और बढ़ गई सोने की चमक

शुक्रवार को सोने के भाव में काफी जबरदस्त फ्लकचुएशन को देखने को मिला। जिसकी वजह से सोने की कीमत ने अपनी औकात को बढ़ाते हुए आंकड़ा 32 हजार को छू लिया। इसका मेन रीजन इंपोर्टेड ज्वैलरी पर एक्साइज ड्यूटी का बढऩा बताया जा रहा है। इसकी वजह से लोकल सर्राफा व्यापारियों के चेहरे पर हल्की सी मुस्कान आ गई। साथ ही दीवाली के मौके पर अच्छा-खासा व्यापार होने की उम्मीद है।

सोना हुआ 32 हजारी

शुक्रवार को सर्राफा व्यापारियों के लिए अच्छी खबर आई। जब सोने का भाव खुला तो सोना अपना भाव बढ़ा चुका था। जो सोना एक दिन पहले तक 31 हजार के आसपास गोते खा रहा था, अगले दिन 32 हजार के पार पहुंच गया। गोल्ड के जानकारों की माने तो गवर्नमेंट पॉलिसीज, फ्लकचुएशन की वजह से रेट बढ़ा है।  

चार के पीक पर सोना

सोने का रेट अपने चार महीने के पीक पर है। अगर जुलाई से अब तक के एवरेज सोने के रेट पर गौर किया जाए तो सोने की कीमत में पांच से छह हजार रुपए तक फर्क आया है, जो अपने आप में काफी ज्यादा है। जुलाई में गोल्ड रेट का भाव 26800 रुपए प्रति दस ग्राम था, अगस्त में 28 हजार 500 रुपए हो गया। सितंबर में गोल्ड का एवरेज रेट 29 हजार रुपए था, जो अक्टूबर में 32 हजार रुपए तक पहुंच गया। सर्राफा व्यापारी भी काफी ताज्जुब में है कि पिछले चार महीने में सोने रेट हजार रुपए के हिसाब से बढ़ रहे हैं। साथ ही ये रेट कम से भी एक महीने तक स्टेबल भी है। अगर फर्क आ भी रहा है वो रोजाना के हिसाब से 200 रुपए से 300 रुपए तक ही है।

एक महीने में 2500

अगर पिछले एक महीने का हिसाब देखा जाए तो सोने के रेट में सितंबर और अक्टूबर के बीच में सोने की कीमत में 2500 रुपए बढ़ोतरी देखने को मिली है, जो काफी ताज्जुब की बात है। ये ताज्जुब इसलिए भी है कि इंटरनेशनल मार्केट में काफी उथल पुथल देखने को मिल रही है। साथ ही सोने के रेट में कुछ महीने पहले अपना काफी निचला स्तर भी देखा है। ऐसे में धीरे-धीरे ही सही सोना अपने असली रंग में देखने को मिल रहा है।

आखिर वजह क्या है?

जानकारों की माने तो सोने की इंपोर्ट ड्यूटी बढऩे से सोने की कीमत में इजाफा हुआ है। सरकार ने इंपार्ट ड्यूटी को 10 फीसदी से बढ़ाकर 14 परसेंट कर दिया है। ऐसा सरकार ने इस लिए किया है ताकि सोने की कीमत बढऩे से लोगों में सोने के प्रति रुझान थोड़ा कम हो और सोने की डिमांड मार्केट में कम हो। इससे रुपए की इंटरनेशनल मार्केट में थोड़ी वैल्यू बढ़ेगी और अर्थव्यवस्था में थोड़ा सुधार होगा।

महंगी फॉरेन ज्वैलरी

इंपोर्ट ड्यूटी बढ़ जाने से फॉरेन कंट्री की ज्वैलरी के रेट काफी बढ़ जाएंगे। तकरीबन 10 से 15 फीसदी रेट बढऩे की संभावना है। इस ज्वैलरी के रेट पहले से ही काफी हाई थे। स्वरूप चंद ज्वेलर्स के डायरेक्टर रोहित जैन की मानें तो बारीक काम और वैरायटी की वजह से इंपोर्टेड ज्वैलरी के प्रति पब्लिक का आकर्षण बढ़ा है। ड्यूटी बढऩे से रेट भी हाई हुए हैैं। हम आपको बता दें इंडिया में सबसे अधिक बैंकॉक और सिंगापुर से गोल्ड ज्वैलरी इंपोर्ट होती है। साथ सिटी में फॉरेन ज्वेलरी का मार्केट 5 से 10 फीसदी के बीच में है।

लोकल मार्केट को फायदा

वहीं लोकल सर्राफा व्यापारी दीपावली सीजन में बड़ा फायदा देख रहे हैं। त्रिपुंड ज्वैलर के ऑनर कुश अग्रवाल बताते हैैं कि इससे लोकल मार्केट में 15 से 25 फीसदी फायदा होने की उम्मीद है। आज के दौर में लोगों की परचेजिंग पॉवर थोड़ी कम जरूर हुई है। इसलिए वो महंगी ज्वैलरी पसंद करने से बच रहे हैैं। जो डिजाइन लोकल लेवल पर सस्ता मिल रहा है तो कस्टमर इंपोर्टेटेड क्यों पसंद करेगा।

मुस्कुराए निवेशक

उधर गोल्ड रेट बढऩे से निवेशकों के चेहरे खिले हुए दिखाई दिए। निवेशक रोहित चौधरी की मानें तो सोने के रेट बढऩे से थोड़ी सी राहत तो मिली है। काफी समय से सोने के रेट बढऩे का इंतजार कर रहे थे, ताकि सोने में इंवेस्टमेंट करने का थोड़ा तो फायदा मिले। वहीं एक अन्य निवेशक पीयूष सिंह का कहना है कि काफी समय से सोने की कीमत 28 से 30 हजार के बीच में गोते खा रही थी। कीमत 32 हजार के आसपास पहुंचने से थोड़ी तो राहत की सांस मिली है।

इस फाइनेंशियल ईयर में गोल्ड रेट

मंथ              गोल्ड रेट

अप्रैल               30135

मई                  28000

जून                  27350

जुलाई               26500

सितंबर              29000

अक्टूबर             32060

'सोने का रेट बढऩे से थोड़ी तो राहत मिली है। उम्मीद है कि दीपावली के टाइम पर भी सोने का रेट इसके आसपास ही रहे। बात रही इंपोर्ट ड्यूटी से लोकल व्यापारियों को फायदा मिलने की तो थोड़ा बहुत तो होगा ही.'

- सर्वेश कुमार, महामंत्री, मेरठ बुलियन ट्रेडर्स एसोसिएशन

'इंपोर्ट ड्यूटी बढ़ जाने से थोड़ा बहुत फायदा तो व्यापारियों को तो होगा ही। लेकिन जो अब भी फॉरेन ज्वेलरी को पसंद करने वाले हैं वो उन्हें खरीदते रहेंगे.'

- रोहित जैन, डायरेक्टर, स्वरूप चंद ज्वैलर्स

'सोने के रेट बढ़े हैं वो काफी अच्छी बात है। अगर बात इंपोर्ट ड्यूटी से फॉरेन ज्वैलरी पर फर्क की करें तो ज्यादा देखने को नहीं मिलेगा। हां ये बात सही है। लोकल व्यापारी को थोड़ा बहुत फायदा जरूर होगा.'

- निखिल जैन, डायरेक्टर, धर्मा ज्वैलर्स

'खैर मुझे इसमें लोकल ज्वेलर्स का कोई भी फायदा नजर नहीं आ रहा है। जब गोल्ड का रेट बढ़ेगा तो कंज्यूमर पर ज्यादा लोड बढ़ेगा और व्यापारियों को भी सोना काफी महंगा मिलेगा.'

- अनुज जैन, पार्टनर, जोधामल कैलाशचंद जैन ज्वैलर्स