नाटक गोडसे-गांधी डॉट काम का हुआ मंचन

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PRAYAGRAJ: स्वराज विद्यापीठ एवं आकार संस्था की ओर से सोमवार को एनसीजेडसीसी में असगर वज़ाहत द्वारा लिखित एवं नीरज उपाध्याय व सिद्धार्थ पाल द्वारा निर्देशित नाटक गोडसे-गांधी डॉट काम का मंचन किया गया.

नाटक गोडसे-गांधी डॉट काम में कल्पना की गई है कि गोडसे की गोली लगने से महात्मा गांधी शहीद नहीं होते, बल्कि बच जाते हैं. गांधी पर लिखा हुआ नाटक दो विचार धाराओं के बीच संवाद स्थापित करने का प्रयास है. आज जब संकीर्णता और कट्टरपन का बोलबाला है, असहिष्णुता हमारे समय की पहचान बन गई है. दूसरे के विचार, भावनाओं को सुने बिना ही अपनी बात उन पर थोपने की कोशिश करना आज का लक्षण है. ऐसे समय में गांधी की प्रासंगिकता बढ़ जाती है. हर एक को चिंतन और विचार की स्वाधीनता प्राप्त है. सहमति-असहमति संभव है. गतिरोध का समाधान संवाद ही है. हिंसा और हत्या किसी बात का समाधान नहीं. गांधी जी का मानना है कि अहिंसा उनका रास्ता है, दूसरों को अपना मार्ग चुनने की स्वाधीनता है. इस अवसर पर मुख्य अतिथि पूर्व महापौर चौधरी जितेंद्रनाथ सिंह, प्रो. कृष्णा गुप्ता, रवि किरण जैन, प्रो. रमाचरण त्रिपाठी, डा. पीयूष खरे आदि मौजूद रहे.