कानपुर। Goa Liberation Day गोवा आज भारत का एक बेहद खूबसूरत राज्य है। बीचों के लिए मशहूर गोवा भारत के आजाद होने के बाद 14 साल बाद इसका हिस्सा बना था। आधिकारिक वेबसाइट इंडियननेवीडाॅटएनआईसीडाॅटइन के मुताबिक कभी इस पर पुर्तगालियों का कब्जा था। भारत सरकार के बार-बार कहने के बाद भी पुर्तगाली शासक इस इलाके को आजाद नहीं कर रहे थे।

ऑपरेशन विजय की शुरुआत की थी

ऐसे में भारत ने गोवा की आजादी के लिए ऑपरेशन विजय की शुरुआत की और भारतीय सैनिक गोवा में घुस गए। इस दाैरान 19 दिसंबर को साहसी भारतीय सशस्त्र बलों को सफलता मिली। उन्होंने पुर्तगालियों से गोवा को मुक्त करवाया था। भारत में पुर्तगाल के निर्वासित गवर्नर जनरल मैन्यूल एंटोनियो वासलो ई-सिल्वा के अलावा बड़ी संख्या में अन्य पुर्तगालियों ने भारत के आगे आत्मसमर्पण किया था।

goa liberation day: भारत की आजादी के इतने साल बाद देश का हिस्‍सा बना खूबसूरत गोवा

गोमंतक में युद्ध स्मारक का निर्माण

इसके बाद भारतीय नौसेना पोत गोमंतक में युद्ध स्मारक का निर्माण हुआ था। इस स्मारक का निर्माण उन सात युवा बहादुर सैन्य-नाविकों और उन अन्य लोगों की याद में किया गया था जिन्होंने 19 दिसंबर 1961 को पुर्तगाली शासित गोवा, दमन और दीव के अंजदीव द्वीप और अन्य प्रदेशों की आजादी के लिए भारतीय नौसेना द्वारा किए गए चलाए गए ऑपरेशन विजय में अपने जीवन का बलिदान किया था।गोवा मुक्ति दिवस मनाया जाता है

ऐसे में हर साल 19 दिसंबर को गोवा में गोवा मुक्ति दिवस मनाया जाता है। इस विशेष दिन पर गोवा के प्रशासनिक अफसर और भारतीय नौसेना के जवान राष्ट्र की ओर से शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं। इस अवसर पर युद्ध स्मारक में एक गार्ड परेड होता है और पुष्पांजलि दी जाती है। बता दें कि पुर्तगालियों से मुक्त होने के बाद 30 मई, 1987 को गोवा को पूर्ण राज्य का दर्जा मिला था।

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