- अलविदा जुमा की नमाज आज, घरों में ही अदा करें अलविदा जुमा

रमजान मुबारक के पाक माह में अलविदा जुमा की खास अहमियत होती है। मुस्लिम समुदाय के लोग इसे छोटी ईद के नाम से भी जानते है। जिसमें इबादतों का सिलसिला आम होता है। अलविदा जुमा पर इस्लाम को मानने वाले लोगों में जकात, फितरा और हर तरह से इबादत का जौक और शौक होता है। ऐसे में अलविदा जुमा पर लोग खुदा की इबादत के लिए हर तरह से कोशिश करते है। जिसमें गरीब, यतीम, मिस्किन की खूब मदद की जाती है।

अलविदा में शबेकद्र की होती है आखिरी रात

मौलाना नादिर हुसैन बताते है कि अलविदा जुमा में ही शबेकद्र की आखिरी रात भी पायी जाएगी। जिस शबेकद्र के बारे में हदीस में आता है कि जिसने खुलूस इमान के साथ इस रात में इबादत की। उसके तमाम पिछले गुनाहों को माफ कर दिया जाता है। इस बार लॉकडाउन के मद्देनजर अलविदा जुमा की नमाज प्रशासन के हुक्म के मुताबिक पांच लोगों को मस्जिद में पढ़ने की इजाजत है। लिहाजा मुसलमानों से अपील की जाती है कि अलविदा की नमाज को बजाए अपने अपने घरों में जोहर की नमाज अदा करें। मौलाना नादिर हुसैन ने लोगों से अपील करते हुए कहा कि इस बार वह अलविदा जुमा की नमाज के दौरान अपने मुल्क की तरक्की और कोरोना वायरस जैसी बीमारी से निजात की दुआ करें।

अलविदा जुमा की नमाज को मुसलमान छोटी ईद के नाम से भी जानते हैं। ऐसे में इस बार लोग प्रशासन के हुक्म की तामील करते हुए नमाज अदा करें और मुल्क की तरक्की व कोरोना से निजात के लिए दुआ मांगे।

मौलाना नादिर हुसैन

खतीब हटिया मस्जिद