-पूरे प्रदेश में डॉक्टर्स की हड़ताल से हलकान रहे पेशेंट्स

-दून के सभी सरकार हॉस्पिटल्स में डॉक्टर्स रहे हड़ताल पर

<-पूरे प्रदेश में डॉक्टर्स की हड़ताल से हलकान रहे पेशेंट्स

-दून के सभी सरकार हॉस्पिटल्स में डॉक्टर्स रहे हड़ताल पर

dehradun@inext.co.in

DEHRADUN : dehradun@inext.co.in

DEHRADUN : पूरे प्रदेश में डॉक्टर्स की एक दिनी ओपीडी बायकाट के कारण सरकारी हॉस्पिटल्स में पहुंचने वाले मरीजों को खासी दिक्कतें झेलनी पड़ी। राज्य के सबसे बड़े हॉस्पिटल दून में पेशेंट्स को सबसे ज्यादा परेशानी का सामना करना पड़ा, जहां हर रोज राज्यभर नहीं, पड़ोसी राज्यों के भी मरीज इलाज के लिए पहुंचते हैं। हालांकि ट्यूजडे को डॉक्टर्स ने वापस कार्य पर आने का निर्णय ले लिया है। इधर, दोपहर में प्रांतीय चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवा संघ के प्रतिनिधिमंडल ने प्रमुख सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य से भेंट की। बदले में प्रमुख सचिव ने काशीपुर सीएमएस प्रकरण पर हायर लेबल मजिस्ट्रेट जांच कराने का आश्वासन िदया है।

दून के सभी हॉस्पिटल रहे बंद

कुछ दिन पहले काशीपुर हॉस्पिटल में सीएमएस डा। बीडी जोशी पर विजिलेंस की जांच के खिलाफ पीएमएचएस ने पहले ही कार्य बहिष्कार का एलान किया था। संघ की घोषणा के अनुसार मंडे को पूरे प्रदेश के सभी सरकारी हॉस्पिटल में डॉक्टर्स ने कार्य बहिष्कार किया। डॉक्टर्स के कार्य बहिष्कार का असर पूरे प्रदेश में पड़ा। दून में दून हॉस्पिटल के अलावा महिला दून, कोरोनेशन, रायपुर, विकासनगर, प्रेमनगर व डोईवाला में भी डॉक्टर्स का कार्य बहिष्कार रहा। सबसे ज्यादा मुसीबतें दून हॉस्पिटल में देखने को मिली। हर रोज रोजाना की तर्ज पर पहुंचने वाले जरूरतमंद पेशेंट्स में कुछ वापस लौटे तो कुछ लोगों ने प्राइवेट डॉक्टर्स की शरण ली। हालांकि इस दौरान इमरजेंसी सेवाएं बहाल रहीं।

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कोर्ट के मुताबिक नो क्राइम

प्रांतीय चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवा संघ के काशीपुर सीएमएस के खिलाफ विजिलेंस की जांच को निराधार बताते हुए कहा कि कोर्ट के अनुसार सीएमएस घर पर फीस ले रहे थे तो कोई बुरा नहीं था। जिलाअध्यक्ष दून डा। एनएस खत्री का कहना है कि दोहपर बाद किसी भी डॉक्टर के घर पर फीस लेना क्राइम नहीं है।

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षड्यंत्र के तहत फंसाया गया डा। जोशी को

पीएमएचएस के मुताबिक काशीपुर के सीएमएस डा। बीडी जोशी को षड्यंत्र के तहत फंसाया गया है। जिसकी जांच होने के बाद सब कुछ सामने आया जाएगा। एसोसिएशन ने सीएमएस प्रकरण में षड्यंत्र रचने वाले डॉक्टर्स को जांच रिपोर्ट के बाद काउंसिल से हटाने के प्रस्ताव पर भी मंजूरी देने की तैयारी कर ली है।

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दून महिला में ओपीडी पूरी बंद

दून महिला हॉस्पिटल में भी ओपीडी पूरी तरीके से बंद रही। हालांकि बाकी इमरजेंसी टेस्ट, अल्ट्रासाउंड और ऑपरेशन जारी रहे। सीएमएस डा। चंद्रा पंत के अनुसार इमरजेंसी सेवाएं जारी रही। वहीं दून हॉस्पिटल में सबसे ज्यादा असर रहा। ओपीडी पूरी बंद रही तो ऑपरेशन भी नहीं हो पाए। बाकी इमरजेंसी सर्विसेज पूरी तरह प्रभावी रहीं। प्रमुख चिकित्सा अधीक्षक डा। आरएस असवाल के अनुसार ट्यूजडे को डॉक्टर काम पर रहेंगे।

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800 मरीजों को नहीं मिला उपचार

<पूरे प्रदेश में डॉक्टर्स की एक दिनी ओपीडी बायकाट के कारण सरकारी हॉस्पिटल्स में पहुंचने वाले मरीजों को खासी दिक्कतें झेलनी पड़ी। राज्य के सबसे बड़े हॉस्पिटल दून में पेशेंट्स को सबसे ज्यादा परेशानी का सामना करना पड़ा, जहां हर रोज राज्यभर नहीं, पड़ोसी राज्यों के भी मरीज इलाज के लिए पहुंचते हैं। हालांकि ट्यूजडे को डॉक्टर्स ने वापस कार्य पर आने का निर्णय ले लिया है। इधर, दोपहर में प्रांतीय चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवा संघ के प्रतिनिधिमंडल ने प्रमुख सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य से भेंट की। बदले में प्रमुख सचिव ने काशीपुर सीएमएस प्रकरण पर हायर लेबल मजिस्ट्रेट जांच कराने का आश्वासन िदया है।

दून के सभी हॉस्पिटल रहे बंद

कुछ दिन पहले काशीपुर हॉस्पिटल में सीएमएस डा। बीडी जोशी पर विजिलेंस की जांच के खिलाफ पीएमएचएस ने पहले ही कार्य बहिष्कार का एलान किया था। संघ की घोषणा के अनुसार मंडे को पूरे प्रदेश के सभी सरकारी हॉस्पिटल में डॉक्टर्स ने कार्य बहिष्कार किया। डॉक्टर्स के कार्य बहिष्कार का असर पूरे प्रदेश में पड़ा। दून में दून हॉस्पिटल के अलावा महिला दून, कोरोनेशन, रायपुर, विकासनगर, प्रेमनगर व डोईवाला में भी डॉक्टर्स का कार्य बहिष्कार रहा। सबसे ज्यादा मुसीबतें दून हॉस्पिटल में देखने को मिली। हर रोज रोजाना की तर्ज पर पहुंचने वाले जरूरतमंद पेशेंट्स में कुछ वापस लौटे तो कुछ लोगों ने प्राइवेट डॉक्टर्स की शरण ली। हालांकि इस दौरान इमरजेंसी सेवाएं बहाल रहीं।

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कोर्ट के मुताबिक नो क्राइम

प्रांतीय चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवा संघ के काशीपुर सीएमएस के खिलाफ विजिलेंस की जांच को निराधार बताते हुए कहा कि कोर्ट के अनुसार सीएमएस घर पर फीस ले रहे थे तो कोई बुरा नहीं था। जिलाअध्यक्ष दून डा। एनएस खत्री का कहना है कि दोहपर बाद किसी भी डॉक्टर के घर पर फीस लेना क्राइम नहीं है।

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षड्यंत्र के तहत फंसाया गया डा। जोशी को

पीएमएचएस के मुताबिक काशीपुर के सीएमएस डा। बीडी जोशी को षड्यंत्र के तहत फंसाया गया है। जिसकी जांच होने के बाद सब कुछ सामने आया जाएगा। एसोसिएशन ने सीएमएस प्रकरण में षड्यंत्र रचने वाले डॉक्टर्स को जांच रिपोर्ट के बाद काउंसिल से हटाने के प्रस्ताव पर भी मंजूरी देने की तैयारी कर ली है।

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दून महिला में ओपीडी पूरी बंद

दून महिला हॉस्पिटल में भी ओपीडी पूरी तरीके से बंद रही। हालांकि बाकी इमरजेंसी टेस्ट, अल्ट्रासाउंड और ऑपरेशन जारी रहे। सीएमएस डा। चंद्रा पंत के अनुसार इमरजेंसी सेवाएं जारी रही। वहीं दून हॉस्पिटल में सबसे ज्यादा असर रहा। ओपीडी पूरी बंद रही तो ऑपरेशन भी नहीं हो पाए। बाकी इमरजेंसी सर्विसेज पूरी तरह प्रभावी रहीं। प्रमुख चिकित्सा अधीक्षक डा। आरएस असवाल के अनुसार ट्यूजडे को डॉक्टर काम पर रहेंगे।

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800 मरीजों को नहीं मिला उपचार

ROORKEE (JNN) :ROORKEE (JNN) : दर्द को सहन करते हुए मरीज मंडे को सिविल अस्पताल रुड़की की दहलीज तक तो पहुंचे लेकिन यहां भी उपचार नहीं मिला। बरामदे में मरीज दर्द से घंटों करहाते रहे। काफी इंतजार के बाद भी उपचार और दवाई न मिलने से मरीज मायूस होकर लौट गए। रुड़की विकास खंड के हलवाहेड़ी गांव निवासी मुस्तकीम को कई दिन से पेट में दर्द की शिकायत थी। मंडे को जब दर्द असहनीय हो गया तो परिवार के लोग ग्राम प्रधान को साथ लेकर मुस्तकीम को सिविल अस्पताल में लेकर आए। यहां पर उसका बेटा शमशेर कभी इस वार्ड तो कभी उस वार्ड में दौड़ता रहा, लेकिन चिकित्सक नहंीं मिला। दर्द बढ़ने पर पिता को घास पर ही लिटा दिया। करीब 800 मरीजों को उपचार नहीं मिल पाया। काशीपुर में डॉ। जोशी के खिलाफ विजीलेंस कार्रवाई के विरोध में मंडे को डॉक्टरों ने ओपीडी का बहिष्कार कर दिया।

'दर्द' का नहीं मिला इलाज

'पिछले कई दिनों से आंख में दर्द है। संडे को अस्पताल बंद था, सुबह अस्पताल आया तो न तो पर्चा बना और न ही दवाइयां मिली। बताया गया कि डॉक्टर आज हड़ताल पर है.'

- थल सिंह, आसफनगर

'संडे को कुत्ते ने काट लिया था। इंजेक्शन लगवाने के लिए अस्पताल आया थे, लेकिन डॉक्टर नहीं मिले। इमरजेंसी में गया, लेकिन यहां भी इंजेक्शन लगाने से मना कर दिया.'

- शहदाब, लक्सर

'सैटरडे को ब्लड सैंपल जांच के लिए दिया था, उसकी रिपोर्ट लेने के लिए आया था, लेकिन पता चला कि ओपीडी और लैब दोनों बंद है। इसलिये दिक्कत हुई.'

- जगदीश, रेलवे कॉलोनी रुड़की

'डॉक्टर से चेकअप कराना था, लेकिन हड़ताल होने के चलते डॉक्टर नहीं मिला, कल फिर आना पडे़गा.'

-सीमा, रामपुर

'तीन दिन पहले भी डॉक्टर नहीं मिले थे, आज आए हैं तो डॉक्टर हड़ताल पर हैं, कम से कम कुछ डॉक्टर तो ड्यूटी पर रहने ही चाहिए थे.'

- शमशीदा, रामपुर

'20 किमी दूर से अस्पताल दिखाने के लिए आई थी, लेकिन यहां आकर पता चला कि डॉक्टर हड़ताल पर हैं.'

-मेहसर, छापुर

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मंगलौर सीएचसी में भी हड़ताल

कस्बे के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) पर तैनात चिकित्सक भी मंडे को ओपीडी कार्य बहिष्कार पर रहे। इससे मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ा।

'डॉक्टरों के ओपीडी कार्य बहिष्कार के चलते सोमवार को मरीजों को दिक्कतें हुई। हालांकि इमरजेंसी सेवा चलती रही। अस्पताल में हर रोज औसतन करीब आठ सौ नये और पुराने मरीज देखे जाते हैं.'

- डॉ। एमएमपी सिंह, कार्यवाहक सीएमएस, सिविल अस्पताल

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फोटो.9-14-

सीएमएस प्रकरण पर हरिद्वार में भी बहिष्कार

< दर्द को सहन करते हुए मरीज मंडे को सिविल अस्पताल रुड़की की दहलीज तक तो पहुंचे लेकिन यहां भी उपचार नहीं मिला। बरामदे में मरीज दर्द से घंटों करहाते रहे। काफी इंतजार के बाद भी उपचार और दवाई न मिलने से मरीज मायूस होकर लौट गए। रुड़की विकास खंड के हलवाहेड़ी गांव निवासी मुस्तकीम को कई दिन से पेट में दर्द की शिकायत थी। मंडे को जब दर्द असहनीय हो गया तो परिवार के लोग ग्राम प्रधान को साथ लेकर मुस्तकीम को सिविल अस्पताल में लेकर आए। यहां पर उसका बेटा शमशेर कभी इस वार्ड तो कभी उस वार्ड में दौड़ता रहा, लेकिन चिकित्सक नहंीं मिला। दर्द बढ़ने पर पिता को घास पर ही लिटा दिया। करीब 800 मरीजों को उपचार नहीं मिल पाया। काशीपुर में डॉ। जोशी के खिलाफ विजीलेंस कार्रवाई के विरोध में मंडे को डॉक्टरों ने ओपीडी का बहिष्कार कर दिया।

'दर्द' का नहीं मिला इलाज

'पिछले कई दिनों से आंख में दर्द है। संडे को अस्पताल बंद था, सुबह अस्पताल आया तो न तो पर्चा बना और न ही दवाइयां मिली। बताया गया कि डॉक्टर आज हड़ताल पर है.'

- थल सिंह, आसफनगर

'संडे को कुत्ते ने काट लिया था। इंजेक्शन लगवाने के लिए अस्पताल आया थे, लेकिन डॉक्टर नहीं मिले। इमरजेंसी में गया, लेकिन यहां भी इंजेक्शन लगाने से मना कर दिया.'

- शहदाब, लक्सर

'सैटरडे को ब्लड सैंपल जांच के लिए दिया था, उसकी रिपोर्ट लेने के लिए आया था, लेकिन पता चला कि ओपीडी और लैब दोनों बंद है। इसलिये दिक्कत हुई.'

- जगदीश, रेलवे कॉलोनी रुड़की

'डॉक्टर से चेकअप कराना था, लेकिन हड़ताल होने के चलते डॉक्टर नहीं मिला, कल फिर आना पडे़गा.'

-सीमा, रामपुर

'तीन दिन पहले भी डॉक्टर नहीं मिले थे, आज आए हैं तो डॉक्टर हड़ताल पर हैं, कम से कम कुछ डॉक्टर तो ड्यूटी पर रहने ही चाहिए थे.'

- शमशीदा, रामपुर

'ख्0 किमी दूर से अस्पताल दिखाने के लिए आई थी, लेकिन यहां आकर पता चला कि डॉक्टर हड़ताल पर हैं.'

-मेहसर, छापुर

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मंगलौर सीएचसी में भी हड़ताल

कस्बे के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) पर तैनात चिकित्सक भी मंडे को ओपीडी कार्य बहिष्कार पर रहे। इससे मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ा।

'डॉक्टरों के ओपीडी कार्य बहिष्कार के चलते सोमवार को मरीजों को दिक्कतें हुई। हालांकि इमरजेंसी सेवा चलती रही। अस्पताल में हर रोज औसतन करीब आठ सौ नये और पुराने मरीज देखे जाते हैं.'

- डॉ। एमएमपी सिंह, कार्यवाहक सीएमएस, सिविल अस्पताल

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फोटो.9-क्ब्-

सीएमएस प्रकरण पर हरिद्वार में भी बहिष्कार

HARIDWAR (JNN) : HARIDWAR (JNN) : काशीपुर जिला अस्पताल के सीएमएस डा। बीसी जोशी के गिरफ्तारी के विरोध प्रांतीय चिकित्सक संघ ने ऐतराज जताया था। इस प्रकरण को लेकर पदाधिकारियों ने स्वास्थ्य महकमे के अधिकारियों से वार्ता की थी, लेकिन कोई हल नहीं निकला था। इस पर सोमवार को जिला अस्पताल, मेला अस्पताल, महिला अस्पताल समेत सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र एवं प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के चिकित्सकों ने प्रांतीय चिकित्सक संघ के आह्वान पर ओपीडी का बहिष्कार किया। सुबह आठ बजे से दो बजे तक चिकित्सक ओपीडी में नहीं बैठे। इस कारण सुबह से ही लाइन में लगे मरीजों को बिना उपचार के ही लौटना पड़ा। इमरजेंसी कक्ष में डा। हिमांशु ने मरीजों के सेहत की जांच की। हरिद्वार प्रांतीय चिकित्सक संघ के सचिव डा। मनोज वर्मा ने कहा कि काशीपुर जिला अस्पताल के सीएमएस डा। बीसी जोशी की गिरफ्तारी से चिकित्सकों में आक्रोश है।

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बहिष्कार से तड़पते रहे मरीज

<काशीपुर जिला अस्पताल के सीएमएस डा। बीसी जोशी के गिरफ्तारी के विरोध प्रांतीय चिकित्सक संघ ने ऐतराज जताया था। इस प्रकरण को लेकर पदाधिकारियों ने स्वास्थ्य महकमे के अधिकारियों से वार्ता की थी, लेकिन कोई हल नहीं निकला था। इस पर सोमवार को जिला अस्पताल, मेला अस्पताल, महिला अस्पताल समेत सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र एवं प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के चिकित्सकों ने प्रांतीय चिकित्सक संघ के आह्वान पर ओपीडी का बहिष्कार किया। सुबह आठ बजे से दो बजे तक चिकित्सक ओपीडी में नहीं बैठे। इस कारण सुबह से ही लाइन में लगे मरीजों को बिना उपचार के ही लौटना पड़ा। इमरजेंसी कक्ष में डा। हिमांशु ने मरीजों के सेहत की जांच की। हरिद्वार प्रांतीय चिकित्सक संघ के सचिव डा। मनोज वर्मा ने कहा कि काशीपुर जिला अस्पताल के सीएमएस डा। बीसी जोशी की गिरफ्तारी से चिकित्सकों में आक्रोश है।

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बहिष्कार से तड़पते रहे मरीज

VIKASHNAGAR (JNN) : VIKASHNAGAR (JNN) : काशीपुर सरकारी अस्पताल के सीएमएस डा। बीडी जोशी पर हुई विजिलेंस कार्रवाई के विरोध में प्रांतीय चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवा संघ के आह्वान पर जौनसार बावर व पछवादून के सरकारी अस्पतालों के चिकित्सकों ने भी ओपीडी का बहिष्कार किया। चिकित्सकों के ओपीडी में नहीं बैठने से मरीजों को फजीहत झेलनी पड़नी। हालांकि इस दौरान आकस्मिक सेवा चालू रहने से गंभीर मरीजों का इलाज किया गया। बाकी मरीजों को निजी अस्पतालों में उपचार कराना पड़ा।