनीतिज्ञों तथा गणमान्य हस्थियों ने दी शुभकामनाएं

आर्ट ऑफ लिविंग के संस्थापक श्री श्री रवि शंकर, मानस कथाकार मोरारी बापू, जूनापीठाधिश्वर आचार्य महामण्डलेश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरि, संदीपनी विद्यानिकेतन के संस्थापक रमेश भाई ओझा, श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के कोषाध्यक्ष स्वामी गोविंद देव गिरि, हरिद्वार से महामंडलेश्वर स्वामी हरिचेतनानंद, छारोड़ी गुरूकुल अहमदाबाद से माधवप्रिय दास जी स्वामी, तिब्बती बौद्ध धर्म ड्रिकुंग चेतसांग रिनपोछे, अहिंसा विश्व भारती के संस्थापक अध्यक्ष आचार्य लोकेश मुनि, अखिल भारतीय इमाम संगठन के अध्यक्ष मौलाना इमाम उमर अहमद इलियासी, रिलिजन फाॅर पीस सेक्रेट्री जनरल अजा करम, येरूसलम में अमेरिकी यहूदी समिति व इजराइल के अंतर्धार्मिक मामलों के अंतर्राष्ट्रीय निदेशक इजरायल से रब्बी डेविड रोज़न, पटना साहिब गुरुद्वारा के पूर्व जत्थेदार ज्ञानी इकबाल सिंह, अकाल तख्त के पूर्व प्रमुख जत्थेदार सिख विद्वान ज्ञानी गुरुबचन सिंह, कैरिटास इंडिया के कार्यकारी निदेशक फादर पॉल, जैन साधु साध्वी शिलापी, मानस कथाकर मुरलीधर महाराज, बंगला साहिब गुरूद्वारा दिल्ली से परमजीत सिंह चंडोक, गद्दी नशीन - दरगाह अजमेर शरीफ के हाजी सैयद सलमान चिश्ती सहित अन्य धार्म गुरु, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला, केन्द्रीय जल शक्ति मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत, महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी, उत्तराखंड की राज्यपाल बेबी रानी मौर्य, उत्तराखंड के मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत, उत्तराखंड के विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल सहित अन्य गणमान्य राजनीतिज्ञ, सूफी गायक पद्मश्री कैलाश खेर, फिल्म अभिनेत्री शिल्पा शेट्टी कुंद्रा, अभिनेता विवेक ओबेरॉय, तालवादक शिवमणि और सूफी गायिका रूना रिजवी शिवमणि सहित अनेक गणमान्य अतिथियों ने विभिन्न देशों से लाइव जुड़कर तथा विडियो संदेशों के जरिए अपनी शुभकामनाएं भेंट की।

फोटो : साभार परमार्थ निकेतन, ऋषिकेश

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