बरेली: बाबा त्रिवटी नाथ मंदिर में श्रीमद्भागवत कथा के पांचवें दिन कथा व्यास पंडित देवेंद्र उपाध्याय ने श्रीमद् भागवत कथा का महत्व बताया। उन्होंने कहा कि जिस तरह भक्त को भगवान की आवश्यकता होती है उसी प्रकार भगवान भी अपने भक्तों का ध्यान करते हैं और उनके विश्वास को कभी असत्य होने नहीं देते हैं।

प्रहलाद के वचन का रखा मान

कथा व्यास बताते हैं कि भगवान के परम भक्त प्रहलाद का कथन सबसे यही होता था कि हर वस्तु में भगवान का वास है। हिरणकश्यप ने प्रहलाद के कथन का उपहास किया और पूछा कि क्या इस खंबे में भी तुम्हारे भगवान हैं। भक्त प्रहलाद ने विश्वास के साथ भगवान के होने की बात कही और अपने भक्त के कथन को सत्य करने के लिए भगवान नरसिंह रूप में प्रकट होते हैं और हिरण्यकश्यप का वध करके अपने भक्त का मान रखते हैं। कथा व्यास ने बताया जब जब भक्त की करूण पुकार भगवान के कान में पढ़ती है तब भगवान द्रवित हो जाते हैं और अपने भक्तों की सहायता के लिए दौड़े चले आते हैं।

कथा व्यास ने बताया जब अर्जुन और दुर्योधन भगवान कृष्ण से युद्ध के लिए सहायता मांगने गए और दुर्योधन को भगवान की अक्षुणी सेना मिल गई परंतु अर्जुन को केवल भगवान मिले तब दुर्योधन मन ही मन बहुत प्रसन्न हुआ कि एक व्यक्ति जो की निहत्था है वह अर्जुन की युद्ध में क्या सहायता करेगा तथा उसने यह मान लिया कि अर्जुन तो मूर्ख है। कथा व्यास कहते हैं कि स्वयं परमपिता परमात्मा जिसको अपनी शरण में ले ले उसका कोई क्या बिगाड़ सकता है। मुख्य बात यह है कि हमें अपना विश्वास अपने इसके ईष्ट के प्रति अडिग रखना चाहिए। कथा में मंदिर कमेटी के प्रताप चंद्र सेठए हरि ओम अग्रवाल तथा मीडिया प्रभारी संजीव औतार अग्रवाल का मुख्य सहयोग रहा।